नई दिल्ली: निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों पर ध्यान देने वाले म्यूचुअल फंड में मई माह के दौरान माह-दर- माह आधार पर निवेश प्रवाह में 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और यह 63,665 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. बाजार में भुनाने में सरलता वाली योजनाओं में प्रवाह अधिक रहा है और इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने भी इस दिशा में कुछ नये उपाय किये हैं.
सुनिश्चित आय का भरोसा देने वाली अथवा ऋण पत्र में निवेश करने वाले व्यक्तिगत श्रेणियों की तरफ से इनमें प्रवाह बेहतर रहा. लेकिन मध्यम अवधि, एक दिन, रिण जोखिम और गतिशील बॉंड कोष जैसे निवेश साधनों में निकासी का रुझान देखा गया.
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एसोसियेसन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के मुताबिक निर्धारत आय देने वाली प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड में मई के दौरान 63,665 करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह रहा जबकि एक माह पहले अप्रैल में इन म्यूचुअल फंड में 43,431 करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह हुआ था.
इससे पहले मार्च में इस वर्ग के म्यूचुअल फंड में 1.95 लाख करोड़ रुपये की भारी निकासी हुई. इससे पहले फरवरी 2020 में इनमें 28,000 करोड़ रुपये और जनवरी 2020 में 1.09 लाख करोड़ रुपये का निवेश प्रवाह हुआ.
एम्फी के मुताबिक पिछले महीने निश्चित आय वाली प्रतिभूतियों वाले म्यूचुअल फड में जितना भी निवेश हुआ उसमें से ट्रेजरी बिलों, जमा प्रमाणपत्र और वाणिज्यिक पत्र जैसे लिक्विड कोषों में 61,870 करोड़ रुपये का भारी भरकम निवेश आकर्षित हुआ.
ग्रो के मुख्य परिचालन अधिकारी और सह- संस्थापक हर्ष जैन ने कहा, "कुछ रिण पत्रों वाले कोषों में गड़बड़ी के मामले में रिजर्व बैंक के उपायों से निवेशकों में विश्वास जगा है इसके स्पष्ट संकेत दिखते हैं क्योंकि मई में रिण कोषों में निवेश पहले के स्तर के बराबर पहुंच गया."
रिजर्व बैंक ने अप्रैल के अंत में म्यूचुअल फंड्स पर नकदी का दबाव कम करने के लिये 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी सुविधा की घोषणा की.
(पीटीआई-भाषा)