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टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख फिर बढ़ी

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Published : Jun 25, 2020, 10:34 AM IST

केंद्र सरकार टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए वित्त वर्ष 2018-19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन को बढ़ाकर 31 जुलाई, 2020 कर दी है. इसके साथ ही सरकार ने पैन कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की अंतिम तारीख को भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 कर दी है.

टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख फिर बढ़ी
टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की तारीख फिर बढ़ी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को एक महीने और बढ़ाकर आगामी 31 जुलाई कर दी है.

वहीं, आधार संख्या को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है.

विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 30 नवंबर 2020 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया गया है. इस प्रकार आयकर की जो रिटर्न 31 जुलाई 2020 अथवा 31 अक्टूबर 2020 तक भरी जानी थी उन्हें अब 30 नवंबर 2020 तक दाखिल किया जा सकता है.

ये भी पढे़ं- बॉयकॉट चीन: चीनी व्यापार रणनीति का उपयोग करके कैसे पलटे चीन की बाजी

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है. इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 31 जुलाई 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में कर छूट का दावा पा सकता है.

इससे पहले लॉकडाउन के कारण करदाताओं को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी थी. हालांकि कठिन स्थिति को देखते हुए सरकार ने रिटर्न की तारीख 31 जुलाई तक बढ़ा दी है.

इसका मतलब है कि उन करदाताओं को जो कर बचत उद्देश्य के लिए आवश्यक निवेश करने की स्थिति में नहीं थे, उनके पास अब पीपीएफ, एनपीएस, एलआईसी और अन्य ऐसे उपकरणों जैसे विभिन्न कर बचत निवेशों में निवेश करने के लिए एक और महीना होगा.

उन करदाताओं के लिए जिन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 (एवाई 2019-20) के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. उनके लिए मूल और साथ ही संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की नई समय सीमा 31 जुलाई, 2020 तक बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही कर आडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को भी 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

आधार पैन को जोड़ने की समय सीमा बढ़ी

केन्द्र सरकार ने इसके साथ ही आधार कार्ड को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है.

स्व-मूल्यांकन किए गए कर के भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्व-आकलित कर जमा करने की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया है. नई तारीख उन करदाताओं के लिए लागू होगी, जिनकी स्व-आकलित कर देयता केवल 1 लाख रुपये तक होगी.

सीबीडीटी ने हालांकि स्पष्ट किया कि उन करदाताओं के लिए स्व-मूल्यांकन कर के भुगतान की तारीख का कोई विस्तार नहीं होगा, जिनकी स्व-मूल्यांकन की गई कर देयता एक लाख रुपये से अधिक होगी.

देर से भुगतान पर रियायती ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए कोई विस्तार नहीं

हालांकि सरकार ने अनुपालन तिथियों में कई छूटों को मंजूरी दी है, लेकिन उसने करों और लेवी के विलंबित भुगतानों पर 9% की रियायती ब्याज दर का लाभ नहीं देने का फैसला किया है.

बोर्ड ने कहा कि अध्यादेश में निर्दिष्ट करों, लेवी, इत्यादि के भुगतान में 9% की ब्याज दर 30 जून, 2020 के बाद किए गए भुगतानों के लिए लागू नहीं होगी.

पूंजीगत लाभ कर पर राहत

सीबीडीटी ने कहा कि रोल ओवर बेनिफिट के लिए संपत्ति के निवेश, निर्माण या खरीद की अंतिम तिथि आयकर अधिनियम की धारा 54 के तहत पूंजीगत लाभ के संबंध में कटौती को भी 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

सेज इकाइयों के लिए राहत

देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 10एए के तहत कटौती का दावा करने के लिए सेज इकाइयों के लिए संचालन शुरू करने की तारीख भी बढ़ा दी. एसईजेड इकाइयों के लिए जिन्हें इस वर्ष मार्च के अंत तक आवश्यक मंजूरी मिल गई है. संचालन शुरू करने की तिथि को 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

विवाद से विश्वास योजना का विस्तार नहीं

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना विवाद से विश्वास का कोई और विस्तार नहीं होगा. बोर्ड ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 31 दिसंबर, 2020 की योजना के तहत पहले ही अतिरिक्त राशि के बिना भुगतान करने की तारीख बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं.

सीबीडीटी ने कहा, "इसके लिए आवश्यक विधायी संशोधनों को नियत समय में स्थानांतरित किया जाएगा."

(लेखक- कृष्णानन्द त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार)

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018- 19 के लिये मूल अथवा संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को एक महीने और बढ़ाकर आगामी 31 जुलाई कर दी है.

वहीं, आधार संख्या को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी बढ़ाकर 31 मार्च 2021 तक कर दी. केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है.

विज्ञप्ति के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के लिये आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 30 नवंबर 2020 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया गया है. इस प्रकार आयकर की जो रिटर्न 31 जुलाई 2020 अथवा 31 अक्टूबर 2020 तक भरी जानी थी उन्हें अब 30 नवंबर 2020 तक दाखिल किया जा सकता है.

ये भी पढे़ं- बॉयकॉट चीन: चीनी व्यापार रणनीति का उपयोग करके कैसे पलटे चीन की बाजी

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक अधिसूचना के जरिये वर्ष 2019- 20 के दौरान कर छूट पाने के वास्ते विभिन्न योजनाओं में निवेश के लिए समय भी एक माह बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 कर दिया है. इस तरह करदाता आयकर कानून की धारा 80सी (जीवन बीमा, पेंशन कोष, बचत पत्र आदि), 80डी (चिकित्सा बीमा) और 80जी (दान) के तहत 31 जुलाई 2020 तक कर निवेश करके इन पर वित्त वर्ष 2019- 20 में कर छूट का दावा पा सकता है.

इससे पहले लॉकडाउन के कारण करदाताओं को होने वाली कठिनाइयों के मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले समय सीमा 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून कर दी थी. हालांकि कठिन स्थिति को देखते हुए सरकार ने रिटर्न की तारीख 31 जुलाई तक बढ़ा दी है.

इसका मतलब है कि उन करदाताओं को जो कर बचत उद्देश्य के लिए आवश्यक निवेश करने की स्थिति में नहीं थे, उनके पास अब पीपीएफ, एनपीएस, एलआईसी और अन्य ऐसे उपकरणों जैसे विभिन्न कर बचत निवेशों में निवेश करने के लिए एक और महीना होगा.

उन करदाताओं के लिए जिन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 (एवाई 2019-20) के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है. उनके लिए मूल और साथ ही संशोधित आयकर रिटर्न दाखिल करने की नई समय सीमा 31 जुलाई, 2020 तक बढ़ा दी गई है. इसके साथ ही कर आडिट रिपोर्ट सौंपने की समयसीमा को भी 31 अक्टूबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

आधार पैन को जोड़ने की समय सीमा बढ़ी

केन्द्र सरकार ने इसके साथ ही आधार कार्ड को पैन के साथ जोड़ने की समयसीमा भी 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी है.

स्व-मूल्यांकन किए गए कर के भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाई गई

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्व-आकलित कर जमा करने की अंतिम तिथि को भी बढ़ाकर 30 नवंबर, 2020 कर दिया है. नई तारीख उन करदाताओं के लिए लागू होगी, जिनकी स्व-आकलित कर देयता केवल 1 लाख रुपये तक होगी.

सीबीडीटी ने हालांकि स्पष्ट किया कि उन करदाताओं के लिए स्व-मूल्यांकन कर के भुगतान की तारीख का कोई विस्तार नहीं होगा, जिनकी स्व-मूल्यांकन की गई कर देयता एक लाख रुपये से अधिक होगी.

देर से भुगतान पर रियायती ब्याज दरों का लाभ उठाने के लिए कोई विस्तार नहीं

हालांकि सरकार ने अनुपालन तिथियों में कई छूटों को मंजूरी दी है, लेकिन उसने करों और लेवी के विलंबित भुगतानों पर 9% की रियायती ब्याज दर का लाभ नहीं देने का फैसला किया है.

बोर्ड ने कहा कि अध्यादेश में निर्दिष्ट करों, लेवी, इत्यादि के भुगतान में 9% की ब्याज दर 30 जून, 2020 के बाद किए गए भुगतानों के लिए लागू नहीं होगी.

पूंजीगत लाभ कर पर राहत

सीबीडीटी ने कहा कि रोल ओवर बेनिफिट के लिए संपत्ति के निवेश, निर्माण या खरीद की अंतिम तिथि आयकर अधिनियम की धारा 54 के तहत पूंजीगत लाभ के संबंध में कटौती को भी 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

सेज इकाइयों के लिए राहत

देश के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 10एए के तहत कटौती का दावा करने के लिए सेज इकाइयों के लिए संचालन शुरू करने की तारीख भी बढ़ा दी. एसईजेड इकाइयों के लिए जिन्हें इस वर्ष मार्च के अंत तक आवश्यक मंजूरी मिल गई है. संचालन शुरू करने की तिथि को 30 सितंबर, 2020 तक बढ़ा दिया गया है.

विवाद से विश्वास योजना का विस्तार नहीं

सीबीडीटी ने स्पष्ट किया कि प्रत्यक्ष कर विवाद निपटान योजना विवाद से विश्वास का कोई और विस्तार नहीं होगा. बोर्ड ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 31 दिसंबर, 2020 की योजना के तहत पहले ही अतिरिक्त राशि के बिना भुगतान करने की तारीख बढ़ाने की घोषणा कर चुकी हैं.

सीबीडीटी ने कहा, "इसके लिए आवश्यक विधायी संशोधनों को नियत समय में स्थानांतरित किया जाएगा."

(लेखक- कृष्णानन्द त्रिपाठी, वरिष्ठ पत्रकार)

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