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क्या बॉयकॉट चाइना अभियान में साथ आएंगे टाटा और अंबानी, कारोबारी संगठन ने मांगा है सहयोग

कैट ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए देश-दुनिया के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और रतन टाटा के साथ अन्य 50 उद्योगपतियों से सहयोग का आग्रह किया है.

बॉयकॉट चाइना: चीनी सामानों के बहिष्‍कार के लिए कैट ने अंबानी, टाटा और महिंद्रा से मांगा सहयोग
बॉयकॉट चाइना: चीनी सामानों के बहिष्‍कार के लिए कैट ने अंबानी, टाटा और महिंद्रा से मांगा सहयोग
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Published : Jun 24, 2020, 1:34 PM IST

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद के बीच देशभर में चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान जारी है. सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राजनीतिक दलों, बॉलीवुड और क्रिकेट की मशहूर हस्तियों से अपील करने के बाद अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए देश-दुनिया के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और रतन टाटा के साथ अन्य 50 उद्योगपतियों से सहयोग का आग्रह किया है.

कैट ने भारतीय सामान-हमारा अभिमान के नाम से चीनी सामानों के बहिष्कार करने का अभियान 10 जून से राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया था.

जानकारी देते प्रवीण खंडेलवाल

इन 50 उद्योगपतियों से सहयोग का किया है आग्रह

कैट मुकेश अंबानी के अलावे रतन टाटा, नारायणमूर्ति, अजीम प्रेमजी, आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्स्ना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पालनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, डॉ. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता हर्ष मरीवाला,पंकज पटेल आदी से सहयोग का आग्रह किया है. कैट ने सभी से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस अभियान में उनसे जुड़ने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें- बेरोजगारी दर में जबरदस्त गिरावट, मनरेगा से 3.3 करोड़ परिवारों को हुआ फायदा

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीणन खंडेलवाल ने अंबानी और अन्य उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कहा कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक होने के कारण कैट ने सभी उद्योगपतियों से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. कैट ने अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से कहा की यह अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नदी आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा. कैट का मानना है कि देश के सभी प्रमुख वर्गों के जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम होगी.

खंडेलवाल ने कहा कि भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है अर्थात तैयार माल, कच्चा माल, भारत में माल की असेंबली के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद और कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान'

कैट ने पहले चरण के लिए लगभग 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है जिसके अंतर्गत लगभग 3,000 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस प्रकार के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कैट के राष्ट्रीय अभियान का पहला चरण 10 जून, 2020 को शुरू किया गया था और यह दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा. इस दौरान भारतीय उद्योग, लघु उद्योग, उद्यमियों, स्टार्टअप और अन्य लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कैट केंद्र सरकार से एक व्यापक रणनीति बनाने का आग्रह करेगा और एक समग्र नीति के अंदर भारत में कच्चे माल, स्पेयर पार्ट्स और प्रौद्योगिकी संचालित वस्तुओं से संबंधित वस्तुओं के निर्माण को भारत में ही शुरू करने के लिए सरकार से आग्रह करेगा.

'चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल'- ये कहावत सिर्फ मिथक

उन्होंने कहा कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है जिसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है. उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश में व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे करके दिखाएंगे.

भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन की सेना ने सबसे गुप्त तरीके से लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना पर बर्बर हमला किया है. जिसके परिणामस्वरूप देश के 20 बहादुर बेटों की नृशंस हत्या हुई है. प्रत्येक भारतीय चीन के अत्याचारों के प्रति गहरी नाराज़गी, आक्रोश और घृणा कर रहा है और चीन के प्रति उनका विरोध लगातार तीव्र होता जा रहा है. आज प्रत्येक भारतीय का खून प्रतिशोध की भावना के साथ उबल रहा है और इसलिए जहां भारत की सेना चीन से सैन्य रूप लड़ेगी वहां भारतीय व्यापारी और भारत के लोग अब चीन से आर्थिक युद्ध लड़ेंगे.

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद के बीच देशभर में चीनी सामान के बहिष्कार का अभियान जारी है. सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राजनीतिक दलों, बॉलीवुड और क्रिकेट की मशहूर हस्तियों से अपील करने के बाद अब कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए देश-दुनिया के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी और रतन टाटा के साथ अन्य 50 उद्योगपतियों से सहयोग का आग्रह किया है.

कैट ने भारतीय सामान-हमारा अभिमान के नाम से चीनी सामानों के बहिष्कार करने का अभियान 10 जून से राष्ट्रीय स्तर पर शुरू किया था.

जानकारी देते प्रवीण खंडेलवाल

इन 50 उद्योगपतियों से सहयोग का किया है आग्रह

कैट मुकेश अंबानी के अलावे रतन टाटा, नारायणमूर्ति, अजीम प्रेमजी, आदी गोदरेज, नुस्ली वाडिया, अजय पीरामल, विक्रम किर्लोस्कर, कुमार मंगलम बिरला, शिव नाडार, राहुल बजाज, सुनील भारती मित्तल, ज्योत्स्ना सूरी, आनंद महिंद्रा, उदय कोटक, पालनजी मिस्त्री, शशि रुइया, मधुकर पारेख, डॉ. सतीश रेड्डी, पंकज पटेल, नीलेश गुप्ता हर्ष मरीवाला,पंकज पटेल आदी से सहयोग का आग्रह किया है. कैट ने सभी से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए इस अभियान में उनसे जुड़ने का आग्रह किया है.

ये भी पढ़ें- बेरोजगारी दर में जबरदस्त गिरावट, मनरेगा से 3.3 करोड़ परिवारों को हुआ फायदा

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीणन खंडेलवाल ने अंबानी और अन्य उद्योगपतियों को भेजे पत्र में कहा कि एक सफल उद्यमी और भारतीय उद्योग के कर्णधारों में से एक होने के कारण कैट ने सभी उद्योगपतियों से चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के राष्ट्रीय अभियान में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. कैट ने अंबानी सहित अन्य सभी उद्योगपतियों से कहा की यह अभियान देश की अर्थव्यवस्था में एक नया परिवर्तन लाएगा और भारत को दुनिया में एक नदी आर्थिक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा. कैट का मानना है कि देश के सभी प्रमुख वर्गों के जुड़ने से चीन पर भारत की निर्भरता काफी हद तक कम होगी.

खंडेलवाल ने कहा कि भारत चीन से चार श्रेणियों के उत्पादों का आयात करता है अर्थात तैयार माल, कच्चा माल, भारत में माल की असेंबली के लिए स्पेयर पार्ट्स और टेक्नोलॉजी वाले उत्पाद और कैट ने चरणबद्ध तरीके से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने का फैसला किया है.

दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा 'भारतीय सामान-हमारा अभिमान'

कैट ने पहले चरण के लिए लगभग 450 व्यापक श्रेणी के तैयार उत्पादों की एक सूची बनाई है जिसके अंतर्गत लगभग 3,000 से अधिक उत्पाद ऐसे हैं जो चीन से आयात होते हैं जबकि इस प्रकार के सभी उत्पाद भारत में पहले से ही बन रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि कैट के राष्ट्रीय अभियान का पहला चरण 10 जून, 2020 को शुरू किया गया था और यह दिसंबर, 2021 तक जारी रहेगा. इस दौरान भारतीय उद्योग, लघु उद्योग, उद्यमियों, स्टार्टअप और अन्य लोगों को बेहतर सुविधा प्रदान करने के लिए कैट केंद्र सरकार से एक व्यापक रणनीति बनाने का आग्रह करेगा और एक समग्र नीति के अंदर भारत में कच्चे माल, स्पेयर पार्ट्स और प्रौद्योगिकी संचालित वस्तुओं से संबंधित वस्तुओं के निर्माण को भारत में ही शुरू करने के लिए सरकार से आग्रह करेगा.

'चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल'- ये कहावत सिर्फ मिथक

उन्होंने कहा कि देश के कुछ वर्गों में एक मिथक है कि भारत चीनी वस्तुओं का बहिष्कार बहुत मुश्किल है जिसे भारत के व्यापारियों ने एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है. उन्होंने दृढ़ता से कहा कि देश में व्यापारी देशवासियों के सहयोग से इसे करके दिखाएंगे.

भरतिया और खंडेलवाल दोनों ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन की सेना ने सबसे गुप्त तरीके से लद्दाख सीमा पर भारतीय सेना पर बर्बर हमला किया है. जिसके परिणामस्वरूप देश के 20 बहादुर बेटों की नृशंस हत्या हुई है. प्रत्येक भारतीय चीन के अत्याचारों के प्रति गहरी नाराज़गी, आक्रोश और घृणा कर रहा है और चीन के प्रति उनका विरोध लगातार तीव्र होता जा रहा है. आज प्रत्येक भारतीय का खून प्रतिशोध की भावना के साथ उबल रहा है और इसलिए जहां भारत की सेना चीन से सैन्य रूप लड़ेगी वहां भारतीय व्यापारी और भारत के लोग अब चीन से आर्थिक युद्ध लड़ेंगे.

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