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दिल्ली में असम और बंगाल चाय यूनियनों का विरोध, केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा

चाय यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ असम और पश्चिम बंगाल के छात्र नेता नई दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं.

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Published : Mar 4, 2019, 5:55 PM IST

नई दिल्ली: सैकड़ों चाय यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ छात्र नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को एक ज्ञापन भी सौंपा.

चाय यूनियन के नेता सौमिक चक्रवर्ती ने कहा, "हम मांग करते हैं कि सभी दलों को अपनी चुनावी घोषणा पत्र में हमारी मांगों को शामिल करना चाहिए. हम दशकों से अपने वैध अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है."

जानकारी देते चाय यूनियन के नेता सौमिक चक्रवर्ती

ये भी पढ़ें-स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस की नई शाखाएं खोलने, जमा राशि बढ़ाने की योजना

चाय संघ चाय श्रमिकों के लिए 351 रुपये के दैनिक न्यूनतम वेतन को लागू करने और अधिनियम पीएलए 1951 को संशोधित करने की मांग कर रहे हैं.

वास्तव में असम और पश्चिम बंगाल में चाय के कई बाग बदहाल हैं. चाय बागानों के हितों की रक्षा के लिए न केवल चाय बागान मालिक बल्कि राज्य सरकारें भी नियम-कानून को लागू करने में विफल रही हैं. कई मौकों पर चाय बागानों में चाय प्रबंधन और चाय बागान मजदूरों के बीच झड़प के बाद अशांति हुई.

नई दिल्ली: सैकड़ों चाय यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ छात्र नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को एक ज्ञापन भी सौंपा.

चाय यूनियन के नेता सौमिक चक्रवर्ती ने कहा, "हम मांग करते हैं कि सभी दलों को अपनी चुनावी घोषणा पत्र में हमारी मांगों को शामिल करना चाहिए. हम दशकों से अपने वैध अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है."

जानकारी देते चाय यूनियन के नेता सौमिक चक्रवर्ती

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चाय संघ चाय श्रमिकों के लिए 351 रुपये के दैनिक न्यूनतम वेतन को लागू करने और अधिनियम पीएलए 1951 को संशोधित करने की मांग कर रहे हैं.

वास्तव में असम और पश्चिम बंगाल में चाय के कई बाग बदहाल हैं. चाय बागानों के हितों की रक्षा के लिए न केवल चाय बागान मालिक बल्कि राज्य सरकारें भी नियम-कानून को लागू करने में विफल रही हैं. कई मौकों पर चाय बागानों में चाय प्रबंधन और चाय बागान मजदूरों के बीच झड़प के बाद अशांति हुई.

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दिल्ली में असम और बंगाल चाय यूनियनों का विरोध, केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन सौंपा

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चाय यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ असम और पश्चिम बंगाल के छात्र नेता नई दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहें हैं.

नई दिल्ली: सैकड़ों चाय यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ छात्र नेताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों ने केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार को एक ज्ञापन भी सौंपा.

चाय यूनियन के नेता सौमिक चक्रवर्ती ने कहा, "हम मांग करते हैं कि सभी दलों को अपनी चुनावी घोषणा पत्र में हमारी मांगों को शामिल करना चाहिए. हम दशकों से अपने वैध अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है."

चाय संघ चाय श्रमिकों के लिए 351 रुपये के दैनिक न्यूनतम वेतन को लागू करने और अधिनियम पीएलए 1951 को संशोधित करने की मांग कर रहे हैं.

वास्तव में असम और पश्चिम बंगाल में चाय के कई बाग बदहाल हैं. चाय बागानों के हितों की रक्षा के लिए न केवल चाय बागान मालिक बल्कि राज्य सरकारें भी नियम-कानून को लागू करने में विफल रही हैं. कई मौकों पर चाय बागानों में चाय प्रबंधन और चाय बागान मजदूरों के बीच झड़प के बाद अशांति हुई.


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