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थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति उच्चतम स्तर पर, विनिर्मित उत्पाद हुए महंगे

डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति नवंबर माह में 1.55 प्रतिशत तक बढ़ गई. हालांकि ऐसे में चीजें थोड़ी बहुत सस्ती जरूर हुईं.

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विनिर्मित उत्पाद
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Published : Dec 14, 2020, 2:11 PM IST

नई दिल्ली: विनिर्मित उत्पादों के महंगा होने के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति) नवंबर में 1.55 प्रतिशत बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई.

नवबंर में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 2.26 प्रतिशत थी. समीक्षाधीन अवधि में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई, हालांकि विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ीं.

खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था. इस दौरान सब्जियों और आलू की कीमतों में तेजी जारी रही.

पढ़ें:शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत

गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी 8.43 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही. इस दौरान ईंधन और बिजली की महंगाई दर ऋणात्मक 9.87 प्रतिशत थी.

नई दिल्ली: विनिर्मित उत्पादों के महंगा होने के चलते थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति) नवंबर में 1.55 प्रतिशत बढ़कर नौ महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. हालांकि, इस दौरान खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कुछ नरमी आई.

नवबंर में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति फरवरी के बाद से सबसे अधिक है, जब यह 2.26 प्रतिशत थी. समीक्षाधीन अवधि में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की रफ्तार कुछ कम हुई, हालांकि विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ीं.

खाने-पीने की वस्तुओं की थोक कीमत नवंबर में 3.94 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा 6.37 प्रतिशत था. इस दौरान सब्जियों और आलू की कीमतों में तेजी जारी रही.

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गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर भी 8.43 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी रही. इस दौरान ईंधन और बिजली की महंगाई दर ऋणात्मक 9.87 प्रतिशत थी.

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