नई दिल्ली: देशभर में ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी से गुजर रहा है. सेक्टर में आए इस मंदी को लेकर ऑटो एक्सपर्ट ने कहा कि इसका मुख्य कारण वैश्विक मंदी है. यदि सरकार को इस सेक्टर में मजबूती लानी है तो फिर जीएसटी रेट कम करने होंगे.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ऑटो एक्सपर्ट टूटू धवन ने कहा कि देश की इंडस्ट्रियल ईकोनॉमी काफी धीमी हो चुकी है और इस कारण पिछ्ले दो सालों में अधिकारिक आकड़ों के मुताबिक 1लाख 68 हजार फर्म बंद हो चुके हैं. टूटू धवन ने कहा की इंडस्ट्रियल ग्रोथ जब बढ़ती है कभी ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री होती है, लेकिन इंडस्ट्रियल ग्रोथ रुकने के कारण इस सेक्टर में गिरावट आ रही है.
धवन ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट का एक और कारण बताते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2020 से बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन नहीं होंगे. सरकार घोषणा कर चुकी है कि देश में 2020 तक बीएस-6 मानक को लागू कर दिया जाएगा. धवन ने कहा की इस कारण ग्राहक अब यह सोच रहा है कि बीएस-4 वाहनों को खरीदने से क्या फायदा होगा जब अगले साल 1 अप्रैल से इन्हें भारत में नहीं बिकने दिया जाएगा.
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अर्थशास्त्री आकाश जिंदल ने कहा कि वैश्विक मंदी के कारण भारत में भी इसका असर देखने को मिल रहा है और इसी कारण ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी मंदी नजर आ रही.
जिंदल के मुताबिक यदि केंद्र सरकार ऑटोमोबाइल सेक्टर में जीएसटी घटा दे तो इस सेक्टर को मंदी से निकाला जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने अपना सुझाव देते हुए कहा कि जो ऑटो कंपनियां अभी तक अच्छी स्थिति में थीं उन्हें बैंकों द्वारा सहायता प्रदान की जानी चाहिए.
आकाश जिंदल ने कहा कि एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) क्षेत्र में आई दिक्कत के कारण मार्केट में लिक्विडिटी क्रंच आ गया है और यदि सरकार बैंकों से इन ऑटो कंपनियों को लैंडिंग दिलवा दे तो इससे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और ऑटो सेक्टर दोबारा बेहतर रिटर्न देगा.