नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने सोमवार को अपने मेनिफेस्टो को जारी कर दिया. घोषणापत्र में बीजेपी ने आजादी के 75 साल को 75 वादे से जोड़ा है. घोषणा पत्र को पार्टी ने संकल्प पत्र के नाम से जारी किया.
घोषणापत्र में पार्टी की ओर से वर्गों के का ध्यान रखा गया है साथ ही विकास और सांस्कृतिक धरोहर से जुड़े मुद्दे भी शामिल किए है. इस बाबत ईटीवी भारत ने दिल्ली के लोगों से बीजेपी के मेनिफेस्टो को लेकर विशेष बातचीत की.
स्थानीय लोगों ने बताया कि आज भी ऐसे मुद्दे हैं जिन का घोषणा पत्र में होना बेहद जरूरी है. मैनिफेस्टो में बीजेपी ने बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने की बात की है. लेकिन दिल्ली में जिस तरीके से अपराध बढ़ रहे हैं वह एक चिंता का विषय है. दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है.
ऐसे में पिछले पांच साल में भी दिल्ली पुलिस बीजेपी के हाथ में थी लेकिन अपराधों का कम ना होना सरकार की नाकामी को साबित करता है. ऐसे में जरूरी है कि एक और जहां बॉर्डर पर तो सुरक्षा दी जाए. लेकिन राज्य के अंदर भी पुलिस को सशक्त बनाया जाए.
छोटे व्यापारियों को पेंशन पर लोगों की राय
वहीं बीजेपी ने इस बार छोटे व्यापारियों को लुभाने के लिए पेंशन योजना का भी ऐलान किया है. आपको बता दें कि बीजेपी की तरफ से यह कहा गया है कि जो छोटे व्यापारी हैं उनको 60 वर्ष का होने के बाद सरकार की तरफ से पेंशन दी जाएगी.इस बाबत स्थानीय लोगों के रहेगी व्यापारियों के लिए इस तरीके की योजना होने के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित महसूस करेंगे.
स्वास्थ्य सुविधाओं पर दें ध्यान
दिल्ली में जिस तरीके से सभी सरकारी अस्पतालों में भीड़ रहती है. ऐसे में उन्हें काफी परेशानी का भी सामना करना पड़ता है. लेकिन जरूरी है कि बीजेपी आगामी मेनिफेस्टो में इस बात पर ज्यादा दे कि आज जिस तरीके से अस्पतालों में भीड़ हो रही है उसके हिसाब से स्टाफ और सुविधाएं होनी चाहिए. अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी होने के चलते परेशानी तो होती है.
साथ ही उससे ज्यादा मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ता है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में अगर आप उपचार कराने जाते हैं तो ऑपरेशन कराने के लिए कम से कम दो माह का समय मिलता है. इसलिए जरूरी है कि स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए.
रोजगार अहम मुद्दा
इस बाबत हमने कुछ युवाओं से भी बातचीत की. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मेक इन इंडिया योजना की शुरुआत तो की गई थी. कुछ लोगों को से लाभ भी हुआ है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि इससे सभी युवाओं को रोजगार मिला हुआ है. उन्होंने बताया कि बीजेपी और आगामी सरकार युवाओं के रोजगार पर ध्यान ज़रूर दे, क्योंकि देश युवाओं पर ही टिका हुआ है.अगर उन्हें रोजगार नहीं मिलेगा तो इस देश की तरक्की भी नहीं हो सकेगी.
सरकारी स्कूल हों बेहतर
वहीं शिक्षा के मुद्दे पर बीजेपी ने भी अपने घोषणा पत्र में कई वादे सामने रखे हैं. लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकारी स्कूलों की पढ़ाई बेहद खराब है. जिसकी वजह से बच्चों को प्राइवेट स्कूलों का रुख करना पड़ता है. कई बार आर्थिक स्थिति ठीक ना होने की वजह से बच्चे पढ़ भी नहीं पाते हैं.इसलिए जरूरी है कि केंद्र सरकार सभी सरकारी स्कूलों पर विशेष ध्यान दे, शिक्षा व्यवस्था पर बेहतर काम करके दिखाए.
बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में जिन मुद्दों को उठाया है उससे आम जनता ने अपनी मिली-जुली राय रखी है.उनका कहना है कि मेनिफेस्टो बनाने मात्र से काम नहीं चलता है. जमीनी स्तर पर अगर काम होता है तो लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी. इसलिए जरूरी है कि सरकार किसी भी पार्टी की बने लेकिन मुद्दा आम जनता से जुड़ा होना चाहिए.