कोलकाता: पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की टिप्पणी कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का निर्णय राज्यों और जीएसटी परिषद को लेना है, पर पलटवार करते हुए कहा कि वह इसे किसी और पर नहीं डाल सकती जबकि वह खुद परिषद की अध्यक्षता करती हैं.
मित्रा ने राज्य के बजट की प्रस्तुति के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "वह कह रही है कि यह कुछ ऐसा है जो जीएसटी परिषद तय कर रही है. यह केंद्र के नेतृत्व में एक सामूहिक निकाय है. माननीय वित्त मंत्री जीएसटी परिषद की अध्यक्षता करती हैं. इसलिए वह इसे किसी और पर नहीं डाल सकते हैं."
उन्होंने वित्त मंत्री से इस विषय को जीएसटी परिषद के एजेंडे पर लाने के लिए और एक संघीय राजनीति में इस पर चर्चा करने के कहा.
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जीएसटी परिषद जीएसटी से संबंधित मामलों पर एक सर्वोच्च निकाय है और इसमें केंद्र और राज्य शामिल हैं. केंद्रीय वित्त मंत्री परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है.
रविवार को ईटीवी भारत के सवाल का जवाब देते हुए, सीतारमण ने कहा था कि राज्यों और जीएसटी परिषद को इस बात पर ध्यान देना था कि वे अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दायरे में पेट्रोल और डीजल कब लाना चाहते हैं.