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आरबीआई ने लक्ष्मी विलास बैंक को दिया डीबीएस बैंक इंडिया में विलय का प्रस्ताव

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Published : Nov 18, 2020, 12:41 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है. साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है.

लक्ष्मीविलास बैंक पर लगी पाबंदियां, डीबीएस बैंक करेगा अधिग्रहण
लक्ष्मीविलास बैंक पर लगी पाबंदियां, डीबीएस बैंक करेगा अधिग्रहण

मुंबई: सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिये पाबंदियां लगा दी है. इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे.

इसके साथ ही सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की. बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है. साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है.

रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगायी है.

बयान में कहा गया है, "रिजर्व बैंक के परामर्श पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने आज (मंगलवार) से बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदियां लगायी हैं."

आदेश के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना बचत, चालू या किसी तरह के जमा खाते से किसी जमाकर्ता को कुल मिलाकर 25,000 रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेगा. इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है.

ये भी पढ़ें: शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 44,000 के पार, निफ्टी 12,900 के ऊपर

आरबीआई ने कहा, "विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा. इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा."

येस बैंक के बाद इस साल मुश्किलों में फंसने वाला लक्ष्मी विलास बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है. येस बैंक के ऊपर मार्च में पाबंदियां लगायी गयी थीं.

सरकार ने तब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मदद से येस बैंक को उबारा था. एसबीआई ने येस बैंक की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 7,250 करोड़ रुपये लगाया था.

(पीटीआई-भाषा)

मुंबई: सरकार ने वित्तीय संकट से गुजर रहे निजी क्षेत्र के लक्ष्मी विलास बैंक पर एक महीने तक के लिये पाबंदियां लगा दी है. इसके तहत बैंक के खाताधारक ज्यादा से ज्यादा 25,000 रुपये तक की निकासी कर सकेंगे.

इसके साथ ही सरकार ने डीबीएस इंडिया के साथ लक्ष्मी विलास बैंक के अधिग्रहण की योजना की भी घोषणा की. बैंक की खस्ता वित्तीय हालत को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सलाह के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि बैंक की ओर से विश्वसनीय पुनरोद्धार योजना नहीं पेश करने की स्थिति में जमाधारकों के हित में यह फैसला किया गया है. साथ ही बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरिता के हितों का भी ख्याल रखा गया है.

रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के निदेशक मंडल को भी हटा दिया है और केनरा बैंक के पूर्व गैर-कार्यकारी चेयरमैन टीएन मनोहरन को 30 दिनों के लिये उसका प्रशासक नियुक्त किया है. केंद्रीय बैंक ने कहा कि इसके अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. इसलिए बैकिंग नियमन अधिनियम 1949 की धारा 45 के तहत केंद्र सरकार ने निजी क्षेत्र के बैंक पर पाबंदी लगायी है.

बयान में कहा गया है, "रिजर्व बैंक के परामर्श पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार ने आज (मंगलवार) से बैंक पर 30 दिन के लिए पाबंदियां लगायी हैं."

आदेश के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना बचत, चालू या किसी तरह के जमा खाते से किसी जमाकर्ता को कुल मिलाकर 25,000 रुपये से अधिक का भुगतान नहीं करेगा. इस बीच रिजर्व बैंक ने लक्ष्मी विलास बैंक के डीबीएस बैंक के साथ विलय की मसौदा योजना भी सार्वजनिक की है.

ये भी पढ़ें: शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 44,000 के पार, निफ्टी 12,900 के ऊपर

आरबीआई ने कहा, "विलय योजना को मंजूरी मिलने पर इसकी प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिये डीबीएस बैंक इंडिया लि. (डीबीआईएल) में सिंगापुर का डीबीएस बैंक 2,500 करोड़ रुपये (46.3 करोड़ सिंगापुर डॉलर) लगायेगा. इसका वित्त पोषण पूरी तरह से डीबीएस के मौजूदा संसाधनों से किया जायेगा."

येस बैंक के बाद इस साल मुश्किलों में फंसने वाला लक्ष्मी विलास बैंक निजी क्षेत्र का दूसरा बैंक बन गया है. येस बैंक के ऊपर मार्च में पाबंदियां लगायी गयी थीं.

सरकार ने तब भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की मदद से येस बैंक को उबारा था. एसबीआई ने येस बैंक की 45 प्रतिशत हिस्सेदारी के बदले 7,250 करोड़ रुपये लगाया था.

(पीटीआई-भाषा)

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