नई दिल्ली: रिटायर्ड मेजर जनरल पी के सेहगल ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर बात करते हुए कहा कि न तो पिछले 72 साल में किसी सरकार ने और न ही मौजूदा सरकार ने मजबूत राष्ट्रीय सुरक्षा नीति बनाने में दिलचस्पी जाहिर की है. उन्होने कहा कि हमारे देश की सरकारों में इच्छा शक्ति की कमी है.
उन्होने आगे कहा कि भारत ने अभी तक न तो कश्मीर और न ही पूर्वोत्तर के लिए कोई नीतिबनाई है,जबकि कारगिल युध्द के बाद कई बार सुरक्षा नीतिबनाने के लिए गहन अध्धयन कर के सरकार के सामने सिफारिशें पेश की जा चुकी हैं इसके बावजूद इन सिफारिशों को अमल में नही लाया जा सका.
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इतना ही नहीं उन्होने पिछले रक्षा बजट को 1950 के बाद सबसे कमजोर बजट बताते हुए कहा कि हम आज के साइबर केंद्रित युद्ध से लड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.
उन्होने भारतीय नौकरशाही पर निशाना साधते हुए कहा कि आज आईएस अधिकारियों को रक्षा सचिव बनाया जा रहा जो देश का यातायात सम्भालते है. यह देश की रक्षा बनाने योग्य नहीं हैं. उन्होने कहा कि यह लोग राष्ट्रीय खुफिया एजेंसी को संभालनेके काबिल नहीं हैं.
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और चीन से संभावित खतरे के बारे में टिप्पणी करते हुएउन्होंने कहा कि चीन संघर्ष में हस्तक्षेप नहीं करेगा क्योंकि वो जानता है कि भारत एक परमाणु शक्ति है और किसी भी खतरे का सामना करने पर भारत अपनी परमाणु नीतियां बदल सकता है.