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मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना: 12 July को केजरीवाल दिखाएं हरी झंडी, बुजुर्गों को होगा फायदा

राजधानी के बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की योजना शुरू हो गयी है.

Chief Minister's pilgrimage scheme started in delhi
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Published : Jul 3, 2019, 7:25 PM IST

नई दिल्ली. राजधानी के बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की योजना अब परवान चढ़ने वाली है. दिल्ली सरकार बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा की शुरुआत 12 जुलाई से करने जा रही है.

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को हरी झंडी
सरकार ने पहली तीर्थ यात्रा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब मे कराने का निर्णय लिया है. इस यात्रा के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन से उपलब्ध ट्रेन को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 12 जुलाई को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में ही बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा का ऐलान किया गया था. इसमें सिर्फ बुजुर्गों को ही एक अटेंडेंट के साथ तीर्थ यात्रा के लिए भेजने की योजना बनायी गयी थी. इन यात्राओं के लिए सभी 70 विधानसभाओं के बुजुर्गों को अपने अपने विधायकों के जरिए आवेदन करने को कहा गया था.

इन प्राप्त आवेदनों में से 1000 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा के लिए भेजा जाएगा. पहली यात्रा के बाद दूसरी, तीसरी व अन्य रूटों के लिए जिन बुजुर्गों ने आवेदन किया था, उसे भी भेजने पर विचार किया जाएगा. बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने के लिए जो धार्मिक रूट बनाए गए हैं वह पांच अलग-अलग राज्यों में है. इसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, यूपी, राजस्थान और हिमाचल शामिल है.
12 जुलाई को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत पंजाब से होगी. इस दौरान बुजुर्ग यात्रियों को पहले अमृतसर के गोल्डन टेंपल, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कराएंगे. फिर एक-एक रूट के लिए कम से कम 1000 बुजुर्गों का आवेदन मिलता रहेगा.

यह तीर्थ यात्रा 3 दिन और 2 रात तक की होगी. यात्रा के लिए जो रूट तय किए गए हैं, उनमें मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब और वैष्णो देवी शामिल है. सरकार द्वारा शुरू किए गए इस योजना को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना नाम दिया गया है. तीर्थ यात्रा योजना का लाभ उठाने वाले के लिए उम्र 60 साल या उससे अधिक होनी चाहिए. हर बुजुर्ग के साथ एक 21 साल या उससे अधिक उम्र का एक सहायक तीर्थ यात्रा पर जा सकता है.

इस योजना के तहत दूसरा जत्था 20 जुलाई को रवाना होगा जो 24 जुलाई को वापस आएगा. दूसरे जत्थे को जम्मू कश्मीर के माता वैष्णों देवी दर्शन के लिए रवाना किया जाएगा. दिल्ली सरकार से पहले मध्यप्रदेश की पूर्व भाजपा शासित सरकार ने बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की थी.

नई दिल्ली. राजधानी के बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की योजना अब परवान चढ़ने वाली है. दिल्ली सरकार बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा की शुरुआत 12 जुलाई से करने जा रही है.

मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को हरी झंडी
सरकार ने पहली तीर्थ यात्रा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब मे कराने का निर्णय लिया है. इस यात्रा के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन से उपलब्ध ट्रेन को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 12 जुलाई को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में ही बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा का ऐलान किया गया था. इसमें सिर्फ बुजुर्गों को ही एक अटेंडेंट के साथ तीर्थ यात्रा के लिए भेजने की योजना बनायी गयी थी. इन यात्राओं के लिए सभी 70 विधानसभाओं के बुजुर्गों को अपने अपने विधायकों के जरिए आवेदन करने को कहा गया था.

इन प्राप्त आवेदनों में से 1000 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा के लिए भेजा जाएगा. पहली यात्रा के बाद दूसरी, तीसरी व अन्य रूटों के लिए जिन बुजुर्गों ने आवेदन किया था, उसे भी भेजने पर विचार किया जाएगा. बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने के लिए जो धार्मिक रूट बनाए गए हैं वह पांच अलग-अलग राज्यों में है. इसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, यूपी, राजस्थान और हिमाचल शामिल है.
12 जुलाई को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत पंजाब से होगी. इस दौरान बुजुर्ग यात्रियों को पहले अमृतसर के गोल्डन टेंपल, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कराएंगे. फिर एक-एक रूट के लिए कम से कम 1000 बुजुर्गों का आवेदन मिलता रहेगा.

यह तीर्थ यात्रा 3 दिन और 2 रात तक की होगी. यात्रा के लिए जो रूट तय किए गए हैं, उनमें मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब और वैष्णो देवी शामिल है. सरकार द्वारा शुरू किए गए इस योजना को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना नाम दिया गया है. तीर्थ यात्रा योजना का लाभ उठाने वाले के लिए उम्र 60 साल या उससे अधिक होनी चाहिए. हर बुजुर्ग के साथ एक 21 साल या उससे अधिक उम्र का एक सहायक तीर्थ यात्रा पर जा सकता है.

इस योजना के तहत दूसरा जत्था 20 जुलाई को रवाना होगा जो 24 जुलाई को वापस आएगा. दूसरे जत्थे को जम्मू कश्मीर के माता वैष्णों देवी दर्शन के लिए रवाना किया जाएगा. दिल्ली सरकार से पहले मध्यप्रदेश की पूर्व भाजपा शासित सरकार ने बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत की थी.

Intro:नई दिल्ली. चुनावी वर्ष में राजधानी के बुजुर्गों को मुफ्त तीर्थ यात्रा कराने की मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की योजना अब परवान चढ़ने वाली है. दिल्ली सरकार बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा की शुरुआत 12 जुलाई से करने जा रही है. दिल्ली सरकार ने पहली तीर्थ यात्रा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब कराने का निर्णय लिया है. इस यात्रा के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन से उपलब्ध ट्रेन को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 12 जुलाई को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे.


Body:दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में ही बुजुर्गों के लिए मुफ्त तीर्थ यात्रा का ऐलान किया था. इसमें सिर्फ बुजुर्गों को ही एक अटेंडेंट के साथ तीर्थ यात्रा के लिए भेजने की योजना. इन यात्राओं के लिए सभी 70 विधानसभाओं के बुजुर्गों को अपने अपने विधायकों के जरिए आवेदन करने को कहा गया था.

इन प्राप्त आवेदनों में से 1000 बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा के लिए भेजा जाएगा. पहली यात्रा के बाद दूसरी, तीसरी व अन्य रूटों के लिए जो बुजुर्गों ने आवेदन किया था, उसे भी भेजने पर विचार किया जाएगा. बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा कराने के लिए जो धार्मिक रूट बनाए गए हैं वह पांच अलग-अलग राज्यों में है. इसमें जम्मू-कश्मीर, पंजाब, यूपी, राजस्थान और हिमाचल शामिल है.

12 जुलाई को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना की शुरुआत पंजाब से होगी. इस दौरान बुजुर्ग यात्रियों को पहले अमृतसर के गोल्डन टेंपल, बाघा बॉर्डर और आनंदपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन कराए जाएंगे. जैसे-जैसे एक-एक रूट के लिए कम से कम 1000 बुजुर्गों का आवेदन मिलता रहेगा, जांच के बाद वह फिट पाए जाते हैं तब उस रूट पर उन्हें भेजा जाएगा.

यह तीर्थ यात्रा 3 दिन और 2 रात तक की होगी. यात्रा के लिए जो रूट तय किए गए हैं, उनमें मथुरा-वृंदावन, हरिद्वार-ऋषिकेश-नीलकंठ, पुष्कर-अजमेर, अमृतसर-बाघा बॉर्डर-आनंदपुर साहिब और वैष्णो देवी शामिल है. सरकार द्वारा शुरू किए गए इस योजना को मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना नाम दिया गया है. तीर्थ यात्रा योजना का लाभ उठाने वाले के लिए उम्र 60 साल या अधिक होना चाहिए. हर बुजुर्ग के साथ एक 21 साल या उससे अधिक उम्र का एक सहायक तीर्थ यात्रा पर जा सकता है.

इस योजना के तहत दूसरा जत्था 20 जुलाई को रवाना होगी जो 24 जुलाई को वापस आएगी. दूसरे जत्थे को जम्मू कश्मीर माता वैष्णो देवी दर्शन के लिए रवाना किया जाएगा.





Conclusion:बता दें कि दिल्ली सरकार से पहले मध्यप्रदेश की पूर्व भाजपा शासित सरकार ने बुजुर्गों के लिए तीर्थ यात्रा योजना की शुरूआत की थी.

समाप्त, आशुतोष झा

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