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CWC New Team : सीडब्लूसी में युवाओं को नहीं मिली तरजीह, 'उदयपुर चिंतन शिविर' के संकल्पों को लगा झटका

कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर में घोषणा की थी कि पार्टी की सर्वोच्च इकाई सीडब्लूसी में आधे सदस्यों की आयु 50 साल से कम होगी. लेकिन रविवार को जब इसकी घोषणा की गई, तो मात्र तीन सदस्य ऐसे निकले, जो 50 साल से कम उम्र के हैं. ये हैं राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, लोकसभा में पार्टी के उपनेता गौरव गोगोई और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल. पढ़िए अमित अग्निहोत्री की एक रिपोर्ट.

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Published : Aug 20, 2023, 7:45 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पिछले साल 'उदयपुर संकल्प-पत्र' में इस बात का संकल्प व्यक्त किया था कि पार्टी फोरम में युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इसे फिफ्टी अंडर फिफ्टी (50 अंडर 50) का फॉर्मूला बताया गया था. इसका मतलब यह था कि पार्टी के सभी फोरम पर आधी सीटें युवाओं को दी जाएगी, यानि वे जो 50 साल से कम उम्र के हैं. रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा की और यहां पर उस फॉर्मूले की धज्जियां उड़ गईं. सीडब्लूसी पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक इकाई है.

खड़गे ने जिस तरह से अपनी टीम की घोषणा की, उनमें 39 में से मात्र तीन सदस्य ऐसे हैं, जो 50 साल के कम उम्र के हैं. ये हैं सचिन पायलट, कमलेश्वर पटेल और गौरव गोगोई. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कांग्रेस ने अपने ही संकल्पों को ताख कर रख दिया. उनके अनुसार ऐसा लगता है कि पार्टी सुधार के बजाए सभी को खुश करने के चक्कर में ही लगी रह गई. 39 में से 36 नेता ऐसे हैं, जो लंबे समय से पार्टी के निर्णायक बॉडी में बने हुए हैं.

उदाहरण के तौर पर आनंद शर्मा को लिया जा सकता है. वह 'जी-23' विद्रोही गुट के सदस्य माने जाते रहे हैं. उन्होंने 2020 में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. लेकिन उन्हें फिर से सीडब्लूसी में जगह दी गई है.

खड़गे ऑक्टूबर 2022 में पार्टी के अध्यक्ष बने थे. उम्मीद लगाई जा रही थी कि वह जल्द से जल्द अपनी टीम की घोषणा करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वह समय लेते रहे और घोषणा लगातार टलती चली गई. और देखिए, इतने दिनों बाद भी उन्होंने कैसी टीम की घोषणा की. वही पुराने चेहरे एक बार फिर से हावी होते हुए दिख रहे हैं. कुछ लोगों का मानना था कि सीडब्लूसी के सदस्यों के नामों की घोषणा में देरी हो रही है, तो हो सकता है पार्टी देश के दूसरे हिस्सों में उभर रहे युवा नेताओं की तलाश कर रही होगी, लेकिन जब लिस्ट सामने आई, तो इस सोच को झटका लगा.

पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता, जो महासचिव भी हैं, ने कहा कि अगर ऐसी ही टीम बनानी थी, तो इतना लंबा वक्त क्यों लिया गया. यह तो पहले भी किया जा सकता था. पार्टी पदाधिकारी अब तक 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपनी कार्ययोजना पर अमल शुरू कर चुके होते. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अभी थोड़ा इंतजार करना होगा, उसके बाद पूरी तस्वीर साफ होगी, खासकर युवाओं की उम्मीदों को जगह दी जाएगी.

एक अन्य नेता, पूर्व महासचिव, ने कहा कि इससे तो अच्छी पहली टीम थी. उनके अनुसार अगर इस टीम का हमलोग इंतजार कर रहे थे, तो आप मार्च में ही घोषणा कर देते, इतना लंबा वक्त लेने का औचित्य नहीं बनता था.

हालांकि, सचिन पायलट को जगह देकर पार्टी ने अच्छा किया. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह एक अच्छा निर्णय है. पार्टी ने राजस्थान इकाई को बैलेंस करने की कोशिश की है. एक अन्य नेता ने कहा कि वैसे युवाओं की बात करें, तो कन्हैया कुमार, अलका लांबा, दीपेंद्र हुड्डा और प्रणीति शिंदे जैसे चेहरे शामिल हैं. लेकिन ये सभी विशेष रूप से आमंत्रित सदस्य हैं, न कि सीडब्लूसी के रेगुलर सदस्य.

सीडब्लूसी में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है. इसके पहले मुख्यमंत्रियों को शामिल किया जाता था. पार्टी अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री भी इसके स्वतः सदस्य होते हैं. मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल है, जबकि सोनिया गांधी 76 साल की हैं.

ये भी पढ़ें : Kharge Constitutes CWC : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा की, थरूर को मिली जगह

नई दिल्ली : कांग्रेस ने पिछले साल 'उदयपुर संकल्प-पत्र' में इस बात का संकल्प व्यक्त किया था कि पार्टी फोरम में युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी. इसे फिफ्टी अंडर फिफ्टी (50 अंडर 50) का फॉर्मूला बताया गया था. इसका मतलब यह था कि पार्टी के सभी फोरम पर आधी सीटें युवाओं को दी जाएगी, यानि वे जो 50 साल से कम उम्र के हैं. रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा की और यहां पर उस फॉर्मूले की धज्जियां उड़ गईं. सीडब्लूसी पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक इकाई है.

खड़गे ने जिस तरह से अपनी टीम की घोषणा की, उनमें 39 में से मात्र तीन सदस्य ऐसे हैं, जो 50 साल के कम उम्र के हैं. ये हैं सचिन पायलट, कमलेश्वर पटेल और गौरव गोगोई. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि कांग्रेस ने अपने ही संकल्पों को ताख कर रख दिया. उनके अनुसार ऐसा लगता है कि पार्टी सुधार के बजाए सभी को खुश करने के चक्कर में ही लगी रह गई. 39 में से 36 नेता ऐसे हैं, जो लंबे समय से पार्टी के निर्णायक बॉडी में बने हुए हैं.

उदाहरण के तौर पर आनंद शर्मा को लिया जा सकता है. वह 'जी-23' विद्रोही गुट के सदस्य माने जाते रहे हैं. उन्होंने 2020 में सोनिया गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाए थे. लेकिन उन्हें फिर से सीडब्लूसी में जगह दी गई है.

खड़गे ऑक्टूबर 2022 में पार्टी के अध्यक्ष बने थे. उम्मीद लगाई जा रही थी कि वह जल्द से जल्द अपनी टीम की घोषणा करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. वह समय लेते रहे और घोषणा लगातार टलती चली गई. और देखिए, इतने दिनों बाद भी उन्होंने कैसी टीम की घोषणा की. वही पुराने चेहरे एक बार फिर से हावी होते हुए दिख रहे हैं. कुछ लोगों का मानना था कि सीडब्लूसी के सदस्यों के नामों की घोषणा में देरी हो रही है, तो हो सकता है पार्टी देश के दूसरे हिस्सों में उभर रहे युवा नेताओं की तलाश कर रही होगी, लेकिन जब लिस्ट सामने आई, तो इस सोच को झटका लगा.

पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता, जो महासचिव भी हैं, ने कहा कि अगर ऐसी ही टीम बनानी थी, तो इतना लंबा वक्त क्यों लिया गया. यह तो पहले भी किया जा सकता था. पार्टी पदाधिकारी अब तक 2024 लोकसभा चुनाव के लिए अपनी कार्ययोजना पर अमल शुरू कर चुके होते. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अभी थोड़ा इंतजार करना होगा, उसके बाद पूरी तस्वीर साफ होगी, खासकर युवाओं की उम्मीदों को जगह दी जाएगी.

एक अन्य नेता, पूर्व महासचिव, ने कहा कि इससे तो अच्छी पहली टीम थी. उनके अनुसार अगर इस टीम का हमलोग इंतजार कर रहे थे, तो आप मार्च में ही घोषणा कर देते, इतना लंबा वक्त लेने का औचित्य नहीं बनता था.

हालांकि, सचिन पायलट को जगह देकर पार्टी ने अच्छा किया. राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह एक अच्छा निर्णय है. पार्टी ने राजस्थान इकाई को बैलेंस करने की कोशिश की है. एक अन्य नेता ने कहा कि वैसे युवाओं की बात करें, तो कन्हैया कुमार, अलका लांबा, दीपेंद्र हुड्डा और प्रणीति शिंदे जैसे चेहरे शामिल हैं. लेकिन ये सभी विशेष रूप से आमंत्रित सदस्य हैं, न कि सीडब्लूसी के रेगुलर सदस्य.

सीडब्लूसी में किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है. इसके पहले मुख्यमंत्रियों को शामिल किया जाता था. पार्टी अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री भी इसके स्वतः सदस्य होते हैं. मनमोहन सिंह की उम्र 90 साल है, जबकि सोनिया गांधी 76 साल की हैं.

ये भी पढ़ें : Kharge Constitutes CWC : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के नामों की घोषणा की, थरूर को मिली जगह

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