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फसल की अच्छी कीमत के लिए एपिडा, आवश्यक वस्तु कानून में बदलाव जरूरी: कांत

अमिताभ कांत ने कहा कि बेहतर तकनीक, बेहतर विपणन, बेहतर बीज, बेहतर उर्वरक और इसके साथ मुझे कोई संदेह नहीं है कि किसानों को मिलने वाला लाभ केवल दोगुना नहीं बल्कि तिगुना होगा. असली चुनौती पेशेवर प्रबंधन और बेहतर तकनीक पाने की है.

अमिताभ कांत (फाइल फोटो)।
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Published : Mar 28, 2019, 10:08 AM IST

नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि किसानों को अपनी उपज की बेहतर कीमत मिले इसके लिए कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून तथा आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून में बदलाव लाने की जरूरत है.

कांत ने यहां भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) में 20वें वैकुंठ भाई मेहता स्मारक में व्याख्यान देते हुए कहा कि अमूल की सफलता का कारण उसका पेशेवर प्रबंधन है, जिसकी वजह से वह उत्पादों के बेहतर भंडारण और विपणन में सक्षम बना है. वह प्रौद्योगिकी लाने में भी सक्षम बना और मूल्यवर्धन करने की स्थिति में पहुंचा.

उन्होंने कहा, "और यही भारतीय कृषि सहकारी आंदोलन की जरूरत भी है-बेहतर तकनीक, बेहतर विपणन, बेहतर बीज, बेहतर उर्वरक और इसके साथ मुझे कोई संदेह नहीं है कि किसानों को मिलने वाला लाभ केवल दोगुना नहीं बल्कि तिगुना होगा. असली चुनौती पेशेवर प्रबंधन और बेहतर तकनीक पाने की है."

हालांकि, उन्होंने कहा कि एपीएमसी कानून और आवश्यक वस्तु कानून में कुछ समस्यायें हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक माल की आवाजाही पर अंकुश लगाता हैं. कृषि सहकारी क्षेत्र में बेहतर विपणन एक चुनौती बना हुआ है. कांत ने यह भी कहा कि सहकारी संघों को अपने किसानों को अच्छी कीमत दिलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बिना, किसानों की आय को दोगुना करना मुश्किल काम होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि कृषि वस्तुओं के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट या 'ई-नाम' पहल को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को हर मिनट के आधार पर मूल्य भिन्नता के बारे में जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि सूचना का होना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना किसानों की आय को दोगुना करना मुश्किल होगा.
ये भी पढ़ें : भारत और अमेरिका के बीच बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कर चोरी पर अंकुश लगाने को लेकर समझौता

नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि किसानों को अपनी उपज की बेहतर कीमत मिले इसके लिए कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून तथा आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून में बदलाव लाने की जरूरत है.

कांत ने यहां भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) में 20वें वैकुंठ भाई मेहता स्मारक में व्याख्यान देते हुए कहा कि अमूल की सफलता का कारण उसका पेशेवर प्रबंधन है, जिसकी वजह से वह उत्पादों के बेहतर भंडारण और विपणन में सक्षम बना है. वह प्रौद्योगिकी लाने में भी सक्षम बना और मूल्यवर्धन करने की स्थिति में पहुंचा.

उन्होंने कहा, "और यही भारतीय कृषि सहकारी आंदोलन की जरूरत भी है-बेहतर तकनीक, बेहतर विपणन, बेहतर बीज, बेहतर उर्वरक और इसके साथ मुझे कोई संदेह नहीं है कि किसानों को मिलने वाला लाभ केवल दोगुना नहीं बल्कि तिगुना होगा. असली चुनौती पेशेवर प्रबंधन और बेहतर तकनीक पाने की है."

हालांकि, उन्होंने कहा कि एपीएमसी कानून और आवश्यक वस्तु कानून में कुछ समस्यायें हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक माल की आवाजाही पर अंकुश लगाता हैं. कृषि सहकारी क्षेत्र में बेहतर विपणन एक चुनौती बना हुआ है. कांत ने यह भी कहा कि सहकारी संघों को अपने किसानों को अच्छी कीमत दिलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बिना, किसानों की आय को दोगुना करना मुश्किल काम होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि कृषि वस्तुओं के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट या 'ई-नाम' पहल को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को हर मिनट के आधार पर मूल्य भिन्नता के बारे में जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि सूचना का होना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना किसानों की आय को दोगुना करना मुश्किल होगा.
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नई दिल्ली : नीति आयोग के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ कांत ने बुधवार को कहा कि किसानों को अपनी उपज की बेहतर कीमत मिले इसके लिए कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) कानून तथा आवश्यक उपभोक्ता वस्तु कानून में बदलाव लाने की जरूरत है.

कांत ने यहां भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) में 20वें वैकुंठ भाई मेहता स्मारक में व्याख्यान देते हुए कहा कि अमूल की सफलता का कारण उसका पेशेवर प्रबंधन है, जिसकी वजह से वह उत्पादों के बेहतर भंडारण और विपणन में सक्षम बना है. वह प्रौद्योगिकी लाने में भी सक्षम बना और मूल्यवर्धन करने की स्थिति में पहुंचा.

उन्होंने कहा, "और यही भारतीय कृषि सहकारी आंदोलन की जरूरत भी है-बेहतर तकनीक, बेहतर विपणन, बेहतर बीज, बेहतर उर्वरक और इसके साथ मुझे कोई संदेह नहीं है कि किसानों को मिलने वाला लाभ केवल दोगुना नहीं बल्कि तिगुना होगा. असली चुनौती पेशेवर प्रबंधन और बेहतर तकनीक पाने की है."

हालांकि, उन्होंने कहा कि एपीएमसी कानून और आवश्यक वस्तु कानून में कुछ समस्यायें हैं, जो एक स्थान से दूसरे स्थान तक माल की आवाजाही पर अंकुश लगाता हैं. कृषि सहकारी क्षेत्र में बेहतर विपणन एक चुनौती बना हुआ है. कांत ने यह भी कहा कि सहकारी संघों को अपने किसानों को अच्छी कीमत दिलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके बिना, किसानों की आय को दोगुना करना मुश्किल काम होगा.

उन्होंने यह भी कहा कि कृषि वस्तुओं के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट या 'ई-नाम' पहल को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, ताकि किसानों को हर मिनट के आधार पर मूल्य भिन्नता के बारे में जानकारी मिल सके. उन्होंने कहा कि सूचना का होना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके बिना किसानों की आय को दोगुना करना मुश्किल होगा.

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