नई दिल्ली : मोदी सरकार द्वारा लगभग पांच साल पहले शुरू की गई जन-धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में कुल जमा जल्द ही 1 लाख करोड़ रुपये को पार करने के लिए तैयार हैं.
जन-धन खातों में कुल बैलेंस, जो लगातार बढ़ रहा है, नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 3 अप्रैल को 97,665.66 करोड़ रुपये था. जन-धन खातों की कुल संख्या 35.39 करोड़ के पार हो गई.
27 मार्च को जन-धन खातों में जमा राशि 96,107.35 करोड़ रुपये और एक सप्ताह पहले 95,382.14 करोड़ रुपये थी. 27.89 करोड़ से अधिक खाताधारकों को रूपे डेबिट कार्ड जारी किए गए हैं.
प्रधान मंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) 28 अगस्त 2014 को सभी घरों में बैंकिंग सुविधाओं को सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी.
योजना की सफलता से उत्साहित सरकार ने 28 अगस्त, 2018 के बाद खोले गए नए खातों के लिए दुर्घटना बीमा कवर को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया. वरड्राफ्ट की सीमा भी दोगुनी करके 10,000 रुपये कर दी गई.
जन धन खाता धारकों में से 50 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, जबकि लगभग 59 प्रतिशत खाते ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में हैं.
पीएमजेडीवाई का उद्देश्य विभिन्न वित्तीय सेवाओं जैसे बुनियादी बचत बैंक खाते की उपलब्धता, आधारित ऋण की आवश्यकता, अभिगम सुविधा, बीमा और पेंशन से कमजोर वर्गों और निम्न आय समूहों तक पहुंच सुनिश्चित करना है.
पीएमजेडीवाई लाभार्थी के खातों में सभी सरकारी लाभों को प्रसारित करने और केंद्र सरकार की प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना को आगे बढ़ाने की भी परिकल्पना करता है।
ये भी पढ़ें : भारत अब भी नहीं बना अतिरिक्त बिजली रखनेवाला राष्ट्र: रिपोर्ट