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वेस्ट नाइल फीवर : स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल की तैयारी की समीक्षा की

केरल में वेस्ट नाइल फीवर से पीड़ित छह वर्षीय बच्चे की मौत होने के बाद केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. इस बीमारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने उठाए कुछ कदम, जानें क्या.

कॉन्सेप्ट.
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Published : Mar 20, 2019, 7:28 AM IST

नई दिल्ली: केरल में वेस्ट नाइल फीवर से पीड़ित छह वर्षीय बच्चे की मौत होने के बाद केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. मंगलवार को केंद्र ने राज्य के मलप्पुरम जिले में मौजूदा स्थिति और बीमारी से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस वेक्टर जनित बीमारी की वजह से यह देश में पहली मौत है.

एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के साथ मिलकर मलप्पुरम जिले में वेस्ट नाइल फीवर से निपटने की राज्य की तैयारियों और इस बाबत की गई कार्रवाई की समीक्षा की.
केंद्र सरकार ने नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) के तहत गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. इसके तहत लोगों से मच्छरों से बचाव के लिए निजी उपाय करने की अपील की गई है.

मलप्पुरम में संबंधित विशेषज्ञों की केंद्रीय टीम को तैनात कर दिया गया है. यह टीम बीमारी को फैलने से रोकने में जिला प्रशासन की मदद भी करेगी.

राज्य को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा निर्देशों का अनुसरण करने की सलाह दी गई है.

गौरतलब है कि मलप्पुरम जिले के रहने वाले बच्चे को एक हफ्ते पहले संक्रमण से पीड़ित होने के बाद कोझीकोड के गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था. उसकी सोमवार को मौत हो गई.

नई दिल्ली: केरल में वेस्ट नाइल फीवर से पीड़ित छह वर्षीय बच्चे की मौत होने के बाद केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है. मंगलवार को केंद्र ने राज्य के मलप्पुरम जिले में मौजूदा स्थिति और बीमारी से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस वेक्टर जनित बीमारी की वजह से यह देश में पहली मौत है.

एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के साथ मिलकर मलप्पुरम जिले में वेस्ट नाइल फीवर से निपटने की राज्य की तैयारियों और इस बाबत की गई कार्रवाई की समीक्षा की.
केंद्र सरकार ने नेशनल वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (NVBDCP) के तहत गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है. इसके तहत लोगों से मच्छरों से बचाव के लिए निजी उपाय करने की अपील की गई है.

मलप्पुरम में संबंधित विशेषज्ञों की केंद्रीय टीम को तैनात कर दिया गया है. यह टीम बीमारी को फैलने से रोकने में जिला प्रशासन की मदद भी करेगी.

राज्य को राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के दिशा निर्देशों का अनुसरण करने की सलाह दी गई है.

गौरतलब है कि मलप्पुरम जिले के रहने वाले बच्चे को एक हफ्ते पहले संक्रमण से पीड़ित होने के बाद कोझीकोड के गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था. उसकी सोमवार को मौत हो गई.

Intro:The health ministry and National Centre for disease control(NCDC) reviewed the present situation, preparedness and the action taken to tackle West Nile Fever in Mallapuram, Kerela, today. The ministry has also deputed a team "to the district to investigate various epidemiological aspects of West Nile in the district and state."


Body:The ministry has advised the state to follow the National Vector Borne Disease Control Programme(NVBDCP) guidelines of "personal protective measures to prevent mosquito bites." Vector surveillance and control also has to be carried out in coordination with NVBDCP. The cases of JE/AES will be investigated and tested for West Nile Fever. IEC campaigns will be carried out to sensitise and aware people of personal protection from mosquito bites.


Conclusion:West Nile Fever is caused by the flavivirus West Nile virus which is also responsible for yellow fever, st Louis encephalitis and Japanese encephalitis.
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