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रेपो दर में लगातार कटौती से बढ़ेगी घरों की बिक्री: रियल्टी क्षेत्र

रिजर्व बैंक को इस बार की कटौती तथा इससे पहले की कटौतियां का लाभ घर खरीदारों तक पहुंचना सुनिश्चित होना चाहिए. नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती से निवेशकों की धारणा मजबूत होगी त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री बढ़ेगी.

रेपो दर में लगातार कटौती से बढ़ेगी घरों की बिक्री: रियल्टी क्षेत्र
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Published : Oct 4, 2019, 6:05 PM IST

नई दिल्ली: नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती से निवेशकों की धारणा मजबूत होगी और त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री बढ़ेगी. संपत्ति को लेकर परामर्श देने वाले विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह प्रतिक्रिया दी.

हालांकि उनका कहना है कि रियल्टी कंपनियों के मंच नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि रेपो दर में कटौती आर्थिक वृद्धि को गति देने, मुद्रास्फीति को नियंत्रित रिजर्व बैंक को इस बार की कटौती तथा इससे पहले की कटौतियां का लाभ घर खरीदारों तक पहुंचना सुनिश्चित करना चाहिए. रखने और उपभोग एवं निवेश बढ़ाने पर केंद्रित है.

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो दर को ब्याज दर से जोड़ने का निर्णय लिया. इससे घर खरीदारों को मदद मिलेगी और उनका ईएमआई कम होगा.

एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, "उपभोक्ता एफएमसीजी से लेकर वाहनों तक और निश्चित ही रीयल एस्टेट में भी कम खर्च कर रहे हैं. स्वाभाविक है कि रियल्टी क्षेत्र को रिजर्व बैंक से नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद थी ताकि उपभोक्ताओं की धारणा को बल देने के लिये सरकार द्वारा किये गये उपायों को समर्थन मिले. हालांकि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे."

सीबीआरई इंडिया के चेयरमैन एवं सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा, "रेपो दर में कटौती का समय महत्वपूर्ण है. ऐसा अनुमान है कि त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री में सुधार होगा. रिजर्व बैंक ने अपना काम कर दिया है। अब जिम्मेदारी बैंकों की है."

जेएलएल इंडिया के सीईओ एवं देश प्रमुख रमेश नायर ने कहा, "रेपो दर में लगातार कटौती रीयल एस्टेट के लिये उत्साहवर्धक है. यह घर खरीदने के लिये सबसे शानदार समय हो गया है."

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि रेपो दर में और अधिक कटौती की जानी चाहिए थी ताकि घरों की बिक्री को गति मिल सके.

ये भी पढ़ें- दास ने कहा कि सरकार की तरफ से अंतरिम लाभांश मांगे जाने की जानकारी नहीं

पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लि के प्रबंध निदेशक और नारेडको (महाराष्ट्र) के संयुक्त सचिव रोहित पोद्दार ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दर में कटौती के साथ साथ 'नरम नीतगत रुख' बनाए रखने से कर्ज की दरें सस्ती होने की उम्मीद है. यह नीतिगत रुख अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाला है.

हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉप टाइगर के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा, "रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती का यह निर्णय रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिये हर्ष का विषय है जो कि पहले ही त्योहारी मौसम में बिक्री में सुधार की उम्मीद कर रहा था."

पैराडाइम रियल्टी के प्रबंध निदेशक पार्थ मेहता ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था में इस समय दिख रही नरमी को दूर करने में घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना सबसे जरूरी उपाय है.

उन्होंने रपो दर में लगातार पांचवी कटौती का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि इससे कर्ज सस्ता होगा और घरेलू उपभोग्ता मांग में तेजी आएगी. मेहता के अनुसार मुद्रास्फीति की नरमी को देखते हुए रेपो में अभी और कमी की गुंजाइश है.

नई दिल्ली: नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती से निवेशकों की धारणा मजबूत होगी और त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री बढ़ेगी. संपत्ति को लेकर परामर्श देने वाले विशेषज्ञों ने शुक्रवार को यह प्रतिक्रिया दी.

हालांकि उनका कहना है कि रियल्टी कंपनियों के मंच नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि रेपो दर में कटौती आर्थिक वृद्धि को गति देने, मुद्रास्फीति को नियंत्रित रिजर्व बैंक को इस बार की कटौती तथा इससे पहले की कटौतियां का लाभ घर खरीदारों तक पहुंचना सुनिश्चित करना चाहिए. रखने और उपभोग एवं निवेश बढ़ाने पर केंद्रित है.

इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने हाल ही में रेपो दर को ब्याज दर से जोड़ने का निर्णय लिया. इससे घर खरीदारों को मदद मिलेगी और उनका ईएमआई कम होगा.

एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, "उपभोक्ता एफएमसीजी से लेकर वाहनों तक और निश्चित ही रीयल एस्टेट में भी कम खर्च कर रहे हैं. स्वाभाविक है कि रियल्टी क्षेत्र को रिजर्व बैंक से नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद थी ताकि उपभोक्ताओं की धारणा को बल देने के लिये सरकार द्वारा किये गये उपायों को समर्थन मिले. हालांकि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि नीतिगत दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचे."

सीबीआरई इंडिया के चेयरमैन एवं सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा, "रेपो दर में कटौती का समय महत्वपूर्ण है. ऐसा अनुमान है कि त्योहारी मौसम में घरों की बिक्री में सुधार होगा. रिजर्व बैंक ने अपना काम कर दिया है। अब जिम्मेदारी बैंकों की है."

जेएलएल इंडिया के सीईओ एवं देश प्रमुख रमेश नायर ने कहा, "रेपो दर में लगातार कटौती रीयल एस्टेट के लिये उत्साहवर्धक है. यह घर खरीदने के लिये सबसे शानदार समय हो गया है."

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि रेपो दर में और अधिक कटौती की जानी चाहिए थी ताकि घरों की बिक्री को गति मिल सके.

ये भी पढ़ें- दास ने कहा कि सरकार की तरफ से अंतरिम लाभांश मांगे जाने की जानकारी नहीं

पोद्दार हाउसिंग एंड डेवलपमेंट लि के प्रबंध निदेशक और नारेडको (महाराष्ट्र) के संयुक्त सचिव रोहित पोद्दार ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति द्वारा नीतिगत दर में कटौती के साथ साथ 'नरम नीतगत रुख' बनाए रखने से कर्ज की दरें सस्ती होने की उम्मीद है. यह नीतिगत रुख अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों गतिविधियों को प्रोत्साहन देने वाला है.

हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉप टाइगर के समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव अग्रवाल ने कहा, "रिजर्व बैंक द्वारा रेपो दर में कटौती का यह निर्णय रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिये हर्ष का विषय है जो कि पहले ही त्योहारी मौसम में बिक्री में सुधार की उम्मीद कर रहा था."

पैराडाइम रियल्टी के प्रबंध निदेशक पार्थ मेहता ने कहा है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच देश की अर्थव्यवस्था में इस समय दिख रही नरमी को दूर करने में घरेलू मांग को प्रोत्साहित करना सबसे जरूरी उपाय है.

उन्होंने रपो दर में लगातार पांचवी कटौती का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई है कि इससे कर्ज सस्ता होगा और घरेलू उपभोग्ता मांग में तेजी आएगी. मेहता के अनुसार मुद्रास्फीति की नरमी को देखते हुए रेपो में अभी और कमी की गुंजाइश है.

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