नई दिल्ली : उद्योग मंडल एसोचैम ने आगामी आम बजट में एनबीएफसी क्षेत्र के लिए एक पुनर्वित्त व्यवस्था (permanent refinancing for nbfc sector) बनाने और उन्हें प्राथमिकता क्षेत्र के तहत बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने का सुझाव दिया है.
एसोचैम (ASSOCHAM) ने बजट से पहले अपनी सिफारिशों में सरकार से कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए वित्तपोषण सहायता से क्षेत्र में नकदी सुनिश्चित होगी. यह क्षेत्र वित्तीय समावेश और सहूलियत भरी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
सरकार एक फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेगी.
उद्योग मंडल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में एनबीएफसी क्षेत्र ने बाहरी कारकों के चलते तरलता की कमी देखी है. ऐसे में वाजिब कीमत पर धन उधार लेने की उनकी क्षमता प्रभावित हुई है.
एसोचैम ने कहा, राष्ट्रीय आवास बैंक (जो आवास वित्त कंपनियों या एचएफसी का वित्त पोषण करता है) की तर्ज पर एनबीएफसी के लिए सीधे केंद्रीय बैंक से पुनर्वित्त व्यवस्था की लंबे समय से मांग रही है.
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वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति ने जून, 2003 में एनबीएफसी के लिए एक नए पुनर्वित्त संस्थान के गठन की सिफारिश की थी.
उद्योग मंडल ने सुझाव दिया कि एनबीएफसी को बैंकों से प्राथमिकता वाले क्षेत्र के तहत ऋण मिलना चाहिए.
ज्ञापन में कहा गया, चूंकि एनबीएफसी वित्तीय समावेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बैंकिंग की सुविधा के अछूते लोगों को सहूलियत भरी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराते हैं, इसलिए हम सुझाव देते हैं कि इस व्यवस्था के तहत बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र को दिए जाने वाले उधार का 10 प्रतिशत उपलब्ध कराया जा सकता है.
(पीटीआई-भाषा)