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ब्रिटिश अदालत ने नीरव मोदी की हिरासत 25 जुलाई तक बढ़ाई

पंजाब नेशनल बैंक के 2 बिलियन रुपये के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मार्च में गिरफ्तारी के बाद से नीरव मोदी दक्षिण-पश्चिम लंदन के वंड्सवर्थ जेल में बंद था, जो इसी महीने की शुरुआत में यूके उच्च न्यायालय द्वारा उनकी चौथी जमानत अपील को खारिज करने के बाद पहली बार अदालत में पेश होगा.

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए आज लंदन कोर्ट में पेश होगा नीरव मोदी
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Published : Jun 27, 2019, 12:45 PM IST

Updated : Jun 27, 2019, 6:13 PM IST

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत 25 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. वह करीब दो अरब डॉलर की पीएनबी धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत में वांछित है.

नीरव मोदी (48) को मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह तब से वैंड्सवर्थ की एक जेल में बंद है. ब्रिटिश उच्च न्यायालय ने 12 जून को उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. यह जमानत के लिए उसकी तरफ दायर से चौथी अर्जी थी. कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि अगर वह अपने केस से जुड़े दस्तावेजों को पढ़ना चाहता है कि तो यह सुविधा उसे दी जाएगी.

नीरव मोदी के वकीलों ने कोर्ट से एक लैपटॉप की मांग की है. वकीलों ने कहा कि उसके क्लाइंट भारत सरकार की तरफ से लगाए गए 500 पन्नों के आरोपों को पढ़ना चाहते हैं, इसलिए उन्हें लैपटॉप दी जाए.

ये भी पढ़ें- पीएनबी धोखाधड़ीः नीरव मोदी और उसकी बहन के चार स्विस बैंक खाते जब्त किए गए

उसके खिलाफ पिछले साल मई और जुलाई में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इसके बाद अगस्त, 2018 में ब्रिटेन के अधिकारियों से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए आग्रह किया गया था.

नीरव मोदी बृहस्पतिवार को वीडियोलिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश हुआ. मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था.

लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की हिरासत 25 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी है. वह करीब दो अरब डॉलर की पीएनबी धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत में वांछित है.

नीरव मोदी (48) को मार्च में लंदन में गिरफ्तार किया गया था और वह तब से वैंड्सवर्थ की एक जेल में बंद है. ब्रिटिश उच्च न्यायालय ने 12 जून को उसकी जमानत की अर्जी खारिज कर दी. यह जमानत के लिए उसकी तरफ दायर से चौथी अर्जी थी. कोर्ट ने साथ में यह भी कहा कि अगर वह अपने केस से जुड़े दस्तावेजों को पढ़ना चाहता है कि तो यह सुविधा उसे दी जाएगी.

नीरव मोदी के वकीलों ने कोर्ट से एक लैपटॉप की मांग की है. वकीलों ने कहा कि उसके क्लाइंट भारत सरकार की तरफ से लगाए गए 500 पन्नों के आरोपों को पढ़ना चाहते हैं, इसलिए उन्हें लैपटॉप दी जाए.

ये भी पढ़ें- पीएनबी धोखाधड़ीः नीरव मोदी और उसकी बहन के चार स्विस बैंक खाते जब्त किए गए

उसके खिलाफ पिछले साल मई और जुलाई में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. इसके बाद अगस्त, 2018 में ब्रिटेन के अधिकारियों से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए आग्रह किया गया था.

नीरव मोदी बृहस्पतिवार को वीडियोलिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर की मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष पेश हुआ. मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को गिरफ्तार किया था.

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लंदन: भगोड़े नीरव मोदी को गुरुवार को लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने नियमित रिमांड सुनवाई के लिए जेल से वीडियोकॉल के माध्यम से पेश होना है.

पंजाब नेशनल बैंक के 2 बिलियन रुपये के धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मार्च में गिरफ्तारी के बाद से नीरव मोदी दक्षिण-पश्चिम लंदन के वंड्सवर्थ जेल में बंद था, जो इसी महीने की शुरुआत में यूके उच्च न्यायालय द्वारा उनकी चौथी जमानत अपील को खारिज करने के बाद पहली बार अदालत में पेश होगा.

लंदन में न्याय के रॉयल कोर्ट में सौंपे गए अपने फैसले में, न्यायमूर्ति इंग्रिड सिमलर ने निष्कर्ष निकाला कि "यह मानने के लिए पर्याप्त आधार" थे कि मोदी आत्मसमर्पण करने में विफल होंगे क्योंकि उनके पास "फरार" होने के साधन हैं.

पहले की जमानत के प्रयासों के दौरान वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट द्वारा उठाए गए उन लोगों की तरह ही चिंताओं को दोहराते हुए, न्यायाधीश सिमलर ने फैसला सुनाया कि सभी सामग्री "ध्यानपूर्वक" पर विचार करने के बाद, उन्होंने सुझाव दिया था कि इस मामले में गवाहों के हस्तक्षेप और सबूत नष्ट करने के लिए मजबूत सबूत थे और निष्कर्ष निकाला कि यह अभी भी हो सकता है.

मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड के अधिकारियों ने 19 मार्च को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया था और तब से जेल में हैं. बाद की सुनवाई के दौरान, वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट को बताया गया था कि मोदी पीएनबी को धोखा देने और फिर अपराध की कार्यवाही की साजिश रचने के लिए एक उपक्रम के रूप में उपक्रम के फर्जी जारी करने के "प्रमुख लाभार्थी" थे.

ब्रिटेन के कानून के तहत, मोदी को हर चार सप्ताह में अदालत में पेश करने की उम्मीद है, जबकि अदालत के कैलेंडर में वर्तमान में तय 29 जुलाई के मामले की सुनवाई से पहले एक और रिमांड सुनवाई की उम्मीद है.

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Last Updated : Jun 27, 2019, 6:13 PM IST
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