नई दिल्ली : अडानी समूह ने भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) से जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम में तीन निजीकृत हवाई अड्डों पर कब्जा प्राप्त करने की समय सीमा बढ़ाने की मांग की है.
सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण विमानन क्षेत्र में हुए व्यवधान के का हवाला देते हुए कंपनी ने एएआई से 'फोर्स मेजर' धारा लागू कर भुगतान की सीमा को छह महीने के लिए स्थगित करने को कहा है.
किसी भी अनुबंध में फोर्स मेजर एक सामान्य खंड है जो अनिवार्य रूप से दोनों पक्षों को किसी असाधारण घटनाओं जैसे कि युद्ध, दंगे, महामारी या एक्ट ऑफ गॉड (तूफान, बाढ़ या भूकंप आदि) आने पर दायित्व से मुक्त करता है.
मामले की पुष्टि करते हुए एएआई के एक अधिकार ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में आया है, और एएआई बोर्ड इस महीने के अंत तक बैठक करेगा.
अडानी समूह ने 19 जनवरी को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के साथ जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम के तीन हवाई अड्डों के लिए 50 साल की लीज अवधि के लिए एक रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. दोनों हितधारकों ने सितंबर 2020 में तीन हवाई अड्डों के लिए समझौते के पत्र पर हस्ताक्षर किए थे.
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फरवरी 2020 में भी अडानी समूह ने अहमदाबाद, लखनऊ और मंगलुरु हवाईअड्डों के अधिग्रहण को टालने के लिए अप्रत्याशित घटना का आह्वान किया था और तब एएआई ने समय सीमा छह महीने बढ़ा दी थी.
गौरतलब है कि एएआई ने 2019 में अपने छह हवाई अड्डों के लिए बोली लगाई थी, और अडानी समूह अहमदाबाद, लखनऊ, बेंगलुरु, तिरुवनंतपुरम, जयपुर और गुवाहाटी के सभी छह हवाई अड्डों के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले के रूप में उभरा था.
एविएशन कंसल्टेंसी एंड रिसर्च फर्म कापा इंडिया ने हाल की एक रिपोर्ट में कहा है कि एविएशन इंडस्ट्री ऐसे समय में उच्च लागत वाले माहौल में जा रही है, जब वह कच्चे तेल की कीमतों और मुद्रा के मूल्यह्रास को कम से कम बर्दाश्त कर सकता है.
कापा इंडिया एयरलाइन आउटलुक 2022 ने कहा कि हवाई अड्डे के संचालकों ने यातायात की प्रत्याशा में बुनियादी ढांचे के विकास में लगभग 4 बिलियन अमरीकी डॉलर का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) निवेश किया है जो आने वाले कई वर्षों तक कार्य में नहीं होगा.