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गुजरात : 6 महीने से एक कमरे में बंद थी युवती, अंधविश्वास से जुड़ा है मामला

गुजरात के राजकोट में मानव सेवा समूह द्वारा एक युवती को बचाया गया है. यह लड़की शहर के साधु वासवानी रोड पर एक घर के एक कमरे में पिछले 6 महीने से बंद थी. उसने पिछले आठ दिनों से कुछ खाया-पिया भी नहीं था. लड़की कोमा जैसी स्थिति में थी और उसके मुंह से झाग निकल रहा था.

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Published : Jan 18, 2021, 11:01 PM IST

राजकोट : यहां के मानव सेवा समूह द्वारा एक युवती को बचाया गया है. लड़की शहर के साधु वासवानी रोड पर एक घर में पिछले 6 महीने से बंद थी. उसने पिछले आठ दिनों से कुछ खाया-पिया भी नहीं था. लड़की कोमा जैसी स्थिति में थी और उसके मुंह में झाग निकल रहा था. सेवा समूह ने बाद में लड़की को इलाज के लिए राजकोट के नागरिक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया.

घटना के पीछे अंधविश्वास का संदेह जताया जा रहा है, क्योंकि जिस कमरे में लड़की को पाया गया था उसके चारों ओर मूत्र से भरे बैग व टब पाए गए हैं. पड़ोसियों ने सेवा समूह से संपर्क किया, क्योंकि उन्हें किसी चीज की बदबू आ रही थी. सेवा समूह के जालपा पटेल ने ईटीवी भारत से कहा कि कुछ पड़ोसियों को उस लड़की के बारे में पता चला. जो छह महीने से एक ही कमरे में थी और उन्होंने हमसे यह कहते हुए संपर्क किया कि लड़की के घर से बदबू आ रही है.

परिवार ने किया विरोध

जालपाबेन और उनकी टीम पुलिस के साथ लड़की के घर पहुंची, तो परिवार वालों ने पहले सहयोग से इनकार कर दिया. इसके बाद एनजीओ और परिवार के सदस्यों के बीच काफी देर तक विवाद होता रहा. बाद में उन्हें अंदर आने दिया गया. कमरे में पहुंचने पर लड़की के मुंह से झाग निकलता पाया गया. जिस कमरे में उसे रखा गया था उसके आसपास मूत्र के टब मिले थे. इस संबंध में लड़की के परिवार द्वारा कोई खुलासा नहीं किया गया.

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र : जलगांव तालुका से पहली किन्नर ग्राम पंचायत सदस्य बनीं अंजलि

परिवार कर रहा आर्थिक मदद की मांग

जब एनजीओ के सदस्यों ने परिवार को लड़की का इलाज करने के लिए कहा, तो उन्होंने इलाज के लिए आर्थिक मदद की मांग की. यह भी पता चला कि परिवार पहले से लड़की के इलाज के लिए लोगों से पैसे की मांग कर रहा था.

राजकोट : यहां के मानव सेवा समूह द्वारा एक युवती को बचाया गया है. लड़की शहर के साधु वासवानी रोड पर एक घर में पिछले 6 महीने से बंद थी. उसने पिछले आठ दिनों से कुछ खाया-पिया भी नहीं था. लड़की कोमा जैसी स्थिति में थी और उसके मुंह में झाग निकल रहा था. सेवा समूह ने बाद में लड़की को इलाज के लिए राजकोट के नागरिक अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया.

घटना के पीछे अंधविश्वास का संदेह जताया जा रहा है, क्योंकि जिस कमरे में लड़की को पाया गया था उसके चारों ओर मूत्र से भरे बैग व टब पाए गए हैं. पड़ोसियों ने सेवा समूह से संपर्क किया, क्योंकि उन्हें किसी चीज की बदबू आ रही थी. सेवा समूह के जालपा पटेल ने ईटीवी भारत से कहा कि कुछ पड़ोसियों को उस लड़की के बारे में पता चला. जो छह महीने से एक ही कमरे में थी और उन्होंने हमसे यह कहते हुए संपर्क किया कि लड़की के घर से बदबू आ रही है.

परिवार ने किया विरोध

जालपाबेन और उनकी टीम पुलिस के साथ लड़की के घर पहुंची, तो परिवार वालों ने पहले सहयोग से इनकार कर दिया. इसके बाद एनजीओ और परिवार के सदस्यों के बीच काफी देर तक विवाद होता रहा. बाद में उन्हें अंदर आने दिया गया. कमरे में पहुंचने पर लड़की के मुंह से झाग निकलता पाया गया. जिस कमरे में उसे रखा गया था उसके आसपास मूत्र के टब मिले थे. इस संबंध में लड़की के परिवार द्वारा कोई खुलासा नहीं किया गया.

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परिवार कर रहा आर्थिक मदद की मांग

जब एनजीओ के सदस्यों ने परिवार को लड़की का इलाज करने के लिए कहा, तो उन्होंने इलाज के लिए आर्थिक मदद की मांग की. यह भी पता चला कि परिवार पहले से लड़की के इलाज के लिए लोगों से पैसे की मांग कर रहा था.

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