आइजोल : जोराम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) के नेता लालदुहोमा 8 दिसंबर को मिजोरम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. राजभवन के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि लालदुहोमा के अलावा उनकी मंत्रिपरिषद के अन्य सदस्यों को भी शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे राजभवन में एक समारोह में शपथ दिलाई जाएगी. इससे पहले, लालदुहोमा ने राज्यपाल हरी बाबू कंभमपति से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया.
जेडपीएम ने सात नवंबर को मिजोरम में हुए विधानसभा चुनाव में 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की. पार्टी ने सोमवार को आए मतगणना परिणाम में जोरमथांगा के नेतृत्व वाले मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को हरा जीत हासिल की. जेडपीएम के मीडिया प्रकोष्ठ के महासचिव एड्डी जोसांगलियाना कोलनी ने कहा कि पार्टी की सलाहकार इकाई नयी सरकार के गठन के संबंध में गुरुवार को लालदुहोमा से मुलाकात करेगी. उन्होंने कहा कि बैठक में मंत्रिपरिषद के गठन और अन्य मुद्दों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
-
VIDEO | Mizoram election results 2023: ZPM leader Lalduhoma meets Governor Hari Babu Kambhampati, stakes claim to form government
— Press Trust of India (@PTI_News) December 6, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
"I thank the people of Mizoram and those who prayed for us. I also thank the God, it is only because of the divine intervention that we could achieve… pic.twitter.com/2c2RUI3vjl
">VIDEO | Mizoram election results 2023: ZPM leader Lalduhoma meets Governor Hari Babu Kambhampati, stakes claim to form government
— Press Trust of India (@PTI_News) December 6, 2023
"I thank the people of Mizoram and those who prayed for us. I also thank the God, it is only because of the divine intervention that we could achieve… pic.twitter.com/2c2RUI3vjlVIDEO | Mizoram election results 2023: ZPM leader Lalduhoma meets Governor Hari Babu Kambhampati, stakes claim to form government
— Press Trust of India (@PTI_News) December 6, 2023
"I thank the people of Mizoram and those who prayed for us. I also thank the God, it is only because of the divine intervention that we could achieve… pic.twitter.com/2c2RUI3vjl
भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी लालदुहोमा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. लालदुहोमा को मंगलवार शाम को नवनिर्वाचित विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से जेडपीएम विधायक दल का नेता चुना गया। कोलनी ने कहा कि पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष के. सपडांगा को उपनेता चुना गया.
शरणार्थियों के मुद्दे पर शाह, जयशंकर से मुलाकात करूंगा: लालदुहोमा
मिजोरम के नामित मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने बुधवार को कहा कि वह म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों तथा मणिपुर से विस्थापित लोगों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे. जातीय संघर्ष सहित कई समस्याओं के कारण दोनों पड़ोसी देशों और मणिपुर के लगभग 44,000 लोगों ने मिजोरम में शरण ले रखी है.
लालदुहोमा ने राज्यपाल के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'मेरी मंगलवार को गृह मंत्री और विदेश मंत्री के साथ टेलीफोन पर बातचीत हुई. मैं जल्द ही दिल्ली में उनसे मिलकर चर्चा करूंगा कि केंद्र और राज्य सरकार शरणार्थियों एवं विस्थापित लोगों की देखभाल के लिए मिलकर कैसे काम कर सकती हैं.' जेडपीएम के नेता लालदुहोमा (73) ने कहा कि उनकी सरकार मानवीय आधार पर म्यांमार और बांग्लादेश के शरणार्थियों और मणिपुर के विस्थापित लोगों को आश्रय देना जारी रखेगी. लालदुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार यह भी देखेगी कि क्या वह मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) नीत निवर्तमान सरकार की तुलना में उन्हें बेहतर राहत दे सकती है.
जेडपीएम ने सोमवार को जोरमथांगा के नेतृत्व वाले एमएनएफ को हराकर कुल 40 विधानसभा सीटों में से 27 सीटें हासिल कीं. लालदुहोमा ने कहा कि वह जयशंकर, जो उनके सिविल सेवा बैचमेट हैं, के साथ म्यांमार के शरणार्थियों के प्रति देश की नीति पर चर्चा करेंगे. भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी लालदुहोमा ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी के रूप में सेवा दी थी. उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र म्यांमार के शरणार्थियों की देखभाल के लिए राज्य सरकार की मदद करेगी क्योंकि यह एक मानवीय मुद्दा है. राज्य गृह विभाग के अनुसार, म्यांमा के 31,300 से अधिक नागरिक और 1,100 से अधिक बांग्लादेशी नागरिक वर्तमान में मिजोरम में हैं.
चिन समुदाय से संबंधित म्यांमार के ये नागरिक मिजो के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं. उन्होंने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद फरवरी 2021 से शरण ले रखी है. बांग्लादेश के चटगांव हिल क्षेत्र से बावम या मिजो समुदाय के लोग, बांग्लादेश सेना और एक जातीय विद्रोही समूह के बीच गोलीबारी के बाद पिछले साल नवंबर में भागकर मिजोरम आ गए थे. इसके अलावा, जातीय संघर्ष के कारण इस साल मई से मणिपुर के आंतरिक रूप से विस्थापित करीब 12,000 लोगों ने मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ले रखी है.
ये भी पढ़ें - केंद्र से बनाएं अच्छे रिश्ते, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर नहीं करेंगे गठबंधन: लालदुहोमा