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येस बैंक संकट को लेकर सीबीआई ने जांच शुरू की

सूत्रों ने रविवार को बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है. पढ़िए पूरी खबर.

येस बैंक संकट को लेकर सीबीआई ने जांच शुरू की
येस बैंक संकट को लेकर सीबीआई ने जांच शुरू की
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Published : Mar 8, 2020, 7:27 PM IST

नई दिल्ली: सीबीआई ने येस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं.

सूत्रों ने रविवार को बताया कि अधिकारियों ने इस बारे में किसी टिप्पणी से इनकार किया है, क्योंकि जांच एजेंसी किसी भी छापामारी से पहले पूरी गोपनीयता बरतना चाहती है.

सूत्रों ने जांच की प्रकृति के बारे में आगे बताने से इनकार किया- क्या यह शुरुआती जांच है या एक एफआईआर, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि औपचारिक जांच शुरू हो गई है.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है.

एक सूत्र ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार से ग्रस्त डीएचएफएल और येस बैंक के संबंधों की सीबीआई जांच कर रही है. इस जांच में एक तीसरी कंपनी को शामिल कर किए गए आपत्तिजनक वित्तीय लेनदेन शामिल हैं.

कथित अनियमतताओं के कारण वित्तीय संकट में घिरे येस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नियामकीय कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस बैंक के सह संस्थापक और पूर्व प्रमुख राणा कपूर को मनी लांडरिंग (स्याह धन को सफेद करने) के आरोपों की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है. कपूर (62) से पूछ ताछ की जा रही है.

इसके साथ ही इस बैंक के स्वामित्व का पुनर्गठन करने की योजना पर काम भी शुरू कर दिया है ताकि बैंक को बचाया जा सके और इसमें धन जामा करने वाले इसके ग्राहकों का हित सुरक्षित किया जाएगा.

आरबीआई की योजना के मसौदे के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक येस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा.

येस बैंक पर उसके बांड के 662 करोड़ रुपये हैं बकाया: इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस कंपनी ने रविवार को कहा कि येस बैंक के पास बांड के रूप में कंपनी के 662 करोड़ रुपये हैं और उस पर बैंक का कोई सावधि ऋण बकाया नहीं है.

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, "हम बताना चाहते हैं कि येस बैंक पर अतिरिक्त टियर वन (एटी-1) बांड के रूप में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के 662 करोड़ रुपये बकाया हैं."

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: सीबीआई ने येस बैंक के मामलों की जांच शुरू कर दी है और अधिकारी इस मामले में दस्तावेज इकट्ठा कर रहे हैं.

सूत्रों ने रविवार को बताया कि अधिकारियों ने इस बारे में किसी टिप्पणी से इनकार किया है, क्योंकि जांच एजेंसी किसी भी छापामारी से पहले पूरी गोपनीयता बरतना चाहती है.

सूत्रों ने जांच की प्रकृति के बारे में आगे बताने से इनकार किया- क्या यह शुरुआती जांच है या एक एफआईआर, लेकिन इस बात की पुष्टि की कि औपचारिक जांच शुरू हो गई है.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के पहलुओं पर गौर कर रही है.

एक सूत्र ने बताया कि ऐसा लग रहा है कि भ्रष्टाचार से ग्रस्त डीएचएफएल और येस बैंक के संबंधों की सीबीआई जांच कर रही है. इस जांच में एक तीसरी कंपनी को शामिल कर किए गए आपत्तिजनक वित्तीय लेनदेन शामिल हैं.

कथित अनियमतताओं के कारण वित्तीय संकट में घिरे येस बैंक पर भारतीय रिजर्व बैंक की नियामकीय कार्रवाई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने इस बैंक के सह संस्थापक और पूर्व प्रमुख राणा कपूर को मनी लांडरिंग (स्याह धन को सफेद करने) के आरोपों की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार कर लिया है. कपूर (62) से पूछ ताछ की जा रही है.

इसके साथ ही इस बैंक के स्वामित्व का पुनर्गठन करने की योजना पर काम भी शुरू कर दिया है ताकि बैंक को बचाया जा सके और इसमें धन जामा करने वाले इसके ग्राहकों का हित सुरक्षित किया जाएगा.

आरबीआई की योजना के मसौदे के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक येस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा.

येस बैंक पर उसके बांड के 662 करोड़ रुपये हैं बकाया: इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस

इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस कंपनी ने रविवार को कहा कि येस बैंक के पास बांड के रूप में कंपनी के 662 करोड़ रुपये हैं और उस पर बैंक का कोई सावधि ऋण बकाया नहीं है.

कंपनी ने शेयर बाजार को बताया, "हम बताना चाहते हैं कि येस बैंक पर अतिरिक्त टियर वन (एटी-1) बांड के रूप में इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनैंस के 662 करोड़ रुपये बकाया हैं."

(पीटीआई-भाषा)

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