ETV Bharat / bharat

प्रतीक के प्रयास से नशे के आदी युवाओं को मिल रही मुक्ति - Noble endeavour by a young man

संबलपुर के एक युवा प्रतीक भोई नशा मुक्ति केंद्र खोलकर युवाओं को तीन महीने तक काउंसिलिंग देकर नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे है. खास बात यह है कि नशा मुक्ति केंद्र खोलने वाले प्रतीक खुद नशे के आदी रहे हैं औ पांच साल तक संघर्ष करने के बाद वो इस जाल से बाहर आए.

युवाओं को मिल रही मुक्ति
युवाओं को मिल रही मुक्ति
author img

By

Published : Apr 12, 2021, 11:28 PM IST

भुवनेश्वर : वर्तमान समय में भारत विश्व में सबसे युवा आबादी वाला देश है. जो देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर प्रगतिशील होने का दम भर रहा है. उस युवा पीढ़ी को नशे की लत लगी हुई है.

यह युवा पीढ़ी लगातार नशे की गिरफ्त में आ रही है ,जो अत्यंत चिंता का विषय है. युवाओं में नशा अब इस कदर हावी हो गया है कि नशा अब केवल मौजमस्ती का साधन नहीं बल्कि आज की युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक बन गया है.

वर्तमान समय की युवा पीढ़ी नशे की आदी है और विभिन्न प्राकर के नशे का सेवन कर रही हैं, जैसे शराब, भांग, सिगरेट, ब्राउन शुगर आदि. यह माना जाता है कि जो एक बार नशे का आदी हो गया उसका वापस उबरना लगभग असंभव है.

युवाओं को मिल रही मुक्ति

संबलपुर के एक युवा प्रतीक भोई कुछ साल पहले नशे के आदी थे, लेकिन पांच साल तक संघर्ष करने के बाद वो इस जाल से बाहर आ गए और अब उन्होंने एक नशा मुक्ति केंद्र खोला है. अब प्रतीक उन लोगों को बचाने में मदद कर रहे है जो इसके आदी है.

प्रतीक भोई बताते है कि वह बारह वर्ष की आयु से ही नशे के आदी हो गए थे. ड्रग्स की लत से बाहर आना लगभग असंभव हो गया था. लेकिन एक नशा मुक्ति केंद्र की मदद से लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद प्रतीक इससे मुक्त हो गए. ड्रग्स के सेवन से छुटकारा पाने के अपने पांच वर्षों के संघर्ष के दौरान उन्होंने बहुत सारे अनुभव इकट्ठे किए है और अब उस अनुभव का उपयोग करके वे कई युवाओं को नशों से मुक्त होने में मदद कर रहे हैं.

पढ़ें : भारत में बढ़ रहा नशीली दवाओं का काला कारोबार, विदेश से पहुंच रही खेप

प्रतीक भोई बताते है कि मैंने एक नशा मुक्ति केंद्र खोला है अभी चौबीस युवाओं को तीन महीनों तक काउंसिलिंग देकर नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा हूं.

भुवनेश्वर : वर्तमान समय में भारत विश्व में सबसे युवा आबादी वाला देश है. जो देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर प्रगतिशील होने का दम भर रहा है. उस युवा पीढ़ी को नशे की लत लगी हुई है.

यह युवा पीढ़ी लगातार नशे की गिरफ्त में आ रही है ,जो अत्यंत चिंता का विषय है. युवाओं में नशा अब इस कदर हावी हो गया है कि नशा अब केवल मौजमस्ती का साधन नहीं बल्कि आज की युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक बन गया है.

वर्तमान समय की युवा पीढ़ी नशे की आदी है और विभिन्न प्राकर के नशे का सेवन कर रही हैं, जैसे शराब, भांग, सिगरेट, ब्राउन शुगर आदि. यह माना जाता है कि जो एक बार नशे का आदी हो गया उसका वापस उबरना लगभग असंभव है.

युवाओं को मिल रही मुक्ति

संबलपुर के एक युवा प्रतीक भोई कुछ साल पहले नशे के आदी थे, लेकिन पांच साल तक संघर्ष करने के बाद वो इस जाल से बाहर आ गए और अब उन्होंने एक नशा मुक्ति केंद्र खोला है. अब प्रतीक उन लोगों को बचाने में मदद कर रहे है जो इसके आदी है.

प्रतीक भोई बताते है कि वह बारह वर्ष की आयु से ही नशे के आदी हो गए थे. ड्रग्स की लत से बाहर आना लगभग असंभव हो गया था. लेकिन एक नशा मुक्ति केंद्र की मदद से लंबे समय तक संघर्ष करने के बाद प्रतीक इससे मुक्त हो गए. ड्रग्स के सेवन से छुटकारा पाने के अपने पांच वर्षों के संघर्ष के दौरान उन्होंने बहुत सारे अनुभव इकट्ठे किए है और अब उस अनुभव का उपयोग करके वे कई युवाओं को नशों से मुक्त होने में मदद कर रहे हैं.

पढ़ें : भारत में बढ़ रहा नशीली दवाओं का काला कारोबार, विदेश से पहुंच रही खेप

प्रतीक भोई बताते है कि मैंने एक नशा मुक्ति केंद्र खोला है अभी चौबीस युवाओं को तीन महीनों तक काउंसिलिंग देकर नशे की लत से बाहर निकालने की कोशिश कर रहा हूं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.