नई दिल्ली : सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों की मदद के लिए युवाओं को नए तरीके खोजने के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रवार को एक कार्यक्रम शुरू किया. इसके तहत विश्वसनीय स्टार्ट-अप के जरिए बुजुर्गों की देखभाल के लिए उत्पादों और सेवाओं को एक स्थान पर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है.
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत (Thaawarchand Gehlot) ने बुजुर्गों के लिए एसएजीई (Seniorcare Aging Growth Engine) कार्यक्रम और एसएजीई पोर्टल लॉन्च किया. साथ ही उन्होंने घोषणा की कि बुजुर्गों की देखभाल के लिए स्टार्टअप को 1 करोड़ रुपये तक दिए जाएंगे.
मंत्री ने कहा कि बुजुर्गों की देखभाल के लिए सेवाएं प्रदान करने के क्षेत्र में उद्यमिता में रुचि रखने वाले व्यक्तियों की मदद करने के लिए SAGE कार्यक्रम और SAGE पोर्टल शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए गठित समिति की सिफारिश पर बुजुर्गों की देखभाल के लिए स्टार्टअप्स को 1 करोड़ रुपये तक प्रदान किए जाएंगे. इसके अलावा प्रत्येक चयनित स्टार्ट-अप को एकमुश्त इक्विटी के रूप में 1 करोड़ रुपये तक का फंड मुहैया कराया जाएगा.
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इस अवसर पर रतनलाल कटारिया ने कहा कि भारत में विशेष रूप से कोविड के बाद के चरण में एक अधिक मजबूत एल्डरकेयर इकोसिस्टम बनाने की तत्काल जरुरत है. इसी को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
सामाजिक न्याय विभाग के सचिव आर सुब्रमण्यम ने सीनियर केयर एजिंग ग्रोथ इंजन (एसएजीई) नामक इस परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बुजुर्गों की परेशानियों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाना चाहिए और इसके लिए हर किसी को साथ आना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'हमें बुजुर्गों के लिए नए उत्पादों, विधियों और सेवाओं को पेश करने के लिए बहुमुखी प्रतिभा वाले युवाओं और निजी कंपनियों को प्रोत्साहित करना चाहिए.' केंद्र की एल्डरलाइन योजना के बारे में सुब्रमण्यम ने कहा कि बुजुर्ग लोगों के लिए केंद्र सरकार की पहली हेल्पलाइन है. यह हेल्पलाइन अब तक लगभग 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चालू हो चुकी है.