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PM-किसान योजना के लाभ से 67.82 लाख किसान वंचित

पीएम किसान योजना पर बोलते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि इसका लाभ सभी किसानों को नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि 67.82 लाख किसान इससे वंचित हैं.

केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह (फाइल फोटो)
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Published : Mar 17, 2019, 11:06 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने रविवार को कहा कि 67.82 लाख से ज्यादा किसान सीधा लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना से वंचित रह जाएंगे क्योंकि पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली ने अपना ब्योरा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है. इन तीनों प्रदेशों के अलावा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और लक्षद्वीप में निधि का हस्तांतरण पात्र किसानों को नहीं किया गया है क्योंकि अपलोड किए गए आंकड़ों की जांच व निधि जारी करने की मांग नहीं की गई है.

सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अगर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 1,342 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त की गई होती तो प्रदेश के 67.11 लाख किसानों में से प्रत्येक को 2,000 रुपये मिले होते.

इसी प्रकार, सिक्किम में 55,090 और दिल्ली में 15,880 किसानों को योजना के तहत उनकी निधि क्रमश: 11 करोड़ रुपये और तीन करोड़ रुपये से उनका हिस्सा नहीं मिल पाया.

नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए सालाना 6,000 रुपये की सीधी आय सहायता की घोषणा की. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की यह रकम दो हेक्टेयर यानी पांच एकड़ से कम जोत की जमीन वाले 12.5 करोड़ छोटे व सीमांत तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी.

प्रथम चरण में वित्त वर्ष 2018-19 की समाप्ति से पहले प्रत्येक किसान को 2,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

सिंह ने बताया कि 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 4.71 करोड़ किसानों के विवरण अपलोड किए गए हैं और जांच के बाद उनमें से 3.11 करोड़ को पात्र पाया गया है.

उन्होंने बताया कि प्रथम किस्त का हस्तांतरण करीब 2.75 करोड़ किसानों को किया जा चुका है और 22 लाख अतिरिक्त किसानों को हस्तांतरित करने की मांग की गई है.

उन्होंने बताया कि प्रदेशों को 1.65 करोड़ लाभार्थियों के विवरण शुद्धि के लिए वापस भेजा गया है, जो अब तक लंबित है.

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने रविवार को कहा कि 67.82 लाख से ज्यादा किसान सीधा लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजना से वंचित रह जाएंगे क्योंकि पश्चिम बंगाल, सिक्किम और दिल्ली ने अपना ब्योरा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है. इन तीनों प्रदेशों के अलावा, मध्यप्रदेश, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और लक्षद्वीप में निधि का हस्तांतरण पात्र किसानों को नहीं किया गया है क्योंकि अपलोड किए गए आंकड़ों की जांच व निधि जारी करने की मांग नहीं की गई है.

सिंह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में अगर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 1,342 करोड़ रुपये की पहली किस्त प्राप्त की गई होती तो प्रदेश के 67.11 लाख किसानों में से प्रत्येक को 2,000 रुपये मिले होते.

इसी प्रकार, सिक्किम में 55,090 और दिल्ली में 15,880 किसानों को योजना के तहत उनकी निधि क्रमश: 11 करोड़ रुपये और तीन करोड़ रुपये से उनका हिस्सा नहीं मिल पाया.

नरेंद्र मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में किसानों के लिए सालाना 6,000 रुपये की सीधी आय सहायता की घोषणा की. पीएम किसान सम्मान निधि योजना की यह रकम दो हेक्टेयर यानी पांच एकड़ से कम जोत की जमीन वाले 12.5 करोड़ छोटे व सीमांत तीन किस्तों में प्रदान की जाएगी.

प्रथम चरण में वित्त वर्ष 2018-19 की समाप्ति से पहले प्रत्येक किसान को 2,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा.

सिंह ने बताया कि 33 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा 4.71 करोड़ किसानों के विवरण अपलोड किए गए हैं और जांच के बाद उनमें से 3.11 करोड़ को पात्र पाया गया है.

उन्होंने बताया कि प्रथम किस्त का हस्तांतरण करीब 2.75 करोड़ किसानों को किया जा चुका है और 22 लाख अतिरिक्त किसानों को हस्तांतरित करने की मांग की गई है.

उन्होंने बताया कि प्रदेशों को 1.65 करोड़ लाभार्थियों के विवरण शुद्धि के लिए वापस भेजा गया है, जो अब तक लंबित है.

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