चंडीगढ़: बैंक कर्मचारियों की चार यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के दस बैंकों के विलय की घोषणा के विरोध में 25 सितंबर की मध्यरात्रि से दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है.
साथ ही बैंक यूनियनों ने बैंकों के एकीकरण की इस योजना के खिलाफ नवंबर के दूसरे सप्ताह से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी धमकी दी है. इसके अलावा कर्मचारी यूनियनें बैंक कर्मियों के वेतन संशोधन की प्रक्रिया तेज करने और पांच दिन के सप्ताह की भी मांग कर रही हैं.
हड़ताल का आह्वान आल इंडिया बैंक आफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), आल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए), इंडियन नेशनल बैंक आफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) और नेशनल आर्गेनाइजेशन आफ बैंक आफिसर्स (एनओबीओ) ने किया है.
एआईबीओसी (चंडीगढ़) के महासचिव दीपक कुमार शर्मा ने यह जानकारी दी.
शर्मा ने कहा कि देशभर में राष्ट्रीयकृत बैंक 25 सितंबर की मध्यरात्रि से 27 सितंबर की मध्यरात्रि तक हड़ताल पर रहेंगे.
ये भी पढ़ें- फेसबुक का मुकेश अंबानी को जवाब; डेटा कोई तेल नहीं, इसे देश के भीतर नहीं रोका जाना चाहिये
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के विरोध और अपनी अन्य मांगों के समर्थन में बैंक कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि नवंबर के दूसरे सप्ताह से राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं. सरकार ने दस राष्ट्रीयकृत बैंकों का विलय कर चार बड़े बैंक बनाने की घोषणा की है.
इसके तहत यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरियंटल बैंक आफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में किया जाएगा. इसके बाद अस्तित्व में आने वाला बैंक सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा.
इसी तरह सिंडिकेट का विलय केनरा बैंक में किया जाएगा. इलाहाबाद बैंक का विलय इंडियन बैंक में किया जाना है. आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को यूनियन बैंक आफ इंडिया में मिलाया जाएगा.