नई दिल्ली : उद्योग एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने एसी और एलईडी बल्ब के लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) को अधिसूचित कर दिया है. योजना के तहत ऐसे उत्पादों का विनिर्माण करने वाली कंपनियों को समर्थन दिया जायेगा जो उत्पाद मौजूदा समय में भारत में नहीं बनते हैं.
विभाग ने कहा है कि केवल कल-पुर्जे जोड़ कर सामान बनाने को प्रोत्साहित नहीं किया जायेगा बल्कि जो कंपनियां मूल और आाधरभूत उपकरणों, कलपुर्जों में निवेश करेंगी उन्हें उच्च प्राथमिकता दी जायेगी.
सरकार ने इस माह की शुरुआत में एयर कंडीसनर्स (एसी) और एलईडी बल्ब जैसे सामानों के उत्पादन के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. इसके लिये 6,238 करोड़ रुपये का बजट का प्रावधान है. योजना को 2021- 29 तक लागू किया जायेगा.
डीपीआईआईटी की अधिसूचना के मुताबिक कैबिनेट सेक्रटरी की अध्यक्षता वाली सचिवों का उच्चाधिकार प्राप्त समूह पीएलआई योजना पर नजर रखेगा. योजना के तहत दी जाने वाली राशि को लेकर समय समय पर उसकी समीक्षा करेगा. सभी पीएलआई में समानता बनाये रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि जो भी खर्च हो वह तय योजना के दायरे में ही हो.
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सचिवों के समूह को एसी और एलईडी बल्ब के क्षेत्र को पीएलआई के तहत आवंटित कुल 6,238 करोड़ रुपये की सकल योजना के भीतर तौर-तरीकों में किसी भी प्रकार के बदलाव का अधिकार होगा.
इसमें कहा गया है कि पीएलआई योजना का लाभ प्रति लाभार्थी उसकी बिक्री में अतिरिक्त वृद्धि के आधार पर लागू होगा. एक साल पहले यानी आधार वर्ष 2019- 20 के विनिर्मित सामान के कर भुगतान के बाद शुद्ध बिक्री के आधार पर इसकी गणना होगी. हालांकि, इसकी ऊपरी सीमा भी होगी.
तैयार सामानों की एसेम्बली करने मात्र को प्रोत्साहन नहीं दिया जायेगा. योजना के तहत कंपनियों का चयन कलपुर्जों के भारत में विनिर्माण करने अथवा ऐसे उत्पादों की छोटे स्तर पर एसेम्बली को प्रोतसाहित किया जायेगा जिनका भारत में पर्याप्त क्षमता में उत्पादन नहीं होता है.
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योजना के तहत देश में एसी के विभिन्न कलपुर्जों जैसे कि कॉपर ट्यूब, एल्यूमीनियम फायल और कंप्रेसर्स और एलईडी बल्ब के मामले में एलईडी चिप, पैकेजिंग, रेसिसटेंर, आईसीस और फ्यूज आदि विनिर्माण करने वाली कंपनियों को समर्थन मिलेगा.
अधिसूचना में प्रोतसाहन योजना को लेकर अन्य चीजों को भी स्पष्ट किया गया है.