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केंद्र के स्टॉक में सड़ रहा है प्याज, राज्यों ने सिर्फ 2000 टन खरीदा: पासवान

पिछले कुछ दिनों से देश के बाजारों में प्याज की घरेलू आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है, जिसके बाद आयातित प्याज की मांग कमजोर पड़ गई. कारोबारियों ने बताया कि विदेशी प्याज का जायका देसी प्याज जैसा नहीं है, इसलिए उपभोक्ता विदेशी प्याज खरीदना नहीं चाहते हैं.

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केंद्र के स्टॉक में सड़ रहा है प्याज, राज्यों ने सिर्फ 2000 टन खरीदा: पासवान
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Published : Jan 14, 2020, 9:18 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के स्टॉक में आयातित प्याज सड़ रहा है और राज्यों ने प्याज लेने से मना कर दिया है. पासवान ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक 18,000 टन प्याज का आयात किया है, जिसमें से सिर्फ 2,000 टन राज्यों ने खरीदा है, बाकी प्याज पड़ा हुआ है.

पिछले कुछ दिनों से देश के बाजारों में प्याज की घरेलू आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है, जिसके बाद आयातित प्याज की मांग कमजोर पड़ गई. कारोबारियों ने बताया कि विदेशी प्याज का जायका देसी प्याज जैसा नहीं है, इसलिए उपभोक्ता विदेशी प्याज खरीदना नहीं चाहते हैं.

मानसून के आखिरी दौर में देश में हुई भारी बारिश से प्याज की फसल खराब होने के कारण पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में प्याज के दाम में बेहद इजाफा हो गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने करीब एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया ताकि उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को काबू किया जा सके.

सरकार के आदेश पर विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने करीब 40,000 टन प्याज का आयात करने के सौदे किए, लेकिन विदेशों से प्याज आने पर कीमतों में नरमी आ गई है, जिसके कारण राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं.

ये भी पढ़ें: हॉलमार्क दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर ज्वैलर्स को होगी 1 वर्ष तक की कारावास: पासवान

केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने आईएएनएस द्वारा मांगी गई जानकारी देते हुए बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार से प्याज खरीदा है.

श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 18,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है और 4,000 टन अगले 16 जनवरी तक आएगा. इसके बाद 25 जनवरी तक 9,000 टन और 30 जनवरी तक 4,000-5,000 टन प्याज विदेश से आने की संभावना है.

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा दाम बीते महीने जहां 150 रुपये प्रति किलो तक चला गया था वहां यह अब 40-80 रुपये किलो बिक रहा है.

नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के स्टॉक में आयातित प्याज सड़ रहा है और राज्यों ने प्याज लेने से मना कर दिया है. पासवान ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक 18,000 टन प्याज का आयात किया है, जिसमें से सिर्फ 2,000 टन राज्यों ने खरीदा है, बाकी प्याज पड़ा हुआ है.

पिछले कुछ दिनों से देश के बाजारों में प्याज की घरेलू आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है, जिसके बाद आयातित प्याज की मांग कमजोर पड़ गई. कारोबारियों ने बताया कि विदेशी प्याज का जायका देसी प्याज जैसा नहीं है, इसलिए उपभोक्ता विदेशी प्याज खरीदना नहीं चाहते हैं.

मानसून के आखिरी दौर में देश में हुई भारी बारिश से प्याज की फसल खराब होने के कारण पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में प्याज के दाम में बेहद इजाफा हो गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने करीब एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया ताकि उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को काबू किया जा सके.

सरकार के आदेश पर विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने करीब 40,000 टन प्याज का आयात करने के सौदे किए, लेकिन विदेशों से प्याज आने पर कीमतों में नरमी आ गई है, जिसके कारण राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं.

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केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने आईएएनएस द्वारा मांगी गई जानकारी देते हुए बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार से प्याज खरीदा है.

श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 18,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है और 4,000 टन अगले 16 जनवरी तक आएगा. इसके बाद 25 जनवरी तक 9,000 टन और 30 जनवरी तक 4,000-5,000 टन प्याज विदेश से आने की संभावना है.

देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा दाम बीते महीने जहां 150 रुपये प्रति किलो तक चला गया था वहां यह अब 40-80 रुपये किलो बिक रहा है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार के स्टॉक में आयातित प्याज सड़ रहा है और राज्यों ने प्याज लेने से मना कर दिया है. पासवान ने यहां एक प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार ने अब तक 18,000 टन प्याज का आयात किया है, जिसमें से सिर्फ 2,000 टन राज्यों ने खरीदा है, बाकी प्याज पड़ा हुआ है.



पिछले कुछ दिनों से देश के बाजारों में प्याज की घरेलू आवक बढ़ने के कारण कीमतों में गिरावट आई है, जिसके बाद आयातित प्याज की मांग कमजोर पड़ गई. कारोबारियों ने बताया कि विदेशी प्याज का जायका देसी प्याज जैसा नहीं है, इसलिए उपभोक्ता विदेशी प्याज खरीदना नहीं चाहते हैं.



मानसून के आखिरी दौर में देश में हुई भारी बारिश से प्याज की फसल खराब होने के कारण पिछले साल के आखिरी तीन महीनों में प्याज के दाम में बेहद इजाफा हो गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने करीब एक लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया ताकि उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को काबू किया जा सके.



सरकार के आदेश पर विदेश व्यापार करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एमएमटीसी ने करीब 40,000 टन प्याज का आयात करने के सौदे किए, लेकिन विदेशों से प्याज आने पर कीमतों में नरमी आ गई है, जिसके कारण राज्यों ने आयातित प्याज खरीदने से हाथ खड़े कर दिए हैं.



केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय में सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने आईएएनएस द्वारा मांगी गई जानकारी देते हुए बताया कि अब तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने केंद्र सरकार से प्याज खरीदा है.



श्रीवास्तव ने बताया कि अब तक 18,000 टन प्याज विदेशों से आ चुका है और 4,000 टन अगले 16 जनवरी तक आएगा. इसके बाद 25 जनवरी तक 9,000 टन और 30 जनवरी तक 4,000-5,000 टन प्याज विदेश से आने की संभावना है.



देश की राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाके में प्याज का खुदरा दाम बीते महीने जहां 150 रुपये प्रति किलो तक चला गया था वहां यह अब 40-80 रुपये किलो बिक रहा है.

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