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सीआईआई ने कारोबार सुगमता की स्थिति सुधारने के लिए उपाय सुझाए - सीआईआई ने कारोबार सुगमता की स्थिति सुधारने के लिए उपाय सुझाए

सीआईआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र को मदद का हाथ बढ़ाया जाना चाहिए. उन्हें राज्य कानूनों के तहत तीन साल तक मंजूरियों और निरीक्षण से छूट मिलनी चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर रिकॉर्ड वाले एमएसएमई को मंजूरियों के लिए स्व प्रमाणन का मार्ग अपनाया जा सकता है.

सीआईआई ने कारोबार सुगमता की स्थिति सुधारने के लिए उपाय सुझाए
सीआईआई ने कारोबार सुगमता की स्थिति सुधारने के लिए उपाय सुझाए
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Published : Jun 21, 2020, 7:18 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने देश के कारोबार सुगमता परिदृश्य को सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपायों की पहचान की है. उद्योग मंडल का कहना है कि इससे देश को आत्म-निर्भर बनने में मदद मिलेगी.

सीआईआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र को मदद का हाथ बढ़ाया जाना चाहिए. उन्हें राज्य कानूनों के तहत तीन साल तक मंजूरियों और निरीक्षण से छूट मिलनी चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर रिकॉर्ड वाले एमएसएमई को मंजूरियों के लिए स्व प्रमाणन का मार्ग अपनाया जा सकता है.

ये भी पढे़ं- चीनी वस्तुओं के बहिष्कार से चीन की अर्थव्यवस्था को नहीं होगा नुकसान: चिदंबरम

उद्योग मंडल ने इसके साथ ही ऑनलाइन एकल खिड़की प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन, संपत्ति के पंजीकरण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल करने, श्रम नियमनों के लिए अनुपालन को तेज करने और संयुक्त निरीक्षणों को जोड़ने का सुझाव दिया है.

सीआईआई ने कहा है कि संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को सुगम किया जाना चाहिए. साथ ही उसने सुझाव दिया है कि उद्योग को सीधे किसानों से जमीन खरीदने की अनुमति होनी चाहिए, जिसपर 30 दिन बाद मंजूरी मान ली जानी चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अपर्याप्त वाणिज्यिक अदालतों और बुनियादी ढांचे की वजह से अनुबंध का प्रवर्तन चुनौती होती है. ऐसे में सीआईआई ने कई डिजिटल सुधारों मसलन वर्चुअल अदालनी प्रकिया, ई-फाइलिंग और घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) का सुझाव दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने देश के कारोबार सुगमता परिदृश्य को सुधारने के लिए कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उपायों की पहचान की है. उद्योग मंडल का कहना है कि इससे देश को आत्म-निर्भर बनने में मदद मिलेगी.

सीआईआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) क्षेत्र को मदद का हाथ बढ़ाया जाना चाहिए. उन्हें राज्य कानूनों के तहत तीन साल तक मंजूरियों और निरीक्षण से छूट मिलनी चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बेहतर रिकॉर्ड वाले एमएसएमई को मंजूरियों के लिए स्व प्रमाणन का मार्ग अपनाया जा सकता है.

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उद्योग मंडल ने इसके साथ ही ऑनलाइन एकल खिड़की प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन, संपत्ति के पंजीकरण और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को सरल करने, श्रम नियमनों के लिए अनुपालन को तेज करने और संयुक्त निरीक्षणों को जोड़ने का सुझाव दिया है.

सीआईआई ने कहा है कि संपत्ति पंजीकरण की प्रक्रिया को सुगम किया जाना चाहिए. साथ ही उसने सुझाव दिया है कि उद्योग को सीधे किसानों से जमीन खरीदने की अनुमति होनी चाहिए, जिसपर 30 दिन बाद मंजूरी मान ली जानी चाहिए.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अपर्याप्त वाणिज्यिक अदालतों और बुनियादी ढांचे की वजह से अनुबंध का प्रवर्तन चुनौती होती है. ऐसे में सीआईआई ने कई डिजिटल सुधारों मसलन वर्चुअल अदालनी प्रकिया, ई-फाइलिंग और घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) का सुझाव दिया है.

(पीटीआई-भाषा)

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