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biggest electric bus tender : भारत ने अब तक का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक बस टेंडर जारी किया

भारत में सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर जोर दिया जा रहा है. खुद केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कई मौकों पर ई-व्हिकल की हिमायत करते दिखे हैं. ताजा घटनाक्रम में विद्युत मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम ने इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति के लिए देश की अब तक की सबसे बड़ी निविदा (biggest electric bus tender) रखी है. कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (Convergence Energy Services Ltd), एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है. यह बिजली मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रमों का एक संयुक्त उद्यम है. पढ़िए ईटीवी भारत के नेशनल ब्यूरो चीफ राकेश त्रिपाठी की रिपोर्ट

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Published : Jan 20, 2022, 4:49 PM IST

नितिन गडकरी
नितिन गडकरी

नई दिल्ली : कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (Convergence Energy Services Ltd) ने अब तक का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक बस टेंडर (biggest electric bus tender) जारी किया है. गुरुवार को सीईएसएल ने कहा कि वह 5,500 से अधिक फुली इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करेगी. पांच प्रमुख शहरों की संयुक्त मांग के तहत इन बसों की जरूरत है.

टेंडर के तहत सीईएसएल का लक्ष्य पांच प्रमुख शहरों में 5,450 सिंगल डेकर बसें और 130 डबल डेकर बसें मुहैया कराएगी. इस योजना के तहत कवर किए जाने वाले शहरों में पहले चरण में बेंगलुरु, दिल्ली, सूरत, हैदराबाद और कोलकाता हैं. इस साल जुलाई तक ई-बसों की पहली खेप सड़कों पर आने की उम्मीद है.

सीईएसएल ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य सरकारों को उनके इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समर्थन बढ़ाने के साथ-साथ देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है.

सिटी बस नेटवर्क की इस योजना में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं. इसका उद्देश्य शहरों में परिचालन लागत कम करना, राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) द्वारा ई-बसों की खरीद की बाधाओं को दूर करना, सर्वोत्तम प्रथाओं और संचालन मानकों का विकास करना है. निविदा का उद्देश्य देश में सिटी बस नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए एक मंच विकसित करना है. इससे परिचालन और यात्री क्षमता और बेहतर बनेगी.

सिटी बस नेटवर्क के लिए 5,500 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगा. इससे 2050 तक नेट जीरो नेशन (net zero nation) का लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि अप्रैल, 2019 में स्कॉटलैंड वैश्विक जलवायु आपातकाल घोषित करने वाला पहला देश बना. स्कॉटलैंड ने दुनिया का नेतृत्व किया. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है. नेट जीरो नेशन के बारे में इसकी वेबसाइट पर लिखे ब्यौरे के मुताबिक जलवायु आपातकाल से लड़ने के वैश्विक प्रयास के हिस्से के रूप में स्कॉटलैंड ने शेष यूके से पांच साल आगे 2045 तक 'नेट ज़ीरो' बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.

नई दिल्ली : कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (Convergence Energy Services Ltd) ने अब तक का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक बस टेंडर (biggest electric bus tender) जारी किया है. गुरुवार को सीईएसएल ने कहा कि वह 5,500 से अधिक फुली इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति करेगी. पांच प्रमुख शहरों की संयुक्त मांग के तहत इन बसों की जरूरत है.

टेंडर के तहत सीईएसएल का लक्ष्य पांच प्रमुख शहरों में 5,450 सिंगल डेकर बसें और 130 डबल डेकर बसें मुहैया कराएगी. इस योजना के तहत कवर किए जाने वाले शहरों में पहले चरण में बेंगलुरु, दिल्ली, सूरत, हैदराबाद और कोलकाता हैं. इस साल जुलाई तक ई-बसों की पहली खेप सड़कों पर आने की उम्मीद है.

सीईएसएल ने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य सरकारों को उनके इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए समर्थन बढ़ाने के साथ-साथ देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए एक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है.

सिटी बस नेटवर्क की इस योजना में 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं. इसका उद्देश्य शहरों में परिचालन लागत कम करना, राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) द्वारा ई-बसों की खरीद की बाधाओं को दूर करना, सर्वोत्तम प्रथाओं और संचालन मानकों का विकास करना है. निविदा का उद्देश्य देश में सिटी बस नेटवर्क के आधुनिकीकरण के लिए एक मंच विकसित करना है. इससे परिचालन और यात्री क्षमता और बेहतर बनेगी.

सिटी बस नेटवर्क के लिए 5,500 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों का टेंडर 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने में भी मददगार साबित होगा. इससे 2050 तक नेट जीरो नेशन (net zero nation) का लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.

बता दें कि अप्रैल, 2019 में स्कॉटलैंड वैश्विक जलवायु आपातकाल घोषित करने वाला पहला देश बना. स्कॉटलैंड ने दुनिया का नेतृत्व किया. जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कार्रवाई करने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है. नेट जीरो नेशन के बारे में इसकी वेबसाइट पर लिखे ब्यौरे के मुताबिक जलवायु आपातकाल से लड़ने के वैश्विक प्रयास के हिस्से के रूप में स्कॉटलैंड ने शेष यूके से पांच साल आगे 2045 तक 'नेट ज़ीरो' बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है.

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