नई दिल्ली/नोएडा: हजारों निवेशकों से 10 हजार करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़ी कंपनी बाइक बोट के निदेशक और फ्रेंचाइजी के हेड विजय पाल कसाना को आर्थिक अपराध शाखा और स्वाट टीम-2 ने गिरफ्तार किया है. इस कंपनी पर दादरी थाने में अब तक 33 मुकदमें दर्ज किए गए हैं.
बाइक बोट कंपनी ने हजारों लोगों को अधिक फायदे का लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया और कुछ दिन बाद निवेशकों को रिटर्न मिलना बंद हो गया. जिसके चलते निवेशकों ने दादरी कोतवाली में बाइक बोट कंपनी के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज कराया.
कंपनी के खिलाफ 33 मुकदमें
करोड़ों रुपये की ठगी के मामले में आर्थिक अपराध शाखा और स्वाट टीम-2 को जांच और अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए लगाया गया था. इस टीम ने गुरुवार को ग्रवित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड कम्पनी (बाइक बोट कंपनी) के दादरी थाने में पंजीकृत मुकदमों के मुलजिम डायरेक्टर और फ्रेंचाइजी के हेड विजय पाल कसाना को गिरफ्तार किया है.
उन्होंने बताया कि बाइक बोट कंपनी पर अब तक 33 मुकदमें दादरी थाने में दर्ज हैं. बीते साल से ही चल रहे इस मामले में पुलिस ने यह पहली गिरफ्तारी की है. हालांकि, बाइक बोट कंपनी के डायरेक्टर समेत 6 लोगों पर एफआईआर दर्ज है.
पैसे का लालच देकर लगाया चूना
पुलिस के मुताबिक जयपुर के जगतपुरा निवासी सुनील कुमार मीणा का आरोप है कि बाइक बोट कंपनी के मालिक व डायरेक्टर संजय भाटी ने जयपुर में किराये पर बाइक चलवाने के लिए 34 लाख रुपये निवेश कराए थे.
उसने कहा था कि उन्हें 51 बाइक और ड्रावइर दिए जाएंगे. प्रत्येक बाइक की एवज 200 रुपये पार्किंग करने का खर्चा मिलेगा, वहीं एक साल के अंदर कुल 74 लाख रुपये की रकम देने का भरोसा दिया गया था. रुपये निवेश करने के बाद कंपनी ने दो माह तक समय से रिटर्न की किस्त दी. लेकिन इसके बाद कंपनी ने रिटर्न की किस्त देना बंद कर दिया.
आरोप है कि जब कंपनी में किस्त के बारे में पूछताछ की गई तो झूठे आश्वासन देकर शांत कर दिया गया. उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगते हुए डारेक्टर संजय भाटी, राजेश भारद्वाज, सुनील कुमार प्रजापति दादरी, दीप्ति चहल, सचिन भाटी दादरी और करण पाल दादरी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
बसपा नेता की है कंपनी
गौरतलब है कि बाइक बोट कंपनी बसपा नेता संजय भाटी की है, जिसे लोकसभा चुनाव के कुछ पहले बीएसपी ने लोकसभा का प्रभारी बनाया था. उसे गौतमबुद्ध नगर लोकसभा से बसपा ने टिकट भी दिया था. लेकिन बाइक बोट घोटाले के उजागर होने के बाद पार्टी ने उसे प्रभारी के पद से मुक्त कर टिकट भी काट दिया था.