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सरकार ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी

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Published : Dec 16, 2020, 7:11 PM IST

दूरसंचार विभाग के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय- डिजिटल संचार आयोग ने मई में स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी थी. यह मंजूरी मंत्रिमंडल की अनुमति पर निर्भर थी.

सरकार ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी
सरकार ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिये राहत, पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली ढांचागत सुविधाओं में सुधार और स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी है.

दूरसंचार विभाग के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय- डिजिटल संचार आयोग ने मई में स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी थी. यह मंजूरी मंत्रिमंडल की अनुमति पर निर्भर थी.

दूरसंचार विभाग को अगले दौर की नीलामी के लिये अधिसूचना जारी करना है. इसके तहत 5.22 लाख करोड़ रुपये मूल्य की रेडियो तरंगों की बिक्री की जाएगी.

दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के अनुसार 3.92 लाख करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम बिना किसी उपयोग के नीलामी के लिये पड़ा है.

ये भी पढ़ें: गन्ना किसानों के लिए बड़ा फैसला, 3,500 करोड़ रुपये के चीनी निर्यात पर सब्सिडी देगी सरकार

दूरसंचार मंत्रालय को दूरसंचार परिचालकों से स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में औसतन 5 प्रतिशत राजस्व हिस्सा मिलता है.

इसका आकलन कंपनियों के पास उपलब्ध स्पेक्ट्रम के आधार पर होता है. इसके अलावा संचार सेवाओं की बिक्री से प्राप्त आय में से लाइसेंस शुल्क के रूप में 8 प्रतिशत हिस्सा मिलता है.

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगले दौर की स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिये राहत, पूर्वोत्तर राज्यों में बिजली ढांचागत सुविधाओं में सुधार और स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दी है.

दूरसंचार विभाग के निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय- डिजिटल संचार आयोग ने मई में स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दे दी थी. यह मंजूरी मंत्रिमंडल की अनुमति पर निर्भर थी.

दूरसंचार विभाग को अगले दौर की नीलामी के लिये अधिसूचना जारी करना है. इसके तहत 5.22 लाख करोड़ रुपये मूल्य की रेडियो तरंगों की बिक्री की जाएगी.

दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो के अनुसार 3.92 लाख करोड़ रुपये मूल्य का स्पेक्ट्रम बिना किसी उपयोग के नीलामी के लिये पड़ा है.

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दूरसंचार मंत्रालय को दूरसंचार परिचालकों से स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में औसतन 5 प्रतिशत राजस्व हिस्सा मिलता है.

इसका आकलन कंपनियों के पास उपलब्ध स्पेक्ट्रम के आधार पर होता है. इसके अलावा संचार सेवाओं की बिक्री से प्राप्त आय में से लाइसेंस शुल्क के रूप में 8 प्रतिशत हिस्सा मिलता है.

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