नई दिल्ली: रमजान के पवित्र महीने में पिछले साल की तरह इस बार दिल्ली विधानसभा में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं होने जा रहा है. जानकारी के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने इफ्तार पार्टी के आयोजन की जिम्मेदारी अपने कार्यालय को दी थी. लेकिन, विधानसभा कार्यालय से इफ्तार पार्टी को लेकर प्रस्ताव दिल्ली सरकार के वित्त विभाग को भेजा गया तो विभाग ने उसे लौटा दिया.
वहीं दिल्ली सरकार की ओर से सोमवार की शाम को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित पालिका सर्विस ऑफिसर्स इंस्टिट्यूट में इफ्तार पार्टी के लिए खास लोगों को निमंत्रण भेजा गया है. दिल्ली सरकार की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कर रहे हैं.
दो आयोजनों के चलते रद्द हुई पार्टी
बीते सालों में दिल्ली विधानसभा और दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित इफ्तार पार्टी के बीच में कुछ दिनों का अंतर होता था. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव के चलते लागू आचार संहिता के मद्देनजर रमजान के शुरुआती दिनों में इस तरह के पार्टी का आयोजन नहीं हो सकता था. आचार संहिता खत्म होने के बाद दिल्ली विधानसभा की तरफ से भी पार्टी के आयोजन का प्रस्ताव विभाग के पास भेजा गया तो उधर दिल्ली सरकार की तरफ से भी पार्टी को लेकर के प्रस्ताव भेजा गया था.
दोनों के आयोजन में चंद दिनों के ही अंतर होने से वित्त विभाग ने विधानसभा कार्यालय द्वारा आए प्रस्ताव को लौटा दिया. जिसके चलते इस बार सिर्फ दिल्ली सरकार द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है.
दिल्ली सरकार की लिस्ट में खास मेहमान
दिल्ली सरकार द्वारा दी जाने वाली इफ्तार पार्टी कई मायनों में खास होगी. प्रोटोकॉल के अनुसार इफ्तार पार्टी के लिए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व मंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा गया है. इसके अलावा विधानसभा में विपक्ष में बैठी भाजपा नेताओं को भी केजरीवाल सरकार इफ्तार पार्टी का न्योता दिया गया है. साथ ही उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी पार्टी में आने के लिए खास तौर से निमंत्रण भेजा गया है. अब सबकी नजर इस बात पर टिकी है कि केजरीवाल के बुलावे पर आयोजित इफ्तार पार्टी में कौन-कौन और किस राजनीतिक दल के लोग शिरकत करते हैं.