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CM पटनायक को बड़ा झटका, पूर्व कैबिनेट मंत्री ने थामा बीजेपी का हाथ

बीजेपी में शामिल हुए ओडिशा के कैबिनेट मंत्री दामोदर राउत. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ये बीजू जनता दल (BJD) के लिए बड़ा झटका.

damodar rout
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Published : Mar 14, 2019, 5:54 PM IST

Updated : Mar 14, 2019, 11:03 PM IST

नई दिल्ली : पिछले कई दिनों से चल रहे सस्पेंस को खत्म करते हुए आज बीजेडी नेता दामोदर राउत ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. वेओडिशाके पूर्व कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.


बता देंकि दामोदर राउत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा कैबिनेट से बाहर किये जाने के बाद से ही सत्ताधारी बीजेडी पार्टी के खिलाफ करीब एक महीने से अभियान चला रहे थे.

इससे पहले उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के संपर्क बनाये हुए हैं. उन्होंने संकेत दिए थे कि वे दोनों में से किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

पढ़ें-कांग्रेस ने मसूद अजहर के मुद्दे पर मोदी की विदेश नीति पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा था कि वो दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिलकर पार्टी ज्वाइन करसकते हैं. साथ ही राउत ने ये भीकहा था कि वे ओडिशाकांग्रेस केअध्यक्ष रंजन पाठक से भी संपर्क बनाये हुए हैं.

गुरुवार को ओडिशा में चुनावों से पहले सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) को इससे पहले भी झटका लगा. पार्टी के लोकसभा सदस्य बालभद्र माझी ने इस्तीफा देने के बाद बीजेपी से जुड़ गए. माझी ने दावा किया कि उन्हें ‘नजरअंदाज किया गया और धोखा दिया गया’.

नबरंगपुर (सु) लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले माझी ने यहां कहा, ‘मैंने बीजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मुझे नजरअंदाज किया गया और धोखा दिया गया. मुझे लगता है कि पार्टी को अब मेरी जरूरत नहीं है.’

माझी ने संवाददाताओं से कहा कि वह मुख्यमंत्री और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक से नहीं मिल पाए इसलिए उन्होंने पार्टी प्रमुख के राजनीतिक सचिव को त्यागपत्र सौंपा.

माझी ने पटनायक को संबोधित अपने त्यागपत्र में कहा, ‘कहीं न कहीं, मेरे और आपके बीच एक खाई पैदा हो गई है... शायद ये ऐसे व्यक्तियों द्वारा पैदा की गई जो मेरी उपलब्धियों से जलते हैं.’

किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने की संभावना पर माझी ने कहा कि उन्होंने अभी इस बारे में कुछ सोचा नहीं है और इस संबंध में कोई फैसला क्षेत्र के लोगों से बात करने के बाद किया जाएगा.

एक सवाल के जवाब में माझी ने कहा कि बीजू जनता दल ‘अब लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि पार्टी के पदों को चुनाव से नहीं चयन करके भरा जा रहा है.

नई दिल्ली : पिछले कई दिनों से चल रहे सस्पेंस को खत्म करते हुए आज बीजेडी नेता दामोदर राउत ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. वेओडिशाके पूर्व कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं.


बता देंकि दामोदर राउत मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा कैबिनेट से बाहर किये जाने के बाद से ही सत्ताधारी बीजेडी पार्टी के खिलाफ करीब एक महीने से अभियान चला रहे थे.

इससे पहले उन्होंने एक बयान जारी करते हुए कहा था कि वह बीजेपी और कांग्रेस दोनों के संपर्क बनाये हुए हैं. उन्होंने संकेत दिए थे कि वे दोनों में से किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं.

पढ़ें-कांग्रेस ने मसूद अजहर के मुद्दे पर मोदी की विदेश नीति पर उठाए सवाल

उन्होंने कहा था कि वो दिल्ली में बीजेपी नेताओं से मिलकर पार्टी ज्वाइन करसकते हैं. साथ ही राउत ने ये भीकहा था कि वे ओडिशाकांग्रेस केअध्यक्ष रंजन पाठक से भी संपर्क बनाये हुए हैं.

गुरुवार को ओडिशा में चुनावों से पहले सत्तारूढ़ बीजू जनता दल (बीजद) को इससे पहले भी झटका लगा. पार्टी के लोकसभा सदस्य बालभद्र माझी ने इस्तीफा देने के बाद बीजेपी से जुड़ गए. माझी ने दावा किया कि उन्हें ‘नजरअंदाज किया गया और धोखा दिया गया’.

नबरंगपुर (सु) लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले माझी ने यहां कहा, ‘मैंने बीजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मुझे नजरअंदाज किया गया और धोखा दिया गया. मुझे लगता है कि पार्टी को अब मेरी जरूरत नहीं है.’

माझी ने संवाददाताओं से कहा कि वह मुख्यमंत्री और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक से नहीं मिल पाए इसलिए उन्होंने पार्टी प्रमुख के राजनीतिक सचिव को त्यागपत्र सौंपा.

माझी ने पटनायक को संबोधित अपने त्यागपत्र में कहा, ‘कहीं न कहीं, मेरे और आपके बीच एक खाई पैदा हो गई है... शायद ये ऐसे व्यक्तियों द्वारा पैदा की गई जो मेरी उपलब्धियों से जलते हैं.’

किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होने की संभावना पर माझी ने कहा कि उन्होंने अभी इस बारे में कुछ सोचा नहीं है और इस संबंध में कोई फैसला क्षेत्र के लोगों से बात करने के बाद किया जाएगा.

एक सवाल के जवाब में माझी ने कहा कि बीजू जनता दल ‘अब लोकतांत्रिक तरीके से काम नहीं कर रहा है’ क्योंकि पार्टी के पदों को चुनाव से नहीं चयन करके भरा जा रहा है.

Intro:New Delhi: The Supreme Court today has reserved judgment on the matter related to a bunch of review petitions in Rafale deal.


Body:The matter was heard by a bench including Chief Justice of India Ranjan Gogoi, Justices SK Kaul and KM Joseph.

During the hearing, Attorney General KK Venugopal told the court on the behalf of THE government that the documents on which the petitioners relied upon were privileged documents. He also said that the security of state supersedes everything.

However, Justice Joseph countered the AG and said, "When Parliament passed RTI Act, it had brought revolution. Let us not go back."

Meanwhile, Advocate Prashant Bhushan argued that the documents which the government was claiming to be privileged are already in the public domain. He also said that the CAG report had also referred to all sort of information pertaining to defence deals.

Referring to the Pentagon Papers case in the United States, Bhushan added that the source of the information cannot be revealed.




Conclusion:Towards the conclusion of the hearing, Arun Shourie, one of the petitioners, said that by saying that the documents are photocopies, the AG has confirmed that the they are genuine.
Last Updated : Mar 14, 2019, 11:03 PM IST
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