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सुनंदा पुष्कर मौत: स्वामी की याचिका पर फिर सुनवाई टली, 24 मई को आएगा फैसला - patiala court

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर फैसला टाल दिया है, अब कोर्ट 24 मई को सुनाएगा फैसला.

स्वामी की याचिका पर सुनवाई टली
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Published : May 13, 2019, 6:37 PM IST

Updated : May 13, 2019, 7:37 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है. जानकारी के अनुसार 4 मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और ये फैसला आज ही सुनाया जाना था लेकिन अब कोर्ट 24 मई को फैसला सुनाएगा.

स्वामी ने पुलिस पर लगाया आरोप
एक तरफ स्वामी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. सुनवाई के दौरान स्वामी की ओर से कहा गया कि कोर्ट को तथ्यों पर विचार करना चाहिए न कि इस पर कि ये मामला किसी राजनेता से जुड़ा हुआ है.

पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर फिर सुनवाई टाली

पुलिस ने नहीं सौपे सभी दस्तावेज
तो वही स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया और कहा कि स्वामी का इस मामले से कोई मतलब नहीं है. वे न तो शिकायतकर्ता हैं और न ही पीड़ित है. इस कोर्ट के समक्ष ट्रायल करने का अधिकार केवल अभियोजन को है.


गौरतलब है कि पिछले 7 मार्च को विकास ने कहा था कि जो चार्जशीट दाखिल किए गए हैं उनमें कई गड़बड़ियां हैं. पिछले 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें पेश करें लेकिन सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है.


क्या है आरोप?
14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है.

नई दिल्ली: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है. जानकारी के अनुसार 4 मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और ये फैसला आज ही सुनाया जाना था लेकिन अब कोर्ट 24 मई को फैसला सुनाएगा.

स्वामी ने पुलिस पर लगाया आरोप
एक तरफ स्वामी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की है. सुनवाई के दौरान स्वामी की ओर से कहा गया कि कोर्ट को तथ्यों पर विचार करना चाहिए न कि इस पर कि ये मामला किसी राजनेता से जुड़ा हुआ है.

पटियाला हाउस कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर फिर सुनवाई टाली

पुलिस ने नहीं सौपे सभी दस्तावेज
तो वही स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया और कहा कि स्वामी का इस मामले से कोई मतलब नहीं है. वे न तो शिकायतकर्ता हैं और न ही पीड़ित है. इस कोर्ट के समक्ष ट्रायल करने का अधिकार केवल अभियोजन को है.


गौरतलब है कि पिछले 7 मार्च को विकास ने कहा था कि जो चार्जशीट दाखिल किए गए हैं उनमें कई गड़बड़ियां हैं. पिछले 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें पेश करें लेकिन सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है.


क्या है आरोप?
14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमें सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया. शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है.

Intro:

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग करने वाली याचिका पर फैसला टाल दिया है। कोर्ट इस मामले पर अब 24 मई को फैसला सुनाएगा। पहले ये फैसला आज ही सुनाया जाना था। पिछले 4 मई को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।


Body:स्वामी ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने सबूतों से छेड़छाड़ की है। उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर कर पब्लिक प्रोसिक्यूटर का सहयोग करने की अनुमति देने की मांग की है। सुनवाई के दौरान सरस्वती की ओर से कहा गया कि कोर्ट को तथ्यों पर विचार करना चाहिए न कि इस पर कि ये मामला राजनेता से जुड़ा हुआ है।
स्वामी की इस अर्जी का शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वामी का इस मामले से कोई मतलब नहीं है। वे न तो शिकायतकर्ता हैं और न ही पीड़ित हैं। इस कोर्ट के समक्ष ट्रायल करने का अधिकार केवल अभियोजन को है।
पिछले 7 मार्च को विकास ने कहा कि था जो चार्जशीट दाखिल किए गए हैं उनमें कई गड़बड़ियां हैं। पिछले 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि वो दस दिनों के भीतर शशि थरूर के खिलाफ दायर चार्जशीट पर अपनी दलीलें रखें। सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील विकास पाहवा ने कहा था कि पुलिस ने सभी दस्तावेज हमें नहीं सौंपा है।
पिछले 4 फरवरी को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने खुद को अभियोजन को मदद करने की मांग की थी। हालांकि कोर्ट ने इस मामले की विजिलेंस रिपोर्ट सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था ताकि भविष्य में जरुरत पड़ने पर काम आ सके। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल की कोर्ट ने 4 फरवरी को इस मामले को ट्रायल के लिए सेशंस कोर्ट में भेज दिया था। 
14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र में सुनंदा पुष्कर के पति और कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया गया है। शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा498 ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया है।


Conclusion:आरोप पत्र में कहा गया है कि सुनंदा पुष्कर की मौत शशि थरूर से शादी के 3 साल , 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी। दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी। 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
Last Updated : May 13, 2019, 7:37 PM IST
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