नई दिल्ली/नोएडा: गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड जीआईपीएल यानी बाइक बोट ने अब तक करीब 650 करोड़ रुपये दूसरी कंपनी को डायवर्ट किए हैं. इस बात का खुलासा एसपी देहात विनय जायसवाल के नेतृत्व में गठित एसआईटी टीम की जांच में हुआ है.
पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर को रिमांड पर लेकर पूछताछ की, जिसमें कई खुलासे हुए है. एसआईटी ने 129 गाड़ियां और काफी दस्तावेज भी बरामद किए हैं.
रिमांड पर लेकर की पूछताछ
नोएडा के सेक्टर 14 स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि बाइक बोट कंपनी पर अब तक 37 मामले दर्ज हो चुके हैं. कंपनी का मालिक संजय भाटी और विजयपाल कसाना को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने के बाद दादरी क्षेत्र के कोर्ट गांव स्थित ऑफिस से कुल 102 मोटरसाइकिल और 27 कारें बरामद की गई हैं. इनकी कीमत लगभग आठ करोड़ 75 लाख रुपये हैं.
पूछताछ में यह भी पता चला कि दिसंबर 2018 तक कंपनी ने 2.25 लाख निवेशकों की आईडी एक्टिवेट की है. शुरुआती जांच के बाद यह अनुमान लगाया गया है कि कंपनी ने निवेशकों से लगभग पंद्रह सौ करोड़ रुपये की ठगी की है.
दो दर्जन बैंक खाते हुए सीज
एसएसपी ने बताया कि एसआईटी ने कंपनी के उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में खोले गए लगभग दो दर्जन बैंक खातों को सीज किया है. उन्होंने बताया कि बाइक बोट कंपनी ने अब तक करीब 650 करोड़ विभिन्न कंपनियों में डाइवर्ट किए हैं.
एसएसपी ने बताया कि कंपनी ने बाइक बोट नाम की स्कीम बनाई थी, जिसके तहत निवेशकों को एक टैक्सी बाइक के लिए 62 हजार 1सौ रुपये निवेश करना था. बदले में उन्हें 12 महीने किस्तों में 4590 रुपये बाइक का किराया और 5175 रुपये लाभांश यानी कुल 1 लाख 17 हजार180 रुपए मिलना था.
कंपनी मालिक ने हड़पे करोड़ों
एसएसपी ने बताया कि केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने वाले 42 वर्षीय संजय भाटी ने देशभर से निवेशकों को लालच देकर करोड़ों रुपये का निवेश कराया और फिर उसे हड़प लिया. कंपनी के मालिक की निशानदेही पर 27 लग्जरी कारें और 102 बाइक के अलावा 5 बोरे फर्जी चेक बरामद किए गए हैं. जो निवेशकों को लाभांश के तौर पर दिए जाने थे.
इसके अलावा कंपनी के ऑफिस से दूसरे दस्तावेज, साक्ष्य और जले हुए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं. साथ ही इस मामले में और भी कई पहलुओ से जांच की जाना बाकी है.