तमिलनाडु : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र औषधि है क्योंकि यह लोगों को नियमित रूप से कारोबार करने या किसानों को खेती करने की अनुमति देती है. साथ ही उन्होंने कहा कि देश के 73 करोड़ लोगों ने कोविड-19 रोधी टीके की खुराक ले ली है.
उन्होंने कहा, देश में टीकाकरण अभियान सुचारू रूप से चल रहा है और अभी तक 73 करोड़ लोगों ने टीके की निशुल्क खुराक ले ली है. आज टीकाकरण कार्यक्रम के जरिए लोग कारोबार करने, व्यापारी कारोबार चलाने के लिए उत्पाद खरीदने, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने या किसान खेती करने के सक्षम हो पाए. इसलिए टीकाकरण ही अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए इस विषाणु से लड़ने की एकमात्र औषधि है. तमिलनाडु में स्वास्थ्य मंत्रालय का 40,000 शिविरों के जरिए 20 लाख लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य है.
वित्त मंत्री ने कहा, हम सभी प्रार्थना कर रहे हैं कि कोविड-19 की तीसरी लहर न आए. अगर तीसरी लहर आती है तो सभी को अस्पतालों की उपलब्धता के बारे में सोचना होगा, अगर कोई अस्पताल है भी तो क्या उसमें आईसीयू है और अगर आईसीयू है तो क्या उसमें ऑक्सीजन है? इन सभी सवालों के लिए मंत्रालय ने एक योजना की घोषणा की है जिसमें अस्पतालों को अपने विस्तार में तेजी लाने की अनुमति दी गई है.
बैंकों को डिजिटलीकरण को तेजी से अपनाना चाहिए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि बैंकों (निजी क्षेत्र सहित) को डिजिटलीकरण को तेजी से अपनाना चाहिए, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों और समाज के पिछड़े तबकों तक पहुंच सके.
तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान बैंकिंग प्रतिनिधियों (कॉरस्पॉन्डेंट) के जरिये, डिजिटल के इस्तेमाल से जरूरतमंद लोगों के ब्योरे के सत्यापन के बाद सरकार की वित्तीय मदद उन तक पहुंच सकी है.
वित्त मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री इस बात को जानते हैं कि बैंकिंग महत्वपूर्ण है. इसलिए उन्होंने जनधन योजना के तहत शून्य शेष वाले बैंक खाते को अनुमति देने में हिचकिचाहट नहीं दिखाई. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक के पास बैंक खाता हो और वह रुपे कार्ड के जरिए लेनदेन कर सके.
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंद लोगों के बैंक खातों में तीन किस्तों में ₹1500 डाले हैं और डिजिटलीकरण के जरिए बैंकिंग क्षेत्र में काफी तेजी से बदलाव हो रहे हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि आज ऐसे स्थान पर बैंक शाखा खोलने की जरूरत नहीं है, जहां बैंक नहीं है. आज हम वहां रहने वाले लोगों के बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं. सभी तरह की प्रौद्योगिकियां उपलब्ध हैं.
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तूतीकोरिन में बैठकर भी कोई किसी छोटे गांव में रहने वाले व्यक्ति की बैंकिंग जरूरत को प्रौद्योगिकी के जरिए पूरा कर सकता है. उन्होंने कहा कि आज तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक जैसे बैंकों के लिए प्रौद्योगिकी से संबंधित समाधान अपनाना बेहद जरूरी है ताकि वे अधिक मजबूत बन सकें.
सीतारमण ने कहा बैंकिंग के लिए व्यापक संभावनाएं हैं. मेरा मानना है कि डिजिटलीकरण पूर्ण होना चाहिए.आपके खुद के तथा ग्राहकों की दृष्टि से डिजिटलीकरण जरूरी है. तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक को अपने सभी ग्राहकों को इससे जोड़ना चाहिए और वित्तीय समावेशन का कार्यान्वयन करना चाहिए.
सीतारमण ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक की एक लाभार्थी को वित्तीय सहायता प्रदान करने के बाद कहा कि आप एक ऐसी महिला को चेक दे रहे हैं जो इडली बेचने का कारोबार करती है.
उन्होंने कहा कि यहां तक कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के मामलों पर काफी लिख चुके एक मशहूर ग्रीक लेखक ने भी अपनी किताब में नादर समुदाय का जिक्र किया था. उन्होंने कहा, तो आज यह केवल नादर समुदाय का बैंक या तूतीकोरिन का बैंक नहीं रह गया बल्कि इसकी देशव्यापी उपस्थिति है और इसमें ₹41,000 करोड़ से अधिक की धनराशि जमा है.
आप यह वित्तीय सहायता इस वजह से दे पाए क्योंकि प्रधानमंत्री जनधन जैसी कोई योजना है. उन्होंने कहा यदि यह योजना नहीं होती तो आप यह सहायता नहीं दे पाते.यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरूआत की.
(पीटीआई-भाषा)