नई दिल्ली : सिटी बैंक ने बाजार नियामक सेबी के साथ अपने एक मामले का निपटारा कर लिया है. बैंक पर बिना पंजीकरण के निवेश योजना चलाने वाले एक कर्मचारी पर पर्याप्त रूप से निगरानी करने में नाकाम रहने का आरोप है. सेबी के आदेश के मुताबिक, यह मामला निपटान शुल्क के रूप में 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद सुलझा.
नियामक ने अप्रैल 2015 में, एक रिलेशनशिप मैनेजर के संबंध में फोर्टफोलियो प्रबंधक नियमों के कथित उल्लंघन के लिए बैंक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
नोटिस में नियामक ने कहा, "सिटी बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर शिवराज पुरी ने धोखाधड़ी पूर्ण योजना चलाई, जिसमें उसने बैंक निवेश योजनाओँ में कुछ ग्राहकों को अधिक रिटर्न देने की पेशकश की थी."
सेबी ने नोटिस में कहा कि "बैंक अपने कर्मचारी की निगरानी और उस पर पर्याप्त नियंत्रण करने में नाकाम रहा."
इसके बाद, सिटी बैंक एन ए ने निपटान व्यवस्था के तहत सेबी के समक्ष आवेदन दायर किया था और निपटान शुल्क के रूप में 4,50,72,263 रुपये का भुगतान करने का प्रस्ताव किया. सेबी के पूर्णकालिक सदस्यों की समिति ने इस राशि को मंजूरी दे दी है.
ये भी पढ़ें : विमान ईंधन एक प्रतिशत हुआ महंगा, बिना सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर में पांच रुपये की वृद्धि