पटना: तमिलनाडु मामले में यूट्यूबर मनीष कश्यप का बचना मुश्किल दिख रहा है. बिहार और तमिनलाडु में इतने केस दर्ज हैं कि सभी में अगर सजा हो जाए तो पूरी जिंदगी मनीष को जेल में रहना पड़ेगा. तमिलनाडु में बिहारियों पर हुए कथित हमले व हिंसा भड़काने वाली अफवाह वीडियो वायरल करने के मामले में मनीष कश्यप बुरी तरह फंस चुका है. वीडियो फैलाने वाले आरोपी मनीष कश्यप पर बिहार से लेकर तमिलनाडु तक कई मामले दर्ज हैं. आइए जानते हैं कहां-कहां और कितने मामले दर्ज हैं.
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बेतिया में 7 मामले दर्जः बेतिया एसपी उपेंद्र नाथ वर्मा के अनुसार मनीष कश्यप पर केवल बेतिया में 7 मामले दर्ज हैं. पूरे बिहार में उसके ऊपर 14 से भी ज्यादा गंभीर मामले दर्ज हैं, जो कि अपराध के मामले हैं. इसके अलावा तमिलनाडु में मनीष कश्यप पर 13 मामले दर्ज हैं. मनीष कश्यप पर आईपीसी की धारा 153, 153(a), 153(b), 505 (1)(b), 505 (1)(c), 468, 471 एवं 120(b) तथा सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
सभी नॉन बेलेबल केस दर्जः कानून के जानकारों की माने तो मनीष कश्यप पर जितनी भी धाराएं लगीं है उनमें 1-2 छोड़कर सभी नॉन बेलेबल है. इसमें 468 धारा में 5 साल से 7 साल तक की सजा हो सकती है. वहीं 505 (1)(b) और 505 (1)(c) में 3 से 5 साल तक की सजा का प्रावधान है. मनीष कश्यप पर जो धाराएं लगीं है, उसमें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से जमानत मिलने की उम्मीद बहुत कम है. जिस तरह की धारा है, उसमें डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट जमानत नहीं दे सकते हैं. इसके लिएसेशन कोर्ट के जज से जमानत लेनी होगी. इसके लिए केस फाइल करनी होगी.
कश्मीरी दुकानदारों पर हमला मामले में केस दर्जः मनीष कश्यप पर तमिलनाडु के कृष्ण गिरी थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है. मनीष के खिलाफ तमिलनाडु में 86/ 2023 केस दर्ज किया गया है. आईपीसी की धारा 153, 153(a), 505 के तहत आरोप लगाए गए हैं. इसके अलावा अन्य अपराधों में भी मामले दर्ज हैं. 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में जो आतंकी हमला हुआ था, उसमें पटना में कश्मीरी दुकानदारों पर हमला किया गया था. इस मामले में भी मनीष कश्यप समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
एडवर्ड 7 की मूर्ति तोड़वाने का आरोपः पटना कोतवाली में 15 फरवरी 2019 को टीआरएफ 147, 148, 149, 448, 342, 323, 307, 324, 504, 506 के तहत मामले दर्ज हैं. इस मामले में मनीष कश्यप जेल भी गया था, हालांकि अभी तक इस में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया गया है. मनीष पर यह भी आरोप है कि उसके गृह जिले पश्चिम चंपारण में महारानी जानकी कुंवर अस्पताल परिसर में स्थित किंग एडवर्ड 7 की मूर्ति तोड़ने की उसने अपील की थी. इसके बाद पश्चिम चंपारण के डीएम की रिपोर्ट के आधार पर बेतिया पुलिस एफआईआर दर्ज की थी. इसमें मनीष कश्यप को मुख्य आरोपी बनाया गया था, जबकि 21 अन्य लोग नामजद हुए थे.
बेतिया थाने में मामला दर्जः बेतिया थाने में 11 अप्रैल को 2019 को 147, 148, 149, 188, 448, 338, 341, 323, 307, 354 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया गया था. इसमें 30 मई 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया है. इसके अलावा बेतिया थाने में 29 अप्रैल को केस दर्ज किया गया था. फिर बेतिया के मझौलिया थाने में 3 नवंबर 2020 को भी मनीष कश्यप के ऊपर कई धाराओं में केस दर्ज किया था. मझौलिया थाने में 6 अप्रैल 2021 को आईपीसी की धारा 448, 323, 353, 385, 504, 506, 34 के खिलाफ के तहत मामला दर्ज हुआ है.
Eou कर रही पूछताछः बता दें कि तमिलनाडु मामले में मनीष कश्यप पुलिस की सख्ती के कारण खुद को थाने में सरेंडर कर दिया है. आर्थिक अपराध इकाई की टीम मनीष से लगातार पूछताछ कर रही है. इस मामले में मनीष ने पूछताछ में कई सफेद पोश नेता के नामों का खुलासा किया है. कोर्ट में पेशी के बाद Eou की टीम एक बार फिर रिमांड पर लिया है, जिससे बुधवार को पूछताछ की जाएगी, जिसमें कई खुलासे हो सकते हैं.