नई दिल्ली : भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने जेट एयरवेज के राहत पैकेज को लेकर मंगलवार को सरकारी बैंकों पर 'दोहरा मापदंड' अपनाने का आरोप लगाया. माल्या ने मौजूदा राजग सरकार पर भी निशाना साधा है.
वित्तीय संकट का सामना कर रही जेट एयरवेज को बचाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक की अगुआई में बैंकों द्वारा कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में लेने के बाद माल्या ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए.
माल्या ने कहा , "मेरी इच्छा थी कि किंगफिशर के लिए भी ऐसा ही किया जाता." उन्होंने कहा, "यह देखकर खुशी हुई कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने नौकरी, संपर्क सुविधा (कनेक्टिविटी) और कंपनी को बचाने के लिए जेट एयरवेज को मदद मुहैया की."
उन्होंने किंगफिशर और जेट एयरवेज के मामले में अलग-अलग बर्ताव करने के लिए भाजपा की निंदा की. शराब कारोबारी ने कहा, "भाजपा के प्रवक्ता ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भेजे मेरे पत्रों को जोर-शोर से उठाया और आरोप लगाया कि संप्रग सरकार में सरकारी बैंकों ने किंगफिशर एयरलाइंस की गलत तरीके से मदद की."
माल्या ने कहा, "मीडिया ने मुझे मौजूदा प्रधानमंत्री के लिए लिखने के लिए उकसाया है. मुझे हैरानी है कि वर्तमान राजग सरकार में क्या बदल गया."
माल्या ने दावा किया कि "मैंने किंगफिशर एयरलाइंस और उसके कर्मचारियों को बचाने के लिए कंपनी में 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया."
माल्या ने कहा, "इन्हीं बैंकों ने बेहतर कर्मचारियों और संपर्क सुविधा वाली देश की सबसे बेहतरीन एयरलाइंस के मामले में ऐसा नहीं किया और उसे बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया. यह राजग सरकार का दोहरा मापदंड है."
भगोड़े कारोबारी माल्या ने अपनी संपत्तियों के जरिए बैंकों के बकाये का भुगतान करने की एक बार फिर पेशकश की. माल्या ने कहा, "मैं फिर से दोहराता हूं कि मैंने सरकारी बैंकों और अन्य कर्जदाताओं का बकाया चुकाने के लिए माननीय कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष अपनी चल संपत्ति रखी है. बैंक पैसा क्यों नहीं ले रहे हैं. इससे कुछ और नहीं तो कम से कम जेट एयरवेज को बचाने में मदद मिलेगी."
(भाषा)
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