मुंबई: विज्ञापन नियामक भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने मई में 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया है. इसमें टेटली ग्रीन टी, टैंग और आईफोन एक्सएस समेत कई अन्य कंपनियों के विज्ञापन भ्रामक पाए गए.
एएससीआई ने एक बयान में कहा कि मई में उसे 231 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतें मिली. इसमें से 67 को खारिज कर दिया गया. एएससीआई के तहत स्वतंत्र तौर पर काम करने वाली उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) ने 164 विज्ञापनों का विश्लेषण किया और उनमें से 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया गया. इसमें 69 शिकायतें शिक्षा क्षेत्र, 41 स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में, दो सौंदर्य प्रसाधन, चार खाद्य एवं पेय और 16 अन्य श्रेणियों के विज्ञापनों से जुड़ी हैं.
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मॉन्डलेज इंडिया के उत्पाद टैंग के विज्ञापन में दावा किया गया है कि बच्चों को आठ गिलास पानी पीना चाहिए जो एक मुश्किल काम है, लेकिन टैंग से यह मुमकिन है. इस विज्ञापन से यह भ्रम फैलता है कि बच्चों को आठ गिलास टैंग पीना चाहिए. इसे लेकर एएससीआई ने चिंता जतायी है कि यह विज्ञापन उत्पाद को पानी के विकल्प के तौर पर पेश करता है. अत: यह विज्ञापन भ्रामक है.
इसी तरह टाटा ग्लोबर बेवरेजेस की टेटली ग्रीन टी के प्रिंट विज्ञापन में दावा किया गया है एक ऊर्जावान जीवन जीने के लिए 10 में से 9 लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं. जबकि इसी के टीवी विज्ञापन में पसंद करने की जगह परामर्श देने के शब्द का उपयोग किया गया है. यह विरोधाभास को दिखाता है.
इसके अलावा विज्ञापन में अन्य ब्रांड उत्पादों के नमूने या उपयोक्ताओं के आंकड़े भी नहीं दिखाए गए हैं. इसके अलावा विज्ञापन से लगता है कि ऊर्जावान जीवन के लिए अकेला यह एक उत्पाद काफी है जो भ्रामक है. एएससीआई ने अपनी रपट में संतूर एलो फ्रेश साबुन, एपल आइफोन एक्सएस एवं अन्य कई अन्य विज्ञापनों को भ्रामक पाया है.
टेटली, टैंग, आईफोन और संतुर के विज्ञापन भ्रामक पाए गए - iPhone
एएससीआई ने एक बयान में कहा कि मई में उसे 231 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतें मिली. इसमें से 67 को खारिज कर दिया गया. विज्ञापनों का विश्लेषण किया और उनमें से 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया गया.
मुंबई: विज्ञापन नियामक भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने मई में 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया है. इसमें टेटली ग्रीन टी, टैंग और आईफोन एक्सएस समेत कई अन्य कंपनियों के विज्ञापन भ्रामक पाए गए.
एएससीआई ने एक बयान में कहा कि मई में उसे 231 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतें मिली. इसमें से 67 को खारिज कर दिया गया. एएससीआई के तहत स्वतंत्र तौर पर काम करने वाली उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) ने 164 विज्ञापनों का विश्लेषण किया और उनमें से 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया गया. इसमें 69 शिकायतें शिक्षा क्षेत्र, 41 स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में, दो सौंदर्य प्रसाधन, चार खाद्य एवं पेय और 16 अन्य श्रेणियों के विज्ञापनों से जुड़ी हैं.
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मॉन्डलेज इंडिया के उत्पाद टैंग के विज्ञापन में दावा किया गया है कि बच्चों को आठ गिलास पानी पीना चाहिए जो एक मुश्किल काम है, लेकिन टैंग से यह मुमकिन है. इस विज्ञापन से यह भ्रम फैलता है कि बच्चों को आठ गिलास टैंग पीना चाहिए. इसे लेकर एएससीआई ने चिंता जतायी है कि यह विज्ञापन उत्पाद को पानी के विकल्प के तौर पर पेश करता है. अत: यह विज्ञापन भ्रामक है.
इसी तरह टाटा ग्लोबर बेवरेजेस की टेटली ग्रीन टी के प्रिंट विज्ञापन में दावा किया गया है एक ऊर्जावान जीवन जीने के लिए 10 में से 9 लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं. जबकि इसी के टीवी विज्ञापन में पसंद करने की जगह परामर्श देने के शब्द का उपयोग किया गया है. यह विरोधाभास को दिखाता है.
इसके अलावा विज्ञापन में अन्य ब्रांड उत्पादों के नमूने या उपयोक्ताओं के आंकड़े भी नहीं दिखाए गए हैं. इसके अलावा विज्ञापन से लगता है कि ऊर्जावान जीवन के लिए अकेला यह एक उत्पाद काफी है जो भ्रामक है. एएससीआई ने अपनी रपट में संतूर एलो फ्रेश साबुन, एपल आइफोन एक्सएस एवं अन्य कई अन्य विज्ञापनों को भ्रामक पाया है.
टेटली, टैंग, आईफोन और संतुर के विज्ञापन भ्रामक पाए गए
मुंबई: विज्ञापन नियामक भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) ने मई में 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया है. इसमें टेटली ग्रीन टी, टैंग और आईफोन एक्सएस समेत कई अन्य कंपनियों के विज्ञापन भ्रामक पाए गए.
एएससीआई ने एक बयान में कहा कि मई में उसे 231 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतें मिली. इसमें से 67 को खारिज कर दिया गया. एएससीआई के तहत स्वतंत्र तौर पर काम करने वाली उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) ने 164 विज्ञापनों का विश्लेषण किया और उनमें से 132 विज्ञापनों के खिलाफ शिकायतों को सही पाया गया. इसमें 69 शिकायतें शिक्षा क्षेत्र, 41 स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में, दो सौंदर्य प्रसाधन, चार खाद्य एवं पेय और 16 अन्य श्रेणियों के विज्ञापनों से जुड़ी हैं.
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मॉन्डलेज इंडिया के उत्पाद टैंग के विज्ञापन में दावा किया गया है कि बच्चों को आठ गिलास पानी पीना चाहिए जो एक मुश्किल काम है, लेकिन टैंग से यह मुमकिन है. इस विज्ञापन से यह भ्रम फैलता है कि बच्चों को आठ गिलास टैंग पीना चाहिए. इसे लेकर एएससीआई ने चिंता जतायी है कि यह विज्ञापन उत्पाद को पानी के विकल्प के तौर पर पेश करता है. अत: यह विज्ञापन भ्रामक है.
इसी तरह टाटा ग्लोबर बेवरेजेस की टेटली ग्रीन टी के प्रिंट विज्ञापन में दावा किया गया है एक ऊर्जावान जीवन जीने के लिए 10 में से 9 लोग ग्रीन टी पीना पसंद करते हैं. जबकि इसी के टीवी विज्ञापन में पसंद करने की जगह परामर्श देने के शब्द का उपयोग किया गया है. यह विरोधाभास को दिखाता है.
इसके अलावा विज्ञापन में अन्य ब्रांड उत्पादों के नमूने या उपयोक्ताओं के आंकड़े भी नहीं दिखाए गए हैं. इसके अलावा विज्ञापन से लगता है कि ऊर्जावान जीवन के लिए अकेला यह एक उत्पाद काफी है जो भ्रामक है. एएससीआई ने अपनी रपट में संतूर एलो फ्रेश साबुन, एपल आइफोन एक्सएस एवं अन्य कई अन्य विज्ञापनों को भ्रामक पाया है.
Conclusion: