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फिक्की की आगामी बजट में कॉरपोरेट कर में कटौती, मैट को समाप्त करने की मांग

सरकार ने 2019-20 का अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया था. पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा. फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बजट पूर्व चर्चा के लिए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ बैठक की.

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Published : May 24, 2019, 8:34 PM IST

फिक्की की आगामी बजट में कॉरपोरेट कर में कटौती, मैट को समाप्त करने की मांग

नई दिल्ली: उद्योग मंडल फिक्की ने आगामी बजट में कॉरपोरेट कर में कटौती और न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को समाप्त करने की मांग की है. भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अगले कुछ दिन में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने जा रही है.

सरकार ने 2019-20 का अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया था. पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा. फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बजट पूर्व चर्चा के लिए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ बैठक की.

ये भी पढ़ें: जीएसटीएन ने जारी किया रिटर्न भरने की सरल प्रणाली का नमूना

इस बैठक के बाद फिक्की ने कहा, "हमारा प्रमुख सुझाव था कि सरकार वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा की स्थिति को कायम रखने के लिए घरेलू निवेश को प्रोत्साहन दे. साथ ही कॉरपोरेट कर की दर में भी कटौती की जाए."

वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि कॉरपोरेट कर की दर को अगले चार साल में 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत पर लाया जाएगा. इस दौरान कंपनियों को मिलने वाली छूटों को वापस लिया जाएगा. आगे के वर्षो में 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया.

बैठक के दौरान फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आयकर कानून के तहत उपलब्ध छूट और कटौतियों को समाप्त करने और नए लेखा नियमों की वजह से पैदा होने वाली जटिलताओं के मद्देनजर मैट की अवधारणा की समीक्षा किए जाने की जरूरत है. फिक्की ने मैट को समाप्त करने और एक सुगम वैकल्पिक न्यूनतम कर का विस्तार करने का सुझाव दिया है.

नई दिल्ली: उद्योग मंडल फिक्की ने आगामी बजट में कॉरपोरेट कर में कटौती और न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को समाप्त करने की मांग की है. भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अगले कुछ दिन में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने जा रही है.

सरकार ने 2019-20 का अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया था. पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा. फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बजट पूर्व चर्चा के लिए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ बैठक की.

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इस बैठक के बाद फिक्की ने कहा, "हमारा प्रमुख सुझाव था कि सरकार वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा की स्थिति को कायम रखने के लिए घरेलू निवेश को प्रोत्साहन दे. साथ ही कॉरपोरेट कर की दर में भी कटौती की जाए."

वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि कॉरपोरेट कर की दर को अगले चार साल में 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत पर लाया जाएगा. इस दौरान कंपनियों को मिलने वाली छूटों को वापस लिया जाएगा. आगे के वर्षो में 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया.

बैठक के दौरान फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आयकर कानून के तहत उपलब्ध छूट और कटौतियों को समाप्त करने और नए लेखा नियमों की वजह से पैदा होने वाली जटिलताओं के मद्देनजर मैट की अवधारणा की समीक्षा किए जाने की जरूरत है. फिक्की ने मैट को समाप्त करने और एक सुगम वैकल्पिक न्यूनतम कर का विस्तार करने का सुझाव दिया है.

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नई दिल्ली: उद्योग मंडल फिक्की ने आगामी बजट में कॉरपोरेट कर में कटौती और न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) को समाप्त करने की मांग की है. भाजपा की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार अगले कुछ दिन में अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करने जा रही है.

सरकार ने 2019-20 का अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया था. पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा. फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को बजट पूर्व चर्चा के लिए राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय के साथ बैठक की.

इस बैठक के बाद फिक्की ने कहा, "हमारा प्रमुख सुझाव था कि सरकार वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा की स्थिति को कायम रखने के लिए घरेलू निवेश को प्रोत्साहन दे. साथ ही कॉरपोरेट कर की दर में भी कटौती की जाए."

वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सरकार ने घोषणा की थी कि कॉरपोरेट कर की दर को अगले चार साल में 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत पर लाया जाएगा. इस दौरान कंपनियों को मिलने वाली छूटों को वापस लिया जाएगा. आगे के वर्षो में 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत कर दिया गया.

बैठक के दौरान फिक्की के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि आयकर कानून के तहत उपलब्ध छूट और कटौतियों को समाप्त करने और नए लेखा नियमों की वजह से पैदा होने वाली जटिलताओं के मद्देनजर मैट की अवधारणा की समीक्षा किए जाने की जरूरत है. फिक्की ने मैट को समाप्त करने और एक सुगम वैकल्पिक न्यूनतम कर का विस्तार करने का सुझाव दिया है.

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