नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों पर ज्यादा फीस वसूलने और कोरोना संकट के दौरान छात्रों को ऑनलाइन क्लास की अनुमति नहीं देने के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाने पर याचिकाकर्ता पर बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.
प्रचार पाने के लिए दायर की गई है याचिका
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि लगता है कि ये याचिका केवल प्रचार पाने के लिए दायर किया गया है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जुर्माने की बीस हजार रुपये की रकम चार हफ्ते के अंदर दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी के पास जमा करने का निर्देश दिया. याचिका एंटी करप्शन काउंसिल ऑफ इंडिया ने दायर किया था.
याचिका में उन खबरों को आधार बनाया गया था कि जिसमें विभिन्न स्कूलों की ओर से ट्यूशन फीस के अलावा कई दूसरे मदों में भी फीस वसूलने का जिक्र किया गया था. याचिका में कहा गया था कि जो छात्र फीस जमा नहीं कर रहे हैं उन्हें ऑनलाइन क्लास करने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
दिल्ली सरकार ने जारी किया है आदेश
याचिका में कहा गया था कि ट्यूशन फीस के अलावा दूसरे मद में भी फीस लेना और नहीं देने पर छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित करना दिल्ली सरकार के उस दिशानिर्देश का उल्लंघन है जिसमें कहा गया है कि स्कूल कोरोना संकट के दौरान ट्यूशन फीस के अलावा कोई दूसरी फीस नहीं लेंगे.
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि दिल्ली सरकार ने इस संबंध में दो सर्कुलर जारी किया है. दिल्ली सरकार ने कहा कि उसने सभी निजी स्कूलों को आदेश दिया है कि वे रियायती फीस वसूलें और छात्रों को आनलाइन क्लास उपलब्ध कराएं.