नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन लगाए जाने के चलते आपूर्ति में दिक्कत आने और घरेलू उत्पादन में कमीं आने के बावजूद भी जून की तिमाही के दौरान भारत आए हर चार में तीन स्मार्टफोन चीन के बने हुए थे. गुरुवार को एक नई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
सीएमआर इंडिया के मोबाइल हैंडसेट मार्केट रिव्यू के मुताबिक, चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों के सामने आने वाली चुनौतियों का का तत्काल लाभ सैमसंग को मिला जिसके पास यहां एक कुशल आपूर्ति श्रृंखला थी और इसी के साथ सैमसंग इस दूसरी तिमाही में अपने गिरते बाजार दर को बेहतर बनाने और मार्केट शेयर में 24 फीसदी तक सुधार करने के काबिल रहा.
सीएमआर के इंडस्ट्री इंटेलिजेंस ग्रुप के मैनेजर अमित शर्मा ने बताया, "यह देखना अभी बाकी है कि क्या आने वाले तिमाहियों में सैमसंग बाजार में अपनी परफॉर्मेंस को बनाए रख पाएगा, उपभोक्ताओं की मांग की पूर्ति कर पाएगा, चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों के प्रभुत्व को चुनौती देकर उनके खिलाफ लड़ पाएगा."
इन सारी चीजों का असली परीक्षण तीसरी तिमाही में ही होगा.
दूसरी तिमाही के दौरान चीनी स्मार्टफोन ब्रांडों की संचयी बाजार हिस्सेदारी 73 फीसदी तक गिर गई जो कि साल 2019 की तीसरी तिमाही में आखिरी बार देखे गए स्तर के समान है.
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राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के चलते जून की तिमाही में भारत में स्मार्टफोन की कुल शिपमेंट में 41 फीसदी (तिमाही दर तिमाही) और 48 फीसदी (वर्ष-दर-वर्ष) तक की गिरावट आई है.
शीर्ष तीन की सूची में श्याओमी (30 फीसदी), सैमसंग (24 फीसदी) और वीवो (17 फीसदी) शामिल है.
(आईएएनएस)