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बजट में पेश हो सकती है सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के निजीकरण की नीति - बजट 2021

एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार संभवत: उन रणनीतिक क्षेत्रों के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की पहचान करेगी, जिनमें उसे बने रहना है.

बजट में पेश हो सकती है सरकार की पीएसई निजीकरण नीति
बजट में पेश हो सकती है सरकार की पीएसई निजीकरण नीतिबजट में पेश हो सकती है सरकार की पीएसई निजीकरण नीति
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Published : Jan 28, 2021, 7:07 PM IST

Updated : Jan 28, 2021, 7:41 PM IST

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में नयी निजीकरण नीति की रूपरेखा पेश कर सकती हैं. इसके तहत सरकार गैर-रणनीति क्षेत्र से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से बाहर निकलेगी. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार संभवत: उन रणनीतिक क्षेत्रों के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की पहचान करेगी, जिनमें उसे बने रहना है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसई) नीति को मंजूरी दी है. यह नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को परिभाषित करेगी.

राष्ट्रीय हित और लोक हित से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम रणनीति क्षेत्र के तहत आएंगे. 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत सरकार ने मई में घोषणा की थी कि रणनीतिक क्षेत्रों में अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां रहेंगी. इनमें अन्य सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों का अंतत: निजीकरण किया जाएगा.

नीति के तहत रणनीतिक क्षेत्रों की सूची को अधिसूचित किया जाएगा. इनमें कम से एक और अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां होंगी. अन्य क्षेत्रों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) का निजीकरण उनकी व्यवहार्यता के आधार पर किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : दीर्घकालिक संरचनात्मक मंदी के दौर से गुजर रहा ऑटो क्षेत्र : सियाम

सूत्रों ने कहा कि बजट में सीपीएसई के निजीकरण पर ध्यान दिया जाएगा. इससे सरकार अपने बढ़े हुए खर्च के लिए धन जुटा सकेगी. चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सीपीएसई की अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 17,957 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

पूरे वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. देश में 249 परिचालन वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम हैं जिनका सामूहिक कारोबार 24 लाख करोड़ रुपये और नेटवर्थ 12 लाख करोड़ रुपये है. इनमें से 54 सार्वजनिक उपक्रम शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं.

नई दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में नयी निजीकरण नीति की रूपरेखा पेश कर सकती हैं. इसके तहत सरकार गैर-रणनीति क्षेत्र से संबंधित सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों से बाहर निकलेगी. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए सरकार संभवत: उन रणनीतिक क्षेत्रों के सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की पहचान करेगी, जिनमें उसे बने रहना है.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नयी सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसई) नीति को मंजूरी दी है. यह नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों को परिभाषित करेगी.

राष्ट्रीय हित और लोक हित से जुड़े सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम रणनीति क्षेत्र के तहत आएंगे. 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत सरकार ने मई में घोषणा की थी कि रणनीतिक क्षेत्रों में अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां रहेंगी. इनमें अन्य सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों का अंतत: निजीकरण किया जाएगा.

नीति के तहत रणनीतिक क्षेत्रों की सूची को अधिसूचित किया जाएगा. इनमें कम से एक और अधिकतम चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां होंगी. अन्य क्षेत्रों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) का निजीकरण उनकी व्यवहार्यता के आधार पर किया जाएगा.

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सूत्रों ने कहा कि बजट में सीपीएसई के निजीकरण पर ध्यान दिया जाएगा. इससे सरकार अपने बढ़े हुए खर्च के लिए धन जुटा सकेगी. चालू वित्त वर्ष में सरकार ने सीपीएसई की अल्पांश हिस्सेदारी बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 17,957 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

पूरे वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है. देश में 249 परिचालन वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम हैं जिनका सामूहिक कारोबार 24 लाख करोड़ रुपये और नेटवर्थ 12 लाख करोड़ रुपये है. इनमें से 54 सार्वजनिक उपक्रम शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हैं.

Last Updated : Jan 28, 2021, 7:41 PM IST
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