नई दिल्ली: ऑटो एलपीजी उद्योग ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती की मांग की है. इंडियन ऑटो एलपीजी कोलिशन (आईएसी) के महानिदेशक सुयश गुप्ता ने कहा कि सरकार को ऑटो एलपीजी को भी सीएनजी जैसे स्वच्छ ईंधन के समान मानना चाहिए और उसे वित्तीय प्रोत्साहन देना चाहिए.
गुप्ता ने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में प्रदूषण नियंत्रण के लिए इस तरह के ईंधन को प्रोत्साहन देने की जरूरत है. एलपीजी भी सीएनजी की तरह स्वच्छ ईंधन की श्रेणी में आता है. यह डीजल और पेट्रोल की तुलना में सस्ता पड़ता है.
गुप्ता ने कहा कि वाहनों में एलपीजी का इस्तेमाल 70 देशों में होता है. वहीं ईरान, भारत और पाकिस्तान सहित चार-पांच देशों में सीएनजी का इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि वाहनों में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी का सिलेंडर सीएनजी से हल्का होता है और इसे भरने में भी पेट्रोल-डीजल जितना ही समय लगता है.
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गुप्ता ने कहा, "हमने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जीएसटी परिषद के सदस्यों को पत्र लिखकर ऑटो एलपीजी पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर पांच प्रतिशत करने का आग्रह किया है."
उन्होंने कहा कि घरेलू इस्तेमाल वाले एलपीजी पर पांच प्रतिशत का कर लगता है लेकिन वाहनों में इसके इस्तेमाल पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत है. आईएसी ने ऑटो एलपीजी किट पर भी जीएसटी की दर को 28 से घटाकर पांच प्रतिशत करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को प्रोत्साहन के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है. हमें सब्सिडी की जरूरत नहीं है. हम जीएसटी कटौती जैसे नीतिगत हस्तक्षेप के जरिये सिर्फ समान अवसर चाहते हैं.