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PGT की भर्ती के लिए दिल्ली सरकार ने मांगे सुझाव, जारी किया सर्कुलर

दिल्ली सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की भर्ती नियमों को फ्रेम करने के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. शिक्षा निदेशालय के अनुसार सुझाव 30 जून तक दिए जा सकते हैं.

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Published : Jun 9, 2019, 2:18 PM IST

पोस्ट ग्रेजुएट टीचर की भर्ती

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (स्पेशल एजुकेशन टीचर) की भर्ती नियमों को फ्रेम करने के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. दिल्ली सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 2017 में तय किए गए 300 से अधिक पदों पर इन शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है.

दिल्ली सरकार ने मांगे सुझाव

30 जून तक दे सकते हैं सुझाव
सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए प्राइवेट ड्राफ्ट तैयार किया है. इस पर डीओपीटी के मेमोरेंडम के मुताबिक आम सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट में मास्टर डिग्री के साथ-साथ स्पेशल एजुकेशन में डिप्लोमा सहित अन्य वैकल्पिक प्रावधान दिए गए हैं. वहीं आयु की अधिकतम सीमा 30 साल तय की गई है. शिक्षा निदेशालय के अनुसार सुझाव 30 जून तक दिए जा सकते हैं.

लंबी प्रक्रिया के चलते भर्ती में हुई देरी
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों में स्पेशल एजुकेशन टीचर की कमी को पूरा करने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है. दिल्ली सरकार ने भर्ती के लिए पहले DSSSB को कहा था. मगर, प्रक्रिया लंबी होने के चलते अभी तक भर्ती नहीं हो पाई है. उधर डीओपीटी ने भर्ती के नियमों में जो संशोधन किया इससे अब नियमों पर आम लोगों से भी सुझाव मांगे गए हैं. ताकि एक ड्राफ्ट बनाया जा सके.

दिल्ली सरकार ने शिक्षा पर दिया ज्यादा जोर
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली सरकार में शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. सरकार के कुल बजट का 24 फीसद हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च किया जाता है. स्कूल में छात्रों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार ने 600 प्रिंसिपलों को हावर्ड और ऑक्सफोर्ड जैसे यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण के लिए भेजा था.

इसके अलावा डेढ़ हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर और अन्य देशों में भेजा जा चुका है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि आप सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति आई है.

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (स्पेशल एजुकेशन टीचर) की भर्ती नियमों को फ्रेम करने के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. दिल्ली सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 2017 में तय किए गए 300 से अधिक पदों पर इन शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है.

दिल्ली सरकार ने मांगे सुझाव

30 जून तक दे सकते हैं सुझाव
सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए प्राइवेट ड्राफ्ट तैयार किया है. इस पर डीओपीटी के मेमोरेंडम के मुताबिक आम सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट में मास्टर डिग्री के साथ-साथ स्पेशल एजुकेशन में डिप्लोमा सहित अन्य वैकल्पिक प्रावधान दिए गए हैं. वहीं आयु की अधिकतम सीमा 30 साल तय की गई है. शिक्षा निदेशालय के अनुसार सुझाव 30 जून तक दिए जा सकते हैं.

लंबी प्रक्रिया के चलते भर्ती में हुई देरी
दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों में स्पेशल एजुकेशन टीचर की कमी को पूरा करने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है. दिल्ली सरकार ने भर्ती के लिए पहले DSSSB को कहा था. मगर, प्रक्रिया लंबी होने के चलते अभी तक भर्ती नहीं हो पाई है. उधर डीओपीटी ने भर्ती के नियमों में जो संशोधन किया इससे अब नियमों पर आम लोगों से भी सुझाव मांगे गए हैं. ताकि एक ड्राफ्ट बनाया जा सके.

दिल्ली सरकार ने शिक्षा पर दिया ज्यादा जोर
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली सरकार में शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. सरकार के कुल बजट का 24 फीसद हिस्सा शिक्षा के क्षेत्र में खर्च किया जाता है. स्कूल में छात्रों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए पहली बार आम आदमी पार्टी की सरकार ने 600 प्रिंसिपलों को हावर्ड और ऑक्सफोर्ड जैसे यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण के लिए भेजा था.

इसके अलावा डेढ़ हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर और अन्य देशों में भेजा जा चुका है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि आप सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति आई है.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (स्पेशल एजुकेशन टीचर) के भर्ती नियमों को फ्रेम करने के लिए आम लोगों से सुझाव मांगे हैं. सरकार की ओर से जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 2017 में तय किए गए 300 से अधिक पदों पर इन शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है.


Body:सरकार ने शिक्षकों की भर्ती के लिए प्राइवेट ड्राफ्ट तैयार किया है. इस पर डीओपीटी के मेमोरेंडम के मुताबिक आम सुझाव आमंत्रित किए गए हैं. सरकार की ओर से तैयार ड्राफ्ट में मास्टर डिग्री के साथ-साथ स्पेशल एजुकेशन में डिप्लोमा सहित अन्य वैकल्पिक प्रावधान दिए गए हैं. वहीं आयु की अधिकतम सीमा 30 वर्ष तय की गई है. शिक्षा निदेशालय के अनुसार सुझाव 30 जून तक दिए जा सकते हैं.

दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित सरकारी स्कूलों में स्पेशल एजुकेशन टीचर की कमी को पूरा करने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है. दिल्ली दिल्ली सरकार ने भर्ती के लिए पहले डीएसएसएसबी को कहा था मगर प्रक्रिया लंबी होने के चलते अभी तक भर्ती नहीं हो पाई है. उधर डीओपीटी ने भर्ती के नियमों में जो संशोधन किया, इससे अब नियमों पर आम लोगों से भी सुझाव मांगे गए हैं. ताकि एक ड्राफ्ट बनाया जा सके.


Conclusion:बता दें कि अरविंद केजरीवाल शासित दिल्ली सरकार में शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी गई है. सरकार के कुल बजट का 24 फीसद हिस्सा शिक्षा के मद में खर्च किया जाता है. स्कूल में छात्रों के प्रदर्शन को सुधारने के लिए पहली बार आप सरकार ने 600 प्रिंसिपलों को हावर्ड और ऑक्सफोर्ड जैसे यूनिवर्सिटी में प्रशिक्षण के लिए भेजा था. इसके अलावा डेढ़ हजार शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर व अन्य देशों में भेजा जा चुका है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का दावा है कि आप सरकार के कार्यकाल में दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में नई क्रांति आई है.

समाप्त, आशुतोष झा
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