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बजट से किसी वर्ग को उचित राहत नहीं, कर का बोझ बढ़ा: चिदंबरम

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा कि क्या कभी कोई ऐसा बजट आया है जिसमें कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटे, राजस्व घाटे और वित्तीय रियायतों का उल्लेख नहीं है? हम अब तक चली आ रही परंपराओं से इस सरकार के अलग जाने से स्तब्ध हैं.

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Published : Jul 5, 2019, 6:31 PM IST

बजट से किसी वर्ग को उचित राहत नहीं, कर का बोझ बढ़ा: चिदंबरम

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को दावा किया कि नयी मोदी सरकार के पहले आम बजट से समाज के किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं मिली है और साथ ही कर का बोझ भी बढ़ा दिया गया.

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, "क्या कभी कोई ऐसा बजट आया है जिसमें कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटे, राजस्व घाटे और वित्तीय रियायतों का उल्लेख नहीं है? हम अब तक चली आ रही परंपराओं से इस सरकार के अलग जाने से स्तब्ध हैं."

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा, "आम नागरिकों या जानकार अर्थशास्त्रियों की आवाज को सुने बिना यह बजट तैयार किया गया. यह बजट आर्थिक समीक्षा से पैदा हुई मामूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं है."

ये भी पढ़ें: बजट 2019: जानें कौन से उत्पाद करेंगे आपकी जेब ढीली, बजट में क्या हुआ सस्ता

चिदंबरम ने दावा किया, "वित्त मंत्री ने किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं पहुंचाई है. इसके उलट उन्होंने कई वस्तुओं और पेट्रोल एवं डीजल पर कर का बोझ बढ़ा दिया."

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को दावा किया कि नयी मोदी सरकार के पहले आम बजट से समाज के किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं मिली है और साथ ही कर का बोझ भी बढ़ा दिया गया.

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, "क्या कभी कोई ऐसा बजट आया है जिसमें कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटे, राजस्व घाटे और वित्तीय रियायतों का उल्लेख नहीं है? हम अब तक चली आ रही परंपराओं से इस सरकार के अलग जाने से स्तब्ध हैं."

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा, "आम नागरिकों या जानकार अर्थशास्त्रियों की आवाज को सुने बिना यह बजट तैयार किया गया. यह बजट आर्थिक समीक्षा से पैदा हुई मामूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं है."

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चिदंबरम ने दावा किया, "वित्त मंत्री ने किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं पहुंचाई है. इसके उलट उन्होंने कई वस्तुओं और पेट्रोल एवं डीजल पर कर का बोझ बढ़ा दिया."

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नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शुक्रवार को दावा किया कि नयी मोदी सरकार के पहले आम बजट से समाज के किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं मिली है और साथ ही कर का बोझ भी बढ़ा दिया गया.

चिदंबरम ने संवाददाताओं से कहा, "क्या कभी कोई ऐसा बजट आया है जिसमें कुल राजस्व, कुल खर्च, वित्तीय घाटे, राजस्व घाटे और वित्तीय रियायतों का उल्लेख नहीं है? हम अब तक चली आ रही परंपराओं से इस सरकार के अलग जाने से स्तब्ध हैं."

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शुक्रवार को संसद में पेश किए गए वित्त वर्ष 2019-20 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए चिदंबरम ने कहा, "आम नागरिकों या जानकार अर्थशास्त्रियों की आवाज को सुने बिना यह बजट तैयार किया गया. यह बजट आर्थिक समीक्षा से पैदा हुई मामूली उम्मीदों के मुताबिक नहीं है."

चिदंबरम ने दावा किया, "वित्त मंत्री ने किसी भी वर्ग को उचित राहत नहीं पहुंचाई है. इसके उलट उन्होंने कई वस्तुओं और पेट्रोल एवं डीजल पर कर का बोझ बढ़ा दिया."

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