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कोरोना काल में बढ़ी सेकेंड हैंड कारों की मांग

कार देखो ग्रुप के प्रमुख (ट्रस्ट मार्क स्टोर) शरद जायसवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि लोगों की बदली जरूरत को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने 'ऑनलाइन' के साथ साथ अब पुरानी कारों के 'आफलाइन' यानी वास्तविक स्टोर खंड में उतरने का भी फैसला किया है. इसके तहत उसने अपने पहला 'कारदेखो गड्डी ट्रस्ट मार्क' स्टोर दिल्ली में खोला है.

कोरोना काल में बढ़ी सेकेंड हैंड कारों की मांग
कोरोना काल में बढ़ी सेकेंड हैंड कारों की मांग
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Published : Oct 12, 2020, 3:05 PM IST

जयपुर: कोरोना वायरस महामारी से उपजे संकट के बीच देश में पुरानी या सेकेंड हैंड कारों की बढ़ी मांग को देखते हुए 'कारदेखो' कंपनी ने ऐसी कारों के 'आफलाइन स्टोर' खोलने का फैसला किया है. कंपनी अगले छह महीने में ऐसे 50 स्टोर खोलेगी जहां पुरानी कारें बेची जा सकेंगी.

कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोनो से सामने आई चुनौती के बीच लोग अपना वाहन अपनाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं और ऐसे में विशेष रूप से दो से पांच लाख रुपये मूल्य की पुरानी (सेकंड हैंड) कारों की मांग तेजी से बढ़ी है.

ये भी पढ़ें- कर्मचारियों को त्यौहारों के लिये 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त लोन देगी सरकार

कार देखो ग्रुप के प्रमुख (ट्रस्ट मार्क स्टोर) शरद जायसवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि लोगों की बदली जरूरत को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने 'ऑनलाइन' के साथ साथ अब पुरानी कारों के 'आफलाइन' यानी वास्तविक स्टोर खंड में उतरने का भी फैसला किया है. इसके तहत उसने अपने पहला 'कारदेखो गड्डी ट्रस्ट मार्क' स्टोर दिल्ली में खोला है.

कंपनी की मार्च 2021 तक ऐसे 50 स्टोर खोलने की योजना है. वहीं मार्च 2022 तक वह इसकी संख्या कुल 2000 करेगी जिसमें 500 ट्रस्ट मार्क स्टोर व 1500 डीलर होंगे. उन्होंने बताया कि कंपनी ये स्टोर फ्रेंचाइजी मॉडल पर खोल रही है. इन स्टोर में बिकने वाली कारें कंपनी द्वारा प्रमाणित होंगी और कंपनी कई तरह की वारंटी भी अपनी तरफ से देगी.

जायसवाल ने कहा कि भारत में पुरानी या उपयोगशुदा कारों का सालाना बाजार 40 से 42 लाख वाहनों का है. विशेषकर कोरोना से उपजे संकट व चुनौतियों के बीच लोग खुद का वाहन खरीदने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और ऐसे में दो से पांच लाख रुपये मूल्य की हैचबेक पुरानी कारों की बहुत अच्छी मांग सामने आई है.

देश में पुरानी कारों के कुल बाजार में इस खंड का हिस्सा 50-60 प्रतिशत के बीच है जो अब बढ़कर 70-75 प्रतिशत होने की उम्मीद है. जायसवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई के साथ साथ बेगलुरू, चेन्नई व अहमदाबाद पुरानी कारों के प्रमुख बाजार हैं जहां कंपनी अपने स्टोर व डीलर स्थापित करने पर ध्यान देगी.

(पीटीआई-भाषा)

जयपुर: कोरोना वायरस महामारी से उपजे संकट के बीच देश में पुरानी या सेकेंड हैंड कारों की बढ़ी मांग को देखते हुए 'कारदेखो' कंपनी ने ऐसी कारों के 'आफलाइन स्टोर' खोलने का फैसला किया है. कंपनी अगले छह महीने में ऐसे 50 स्टोर खोलेगी जहां पुरानी कारें बेची जा सकेंगी.

कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोरोनो से सामने आई चुनौती के बीच लोग अपना वाहन अपनाने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं और ऐसे में विशेष रूप से दो से पांच लाख रुपये मूल्य की पुरानी (सेकंड हैंड) कारों की मांग तेजी से बढ़ी है.

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कार देखो ग्रुप के प्रमुख (ट्रस्ट मार्क स्टोर) शरद जायसवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि लोगों की बदली जरूरत को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने 'ऑनलाइन' के साथ साथ अब पुरानी कारों के 'आफलाइन' यानी वास्तविक स्टोर खंड में उतरने का भी फैसला किया है. इसके तहत उसने अपने पहला 'कारदेखो गड्डी ट्रस्ट मार्क' स्टोर दिल्ली में खोला है.

कंपनी की मार्च 2021 तक ऐसे 50 स्टोर खोलने की योजना है. वहीं मार्च 2022 तक वह इसकी संख्या कुल 2000 करेगी जिसमें 500 ट्रस्ट मार्क स्टोर व 1500 डीलर होंगे. उन्होंने बताया कि कंपनी ये स्टोर फ्रेंचाइजी मॉडल पर खोल रही है. इन स्टोर में बिकने वाली कारें कंपनी द्वारा प्रमाणित होंगी और कंपनी कई तरह की वारंटी भी अपनी तरफ से देगी.

जायसवाल ने कहा कि भारत में पुरानी या उपयोगशुदा कारों का सालाना बाजार 40 से 42 लाख वाहनों का है. विशेषकर कोरोना से उपजे संकट व चुनौतियों के बीच लोग खुद का वाहन खरीदने पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और ऐसे में दो से पांच लाख रुपये मूल्य की हैचबेक पुरानी कारों की बहुत अच्छी मांग सामने आई है.

देश में पुरानी कारों के कुल बाजार में इस खंड का हिस्सा 50-60 प्रतिशत के बीच है जो अब बढ़कर 70-75 प्रतिशत होने की उम्मीद है. जायसवाल ने कहा कि दिल्ली, मुंबई के साथ साथ बेगलुरू, चेन्नई व अहमदाबाद पुरानी कारों के प्रमुख बाजार हैं जहां कंपनी अपने स्टोर व डीलर स्थापित करने पर ध्यान देगी.

(पीटीआई-भाषा)

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