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कोविड -19 के नियंत्रण में आने के बाद ही उड़ानों पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा: सरकार

मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि रविवार को एयरलाइनों को जारी निर्देश में उनसे टिकट बुक ना करने को कहा गया है क्योंकि इस संबंध में उन्होंने सरकार इस मामले में सरकार की सलाह नहीं मानी थी.

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Published : Apr 20, 2020, 5:37 PM IST

कोविड -19 के नियंत्रण में आने के बाद ही उड़ानों पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा: सरकार
कोविड -19 के नियंत्रण में आने के बाद ही उड़ानों पर से प्रतिबंध हटाया जाएगा: सरकार

नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर से प्रतिबंध सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के बाद ही हटाया जाएगा कि कोविड-19 अब पूरी तरह नियंत्रण में है और इससे हमारे देश और लोगों को कोई खतरा नहीं है. कुछ एयरलाइन के टिकट बुक करने की खबरों के बीच पुरी ने यह बयान दिया.

मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि रविवार को एयरलाइनों को जारी निर्देश में उनसे टिकट बुक ना करने को कहा गया है क्योंकि इस संबंध में उन्होंने सरकार इस मामले में सरकार की सलाह नहीं मानी थी.

उन्होंने ट्वीट किया, "मैं एक बार फिर यह कहना चाहूंगा कि कोविड-19 से निपटने की लड़ाई में उड़ानों पर लगा प्रतिबंध यह सुनिश्चित होने के बाद ही हटाया जाएगा कि वायरस अब नियंत्रित है और इससे हमारे देश और लोगों को कोई खतरा नहीं है."

मंत्री ने कहा, "क्योंकि कुछ एयरलाइनों ने हमसे सलाह किए बिना ही बुकिंग शुरू कर दी और लोगों से पैसे लेने शुरू कर दिए इसलिए उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए 19 अप्रैल को एक निर्देश जारी किया गया. उन्हें ये भी कहा गया कि बुकिंग शुरू करने के लिए उन्हें उचित नोटिस और पर्याप्त समय दिया जाएगा."

सरकारी एयरलाइन 'एअर इंडिया' ने सरकार के परामर्श के बाद बुकिंग बंद कर दी थी लेकिन निजी एयरलाइनों ने इसे नजरअंदाज कर तीन मई के बाद के लिए टिकट बुकिंग जारी रखी, जिस कारण डीजीसीअए को रविवार को एक परिपत्र जारी करना पड़ा.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार शाम जारी परिपत्र में कहा था, "सभी विमानन कंपनियों को टिकट बुकिंग रोकने का निर्देश दिया जाता है... विमानन कम्पनियां यह ध्यान रखें कि परिचालन शुरू करने के लिए उचित नोटिस तथा पर्याप्त समय दिया जाएगा."

ये भी पढ़ें: एमएसएमई, किसानों, मजदूरों की मदद के लिए केंद्र को जल्द सिफारिश भेजेगी कांग्रेस

सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों को लॉकडाउन में निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, कार्गो उड़ानें और विशेष उड़ानें, जिन्हें डीजीसीए द्वारा अनुमति दी गई है वे उड़ान भर सकती है. कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि लॉकडाउन के कारण जो उड़ानें रद्द हो गई हैं, विमानन कम्पनियां उनकी राशि वापस नहीं कर रही हैं और उसकी जगह भविष्य में यात्रा के लिए 'क्रेडिट वाउचर' जारी कर रही हैं.

नागर विमानन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर यात्रियों ने लॉकडाउन के पहले चरण में तीन मई तक की यात्रा के लिए टिकटें बुक करायी थीं तो वे विमानन कम्पनियों से इसका रिफंड मांग सकते हैं.

सरकार ने हालांकि अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि 25 मार्च से तीन म के बीच लॉकडाउन के कारण रद्द हुई उड़ानों के यात्रियों को पूरे पैसे वापस मिलेंगे या नहीं. देश में दो चरणों में लॉकडाउन लागू हुआ है, पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर तीन मई तक कर दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर से प्रतिबंध सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के बाद ही हटाया जाएगा कि कोविड-19 अब पूरी तरह नियंत्रण में है और इससे हमारे देश और लोगों को कोई खतरा नहीं है. कुछ एयरलाइन के टिकट बुक करने की खबरों के बीच पुरी ने यह बयान दिया.

मंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि रविवार को एयरलाइनों को जारी निर्देश में उनसे टिकट बुक ना करने को कहा गया है क्योंकि इस संबंध में उन्होंने सरकार इस मामले में सरकार की सलाह नहीं मानी थी.

उन्होंने ट्वीट किया, "मैं एक बार फिर यह कहना चाहूंगा कि कोविड-19 से निपटने की लड़ाई में उड़ानों पर लगा प्रतिबंध यह सुनिश्चित होने के बाद ही हटाया जाएगा कि वायरस अब नियंत्रित है और इससे हमारे देश और लोगों को कोई खतरा नहीं है."

मंत्री ने कहा, "क्योंकि कुछ एयरलाइनों ने हमसे सलाह किए बिना ही बुकिंग शुरू कर दी और लोगों से पैसे लेने शुरू कर दिए इसलिए उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए 19 अप्रैल को एक निर्देश जारी किया गया. उन्हें ये भी कहा गया कि बुकिंग शुरू करने के लिए उन्हें उचित नोटिस और पर्याप्त समय दिया जाएगा."

सरकारी एयरलाइन 'एअर इंडिया' ने सरकार के परामर्श के बाद बुकिंग बंद कर दी थी लेकिन निजी एयरलाइनों ने इसे नजरअंदाज कर तीन मई के बाद के लिए टिकट बुकिंग जारी रखी, जिस कारण डीजीसीअए को रविवार को एक परिपत्र जारी करना पड़ा.

नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने रविवार शाम जारी परिपत्र में कहा था, "सभी विमानन कंपनियों को टिकट बुकिंग रोकने का निर्देश दिया जाता है... विमानन कम्पनियां यह ध्यान रखें कि परिचालन शुरू करने के लिए उचित नोटिस तथा पर्याप्त समय दिया जाएगा."

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सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक यात्री उड़ानों को लॉकडाउन में निलंबित कर दिया गया है. हालांकि, कार्गो उड़ानें और विशेष उड़ानें, जिन्हें डीजीसीए द्वारा अनुमति दी गई है वे उड़ान भर सकती है. कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर शिकायत की है कि लॉकडाउन के कारण जो उड़ानें रद्द हो गई हैं, विमानन कम्पनियां उनकी राशि वापस नहीं कर रही हैं और उसकी जगह भविष्य में यात्रा के लिए 'क्रेडिट वाउचर' जारी कर रही हैं.

नागर विमानन मंत्रालय ने 16 अप्रैल को कहा था कि अगर यात्रियों ने लॉकडाउन के पहले चरण में तीन मई तक की यात्रा के लिए टिकटें बुक करायी थीं तो वे विमानन कम्पनियों से इसका रिफंड मांग सकते हैं.

सरकार ने हालांकि अभी तक यह फैसला नहीं लिया है कि 25 मार्च से तीन म के बीच लॉकडाउन के कारण रद्द हुई उड़ानों के यात्रियों को पूरे पैसे वापस मिलेंगे या नहीं. देश में दो चरणों में लॉकडाउन लागू हुआ है, पहला चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर तीन मई तक कर दिया गया.

(पीटीआई-भाषा)

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